तबादलों की जोर आजमाइश में मंत्रालय से लेकर जिलों तक में होंगे बड़े बदलाव

मंत्रालय
  • इस बार विभागों में ऑफलाइन आवेदन होना है, इस कारण मंत्रियों के बंगलों पर बड़ी संख्या में आवेदक पहुंच रहे हैं…

    भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम।  प्रदेश में तबादलों को लेकर एक महीने के लिए प्रतिबंध हटा है। इस दौरान कई बड़े विभागों में हजारों आवेदन पहुंच रहे हैं। तबादलों की भीड़- पीडब्ल्यूडी, नगरीय प्रशासन एवं आवास, राजस्व, स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा और बिजली सहित बड़े विभागों में तबादलों के लिए भीड़ लग गई है। दरअसल इस बार सभी विभागों में ऑफलाइन आवेदन होना है, इस कारण मंत्रियों के बंगलों पर बड़ी संख्या में आवेदक पहुंच रहे हैं।
    यही वजह है कि अब उम्मीद है कि इस महीने के तीसरे और चौथे सप्ताह में थोकबंद तबादले होंगे। फिलहाल अभी तक कुछ ही विभागों में और बहुत कम सूचियां निकली है। हालांकि तबादले पर प्रतिबंध खुलने के पहले ही दिन एक जुलाई को सबसे पहले उच्च शिक्षा में तबादलों की लिस्ट जारी हुई थी। अब भी उच्च शिक्षा में बड़े पैमाने पर तबादले होना है। वहीं मंत्री, विधायक व संगठन के पदाधिकारियों के फीडबैक को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मंत्रालय के आला अफसरों को बदलने की तैयारी चल रही है। खासतौर पर जिन मंत्रियों की अपने विभाग के प्रमुख सचिव व सचिवों से पटरी नहीं बैठ रही है या जिनकी लंबे समय से शिकायतें आ रही है, ऐसे अफसरों को बदलने की तैयारी की जा रही है। वहीं जिलों में कलेक्टर, एसपी सहित अन्य ऐसे अधिकारियों को बदलने के लिए सूचियां तैयार की जा रही है जो या तो लंबे समय से जमे हुए हैं, या जिनका परफार्मेंस ठीक नहीं रहा है।
    बड़े स्तर का बदलाव फीडबैक के आधार पर  
    तबादलों पर से प्रतिबंध हटने के बाद  अब जिलों से लेकर मंत्रालय तक बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है।  खास बात है कि कुछ विभागों के प्रमुख सचिव भी बदलने की तैयारी है। इसकी बड़ी वजह यह है कि मंत्रियों और विधायकों से कई अफसरों को लेकर फीडबैक ठीक नहीं मिला है। कुछ मंत्री तो अपने प्रमुख सचिवों व आयुक्त स्तर के अफसरों तक को हटाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से गुहार लगा चुके हैं। इनमें से कुछ अफसर तो ऐसे हैं जिनकी पहले से ही अपने विभाग के मंत्री व अफसरों से पटरी नहीं बैठ रही थी। ऐसे में अब तबादलों के मौसम में यह खींचतान और बढ़ गई है। इसलिए मंत्री चाहते हैं कि जल्द से जल्द उनके पसंद के अफसर विभाग में रहे, ताकि विभागीय तबादलों में दिक्कत न रहे। इससे जल्द ही मैदानी स्तर से लेकर मंत्रालय के दफ्तर तक कुछ अफसरों को इधर-उधर किया जा सकता है।
    मंत्री चाहते हैं पसंदीदा अफसर
    उल्लेखनीय है कि कई मंत्रियों की अपने विभाग के प्रमुख सचिव से ही पटरी नहीं बैठ रही है, जिसकी लंबे समय से सीएम तक शिकायतें भी पहुंची हैं। यहां तक कि प्रमुख सचिव रोक चुके हैं मंत्रियों की फाइलें। करीब आधा दर्जन ऐसे मंत्री हैं, जो सीएम से अपने विभाग में अफसरों को बदलने की बात कह चुके हैं। यही नहीं इनमें से कुछ मंत्री तो अपने पसंदीदा अफसर को लाने के लिए बदलाव चाहते हैं, तो कुछ मौजूदा अफसर से नाराज हैं। मसलन, वित्त व वाणिज्यकर मंत्री जगदीश देवड़ा लंबे समय से वाणिज्यकर विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी को हटवाना चाहते हैं। दोनों के बीच कई बार फाइलों को लेकर खींचतान हो चुकी है। मंत्री की भेजी फाइलों को पीएस रोक चुकी हैं। इसी तरह कृषि मंत्री कमल पटेल पीएस अजीत केसरी से खुश नहीं हैं। वहीं स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी की पटरी भी एसीएस मोहम्मद सुलेमान से नहीं बैठ रही है। ऐसी ही स्थिति कई अन्य मंत्रियों और प्रमुख सचिवों के बीच बनी हुई है।
    परफार्मेंस और खरीदी बनेगी आधार
    सीएम शिवराज सिंह चौहान को मंत्रियों, विधायक और संगठन पदाधिकारियों से मिले फीडबैक को आधार गया है। इसके तहत जिलों में कलेक्टर और एसपी के स्तर पर बदलाव की आहट है। यानी जिलों के कई अफसर इधर-उधर किए जा सकते हैं। यही नहीं इसके अलावा अफसरों का कोरोना काल में परफार्मेंस व खरीदी परफार्मेंस भी आधार बनेगा। माना जा रहा है कि करीब आधा दर्जन से अधिक जिलों में बदलाव हो सकता है। वहीं कुछ विभागाध्यक्ष व संभागायुक्तों की जिम्मेदारियों में भी बदलाव किए जाने की तैयारी है। वहीं खाली पड़े पदों पर भी आईएएस-आईपीएस दोनों कैडर में पदस्थापना की जाएगी।

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