
- इंदौर में संघ और भाजपा ने बनाई चुनाव रणनीति
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम।
मप्र में भाजपा हर हाल में इस बार के विधानसभा चुनाव में 200 पार का लक्ष्य पाना चाहती है। इसके लिए सत्ता और संगठन रणनीति बनाकर काम कर रहे हैं, वहीं गतदिनों आरएसएस ने भाजपा संगठन के साथ बैठकर चुनावी रणनीति पर मंथन किया गया। इस बैठक में टिकट वितरण, प्रचार की रणनीति, असंतुष्टों को मनाने, चुनावी मुद्दों, सोशल इंजीनियरिंग आदि विषयों पर चर्चा की गई। बैठक में 200 पार के फॉर्मूले पर विचार किया गया और तय किया गया कि मालवा के रास्ते 200 पार का लक्ष्य आसानी से पाया जा सकता है। गौरतलब है की मालवा संघ का गढ़ है। यहां के हर घर में संघ की मजबूत पकड़ है। वहीं भाजपा भी इस क्षेत्र में मजबूत है। इसलिए संघ और भाजपा की यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस बैठक में विधानसभा के चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने एक साथ बैठकर चुनावी रणनीति पर मंथन किया। विधानसभा चुनाव के नजरिये से इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर विचार कर सत्ता-संगठन के रोडमैप पर चर्चा की गई। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने कार्यकर्ताओं के फीडबैक से सभी दिग्गजों को अवगत कराया।
पहला फोकस रूठों को मनाना
संघ ने अपने स्वयसंवकों से मिले फीडबैक के आधार पर सबसे पहले रूठों को मनाने पर फोकस करने को कहा है। इस पर तय किया गया कि सबसे पहले उन कार्यकर्ताओं को चिन्हित किया जाए, जो नाराज चल रहे हैं। वरिष्ठ नेताओं को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई कि वे सभी के साथ बातचीत कर उन्हें मनाएंगे। इसकी शुरूआत भी मालवांचल से ही होगी। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इंदौर के रूठे कार्यकर्ताओं को मनाएंगे। बैठक में सभी अंचलों की चुनौतियों का अध्ययन किया गया और तय किया गया कि जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) या भीम आर्मी जैसे संगठनों की असलियत समाज को बताई जाए। बैठक में संघ की ओर से सहसरकार्यवाह अरुण कुमार भी शामिल हुए। वे भाजपा और संघ के बीच समन्वय का काम देखते हैं। इसके अलावा संघ के क्षेत्रीय प्रचारक और प्रांत प्रचारक भी बैठक में मौजूद थे। भाजपा से प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा बैठक में मौजूद रहे।
एससी-एसटी क्षेत्रों में बढ़ाई जाएगी सक्रियता
बैठक में जातिगत वोटों पर भी मंथन किया गया और उनको साधने के लिए कार्यक्रम बनाकर काम करने का फॉर्मूला बनाया गया। इसके तहत पार्टी एससी और एसटी को साधने पर अधिक जोर देगी। इसी तरह अनुसूचित जाति (अजा) बहुल क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा समरसता के कार्यक्रम चलाए जाने की आवश्यकता बताई गई। आंबेडकर जयंती पर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में महाकुंभ के साथ गांव तक कार्यक्रम करने के लिए भाजपा संगठन से कहा गया है। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के हितग्राहियों को जोडक़र उनके सम्मेलन आयोजित करने की रणनीति बनाई गई। वहीं बैठक में मध्य प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की रणनीति पर विचार किया गया। साथ ही तय किया गया कि इन क्षेत्रों में आदिवासी वर्ग के लिए भाजपा द्वारा किए गए प्रयासों से एक-एक मतदाता को अवगत कराया जाए। कांग्रेस ने उन्हें 70 साल में नेतृत्व के लायक नहीं समझा लेकिन भाजपा ने देश को आदिवासी राष्ट्रपति दिया। यह बात आदिवासियों को समझाना है।
मोहल्ला स्तर पर होंगे संघ के कार्यक्रम
उधर विधानसभा चुनाव और आरएसएस के आगामी कार्यक्रमों को लेकर इंदौर में मध्य क्षेत्र की बड़ी बैठक हुई। इसमें मध्य भारत, महाकौशल, मालवा और छत्तीसगढ़ प्रांत के संघ पदाधिकारी और अनुषांगिक संगठनों के प्रमुख शामिल हुए है। इसमें पिछले दिनों हरियाणा में हुई प्रतिनिधि सभा की बैठक में लिए गए निर्णय पर कार्ययोजना बनाकर संघ शाखाएं बढ़ाने पर चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि संघ से युवा शक्ति को जोडऩे के लिए शाखाओं का विस्तार आवश्यक है। एक लाख शाखाओं का लक्ष्य हासिल करने के लिए मोहल्ला स्तर पर कार्यक्रम करने होंगे। इस दौरान सरसह कार्यवाह मनमोहन वैद्य, अरुण कुमार, क्षेत्रसंघ कार्यवाह अशोक सोहनी ने चारों प्रातों में संघ द्वारा चलाए जा रहे प्रकल्पों पर बात की। संघ के दो साल बाद 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। अभी देशभर में 60 हजार से ज्यादा शाखाएं संचालित हो रही हैं। इन्हें दो साल में एक लाख तक करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही पारिवारिक शाखाओं की शुरुआत करने पर भी बात हुई। मध्यक्षेत्र के चारों प्रांतों में शाखाओं का विस्तार किया जाएगा। इस मौके पर कुटुंब प्रबोधन कार्यक्रम को प्रभावी बनाने पर विशेष जोर दिया गया। इस प्रकल्प के माध्यम से संघ ने परिवारों को जोडऩे का लक्ष्य रखा है। इसके लिए अब मोहल्ला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें पारिवारिक एकता के महत्व को संगोष्ठी व अन्य कार्यक्रम के माध्यम से बताया जाएगा।
मप्र और छग के चुनाव पर मंथन
इस साल मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सरकार की कार्यप्रणाली और विधायकों की जनता के सामने छवि को लेकर संघ ने फीडबैक लिया था। इससे बड़ी संख्या में टिकटों का समीकरण बदल सकता है। इन तमाम विषय पर बैठक में बात हुई। बैठक में मध्य भारत, महाकौशल, मालवा और छत्तीसगढ़ प्रांत के संघ पदाधिकारियों के साथ भाजपा, विद्या भारती, एबीवीपी, मजदूर संघ, किसान संघ, विहिप, सेवा भारती सहित तमाम संगठनों के पदाधिकारी बैठक में शामिल हुए। इंदौर में मालवा प्रांत के नए कार्यालय के उद्घाटन के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत को बुलाने पर भी चर्चा हुई।