
- राज्य आनंद संस्थान की अभिनव पहल
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम/बिच्छू डॉट कॉम। करीब साढ़े चार साल पहले प्रदेश के सभी शहरों में धूमधाम से खड़ी की गई नेकी की दीवार आज कई शहरों में शो रूम का रूप ले चुकी है। राज्य आनंद संस्थान नेकी की दीवार को कम्युनिटी सेंटर की तर्ज पर संचालित करवाना चाहती है। इसका प्रयोग भोपाल, ग्वालियर, देवास, कटनी और उमरिया में किया गया है, जहां जबरदस्त सफलता मिली है।
गौरतलब है कि राज्य आनंद संस्थान द्वारा पूर्व में स्थापित की गई नेकी की दीवार अब बदले हुए स्वरूप में कवर्ड कैंपस में शुरू की जा रही हैं। भोपाल, बैतूल, उमरिया, कटनी, देवास, इंदौर व ग्वालियर सहित कुछ अन्य शहरों में ये केंद्र शुरू हो चुके हैं। नेकी कर दरिया में डाल की तर्ज पर इन दीवारों पर सक्षम लोग अपने पास मौजूद अतिरिक्त सामान-कपड़े आदि छोड़ जाते थे जिसे जरूरतमंद लोग उठा लेते थे। अब इन केंद्रों को नए सिरे से संवारने की कवायद शुरू की गई है। राज्य आनंद संस्थान ने नेकी की दीवार को कवर्ड कैंपस में कम्युनिटी सेंटर की तर्ज पर शुरू करने की पहल की है। इनके संचालन की जवाबदारी एनजीओ को सौंपी जा रही है।
राज्य आनंद संस्थान की पहल खूब भा रही
राज्य आनंद संस्थान की नई पहले लोगों को खूब पसंद आ रही है। भोपाल के बाबा नगर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र और सुभाषनगर में संचालित इन केंद्रों का शुरूआती फीडबैक उत्साहजनक है। ग्वालियर, उमरिया, देवास, कटनी सहित कुछ अन्य केंद्र के संचालकों ने वहां कपड़े व अन्य सामान को अच्छे से सजाया है। ये केंद्र किसी दुकान या शोरूम जैसे नजर आने लगे हैं। राज्य आनंद संस्थान के सीईओ अखिलेश अर्गल बताते हैं कि नेकी की दीवार को जिला मुख्यालय से ब्लॉक स्तर तक खोलने की प्लानिंग है। इन केंद्रों पर आनंदम संस्थान की अन्य गतिविधियां भी शुरू करेंगे। बच्चों के लिए योग-ध्यान कैंप और सकारात्मक भाव को विकसित करने वाले खेलों के साधन भी होंगे।
थीम पुरानी स्वरूप हो गया नया
भोपाल, ग्वालियर, देवास, कटनी और उमरिया जैसे जिलों में खोले गए ये केंद्र किसी शो रूम की तरह नजर आते हैं। इन केंद्रों पर थीम वही पुरानी रखी गई है लेकिन उसका स्वरूप बदल दिया गया है। जिन लोगों के पास जरूरत से ज्यादा कपड़े और घर-गृहस्थी का सामान है उसे वह इन नेकी की दीवार केंद्रों पर छोड़ जाते हैं और जरूरतमंद लोग उसे बिना किसी झिझक के उठा लेते हैं।