
- नर्सिंग घोटाला का मामला
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। देश भर में एक बार फिर से बदनामी की वजह बन चुका बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज घोटाले को लेकर अब सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच जिस तरह से आरोप प्रत्यारोपों की तलवारें खींची हुर्ई हैं, उससे यह तो तय है कि अब दोनों पक्षों ने इसे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है। विधानसभा का मानसून सत्र भी कल से शुरु हो रहा है, जिसकी वजह से अब सभी की निगाहें इस सत्र पर लग गई हैं। विपक्ष ने जहां सरकार को पूरी तरह से इस मामले में कटघरे में खड़ा करने की रणनीति तैयार की है तो सत्ता पक्ष भी माकूल उत्तर देने की रणनीति को अंतिम रुप देने में लगा हुआ है। सत्र में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस द्वारा नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में हुई गड़बडिय़ां को लेकर पूरी जानकारी जुटाने में लगा हुआ है। माना जा रहा है कि इस बार विपक्ष सीधे-सीधे इस मामले में आला अफसरों व संबधित मंत्री को निशाने पर लेने की तैयारी में है। दरअसल इस मामले में अब तक प्रदेश में छोटे कर्मचारियों पर ही कार्रवाई होती दिखी है। कांग्रेस के तेवर देखते हुए भाजपा में भी मंथन का दौर चल रहा है। भाजपा सरकार भी ऐसी ढाल की तलाश में है, जिससे विपक्ष के आरोपों को तो बोथरा किया ही जा सके साथ ही उसे भी कटघरे में खड़ा किया जा सके। इसके लिए गुपचुप तरीके से रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। दरअसल भाजपा संगठन व सरकार के रणनीतिकारों का मानना है कि इस मामले में कांग्रेस के दबाव में आकर किसी तरह का कोई कदम उठाया जाता है तो सरकार की छवि पर विपरीत असर पड़ सकता है। ऐसे में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को विशेष तौर पर तथ्य जुटाने में लगाया गया है। सरकार भी कमलनाथ सरकार के दौरान नर्सिंग कॉलेजों को दी गई अनुमतियों को खंगाल रही है। इसके लिए तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधों के कार्यकाल की पूरी जानकारी जुटाकर सार्वजनिक करने की तैयारी कर ली गई है। उधर, कांग्रेस भी इस मामले को व्यापमं जैसा मुद्दा बनाना चाहती है। भले ही सदन में बहस- तर्क में कांग्रेस पिछड़ जाए, लेकिन देशभर में प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश उसकी पूरी रहेगी।
यह है कॉलेजों की स्थिति
प्रदेश में कुल 756 नर्सिंग कॉलेज हैं। इनमें से 58 को सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिला है। बाकी 698 में से 308 की जांच सीबीआई कर चुकी है। इनमें से अनसूटेबल 66, खामियों वाले 73 कॉलेजों को छोड़ 169 की फिर जांच होगी। इस तरह से कुल 559 कॉलेजों की जांच शुरू हो चुकी है।
यह है मामला
हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई 559 कॉलेजों की जांच कर रही है। इनमें वे 169 कॉलेज भी शामिल हैं, जिन्हें सीबीआइ सूटेबल बता चुकी है। अब इन कॉलेजों की दोबारा से जांच कराई जा रही है। इस मामले में सबसे अहम खुलासा तो तब हुआ जब,19 मई 2024 वह तारीख थी जब नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच कर रही सीबीआई टीम के इंस्पेक्टर राहुल राज को दिल्ली सीबीआई ने 10 लाख की रिश्वत लेते भोपाल से गिरफ्तार किया। इसी दिन से नर्सिंग कॉलेज घोटाले की परतें उधड़ने लगीं। इसके बाद कई अफसर, कॉलेज संचालक, प्रिंसिपल और दलालों की गिरफ्तारियां हुई हैं।
कांग्रेस का सबसे बड़ा दांव
सरकार को बैकफुट पर लाना और नर्सिंग घोटाले को व्यापमं जैसा मुद्दा बनाना है। भले ही सदन में बहस- तर्क में कांग्रेस पिछड़ जाए, लेकिन देशभर में प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की जाएगी।
कांग्रेस सरकार में यह रही थी स्थिति
कांग्रेस सरकार के दौरान विजयलक्ष्मी साधौ (2018 से 2020) और भाजपा सरकार के तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के कार्यकाल 2020 से 2023 तक की रिपोर्ट तैयार की गई है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस शासन में 61 नए कॉलेजों के आवेदन आए। इनमें से 46 को अनुमति दी गई। वहीं, 455 कॉलेजों ने नवीनीकरण का आवेदन किया और इनमें से 407 को क्लीनचिट दे दी गई।