सियासतनामा/भाजपा के नए मुखिया में दिखी नया करने की ललक

  • दिनेश निगम त्यागी

भाजपा के नए मुखिया में दिखी नया करने की ललक
प्रदेश भाजपा के नए मुखिया हेमंत खंडेलवाल पद संभालने के बाद से ही कुछ नया करते दिखाई पडऩे लगे हैं। उनके प्रयासों की तारीफ होने लगी है। एक निर्णय में तय किया गया है कि प्रदेश कार्यालय में हर दिन एक मंत्री जरूर बैठेगा। मंत्री न केवल कार्यालय में बैठकर लोगों से मुलाकात करेंगे, बल्कि प्रमुख विषयों पर सरकार का पक्ष मी रखेंगे। एक अन्य निर्णय में खंडेलवाल ने तय किया है कि वे खुद कार्यकर्ताओं से सोमवार और मंगलवार को मिलेंगे ताकि नेता-कार्यकर्ता हर रोज प्रदेश कार्यालय का, चक्कर न लगाएं। उन्होंने जिला अध्यक्षों से भी कहा है कि वे कार्यालय में सातों दिन न बैठे। जिला कार्यालय पर रहने के लिए दो दिन तय करें और बाकी दिनों में जिले में प्रवास के कार्यक्रम बनाएं। साफ है कि खंडेलवाल के अंदर व्यवस्था में सुधार की ललक है।

तो बज सकता देश की राजनीति में मप्र का डंका
राजनीतिक हलकों में इस समय जो अटकलें चल रही हैं यदि वे सच साबित हो गई तो देश की राजनीति में मध्य प्रदेश का डंका बज सकता है। दो महत्वपूर्ण पद खाली हैं। जिन पर नेताओं का चयन भाजपा नेतृत्व को करना है। पहला, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव टल रहा चुनाव कमी भी हो सकता है और दूसरा, जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से उप राष्ट्रपति का पद खाली है। इन दोनों पदों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जो नाम चल रहे हैं उनमें दो मप्र के दिग्गज नेताओं के भी हैं। इनमें एक हैं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और दूसरे कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत। यदि भाजपा अध्यक्ष और उप राष्ट्रपति पद पर इन नेताओं को चुन लिया जाए तो देश की राजनीति में मप्र कहां पहुंच जाएगा।

क्या सीएम, डिप्टी सीएम से भी बड़े हो गए यह एमएलए?
इंदौर से विधायक गोलू शुक्ला। ये खुद को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला से भी बड़ा समझ बैठे। सावन माह में भीड़ को देखते हुए वीआईपी का महाकाल के गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित है। पर गोलू शुक्ला अपने बेटे रुद्राक्ष के साथ भस्म आरती के समय महाकाल के गर्भगृह में प्रवेश कर गए। पुजारियों ने विधायक के बेटे रुद्राक्ष को जाने से रोका तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया। भस्म आरती का लाइव प्रसारण भी बंद करा दिया।  

सिंधिया को लेकर नहीं थम रही खींचतान
कांग्रेस से भाजपा में आए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर पार्टी के अंदर खींचतान कम नहीं हो पा रही है। इसका सबसे ज्यादा असर चंबल-ग्वालियर अंचल में देखने को मिल रहा है और बुंदेलखंड सहित उन क्षेत्रों में भी, जहां सिंधिया समर्थक कुछ नेता ताकतवर हैं। चंबल-ग्वालियर अंचल में पहले से स्थापित नेता है विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, दूसरे सिंधिया भाजपा के साथ तालमेल बनाने की कोशिश में हैं। क्षेत्र में विकास के कार्यों को लेकर श्रेय की होड़ लगती है। इसे लेकर सिंधिया की ग्वालियर सांसद भरत सिंह कुशवाह के साथ भी विवाद की खबरें आ चुकी हैं। वजह यह भी है कि सिंधिया और उनके समर्थक हर अवसर पर कहते हैं कि यह काम सिंधिया की बदौलत हुआ। मुरैना के एक कार्यक्रम में नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा की गई टिप्पणी को इसी गुटबाजी से जोड़ कर देखा जा रहा है। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि गांवों में सडक़, बिजली और नल जल जैसी योजनाएं पहुंच रही हैं, हैं। लेकिन यह मेरे या मुरैना सांसद के कारण नहीं आई हैं।

मप्र पुलिस में भी धर्म की एंट्री
अब तक पुलिस थाना परिसरों में हनुमान जी के मंदिर देखे-सुने थे। प्रदेश के वरिष्ठ आईपीएस एडीजी (प्रशिक्षण) राजाबाबू सिंह इससे चार कदम आगे बढ़ गए। उनके एक निर्देश से विवाद बढ़ सकता है। उन्होंने प्रदेश पुलिस में भर्ती नए आरक्षकों को प्रशिक्षण के दौरान रामचरित मानस (रामायण) का पाठ करने को कहा है। सिंह ने ट्रेनिंग लेने पहुंचे आरक्षकों से कहा था कि भगवान राम ने 14 साल का वनवास स्वीकार किया था। भगवान जब माता-पिता की आज्ञा मानने के लिए 14 साल वन में रह सकते हैं तो आप अपने ट्रेनिंग के लिए घर-परिवार से दूर नहीं रह सकते। मेरा सुझाव है कि जो नाए आरक्षक है वे रोज सोने से पहले रामचरितमानस का पाठ करें।

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