
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। एमएसएमई विभाग में वर्षों से एक ही जगह जमे अधिकारियों के इस बार तबादले क्या हुए ऐसे बिलबिला रहे हैं जैसे उनकी नस दबा दी हो। दरअसल विभाग में ऐसे कई अधिकारी हैं जो पिछले सात-आठ साल से एक ही जगह जमे हुए हैं। ऐसे में इनकी सांठगांठ नेताओं के साथ ही विभाग के बड़े अफसरों से हो जाती है और इसी का फायदा यह अधिकारी उठाने की कोशिश में लग जाते हैं। यही नहीं इस बार जो तबादले हुए हैं इनमें से कई अधिकारी मंत्रियों के बंगलों पर सुबह-शाम चक्कर काट रहे हैं।
बहरहाल इतने लंबे समय तक जमे रहने के बावजूद भी ये मंत्रियों से अपने संबंधों की दुहाई देकर तो कोई सिफारिश लगवाकर पूरा जोर लगा रहे हैं कि तबादला रुक जाए। सूत्रों की माने तो कुछ अफसरों की जुगाड़ पक्की हो गई है। उल्लेखनीय है कि उद्योग महाप्रबंधक और प्रबंधकों के तबादले किए थे लेकिन इनमें महाप्रबंधक विनय तिवारी, एमएल चौधरी, लक्ष्मी गुप्ता के साथ ही नूतन उइके भी अपना ट्रांसफर रुकवाने के लिए जतन कर रही हैं। इनमें मध्यप्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन (एपीएसआईडीसी) में पिछले सात वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ महाप्रबंधक विनय तिवारी का सरकार ने ग्वालियर तबादला करते हुए उन्हें जिला उद्योग केंद्र का महाप्रबंधक बनाया है, जबकि विनय तिवारी ग्वालियर नहीं जाना चाहते हैं। वे अपना तबादला निरस्त कराने के लिए जुगाड़ में लग गए हैं।
दूसरी जगह नहीं जाना चाहते हैं अधिकारी
बहरहाल के सूत्रों की जानकारी है कि जिन 16 अधिकारियों के तबादले किए गए हैं उनमें से तो अपने वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से तो कोई सीधे मंत्रियों के बंगलों पर जाकर तबादला निरस्त कराने की जुगाड़ लगा रहे हैं। इन्हें मंत्रियों के बंगलों पर यदा-कदा देखा जा सकता है। जिन अधिकारियों के तबादले हुए हैं उनमें प्रबंधक एमएल चौधरी को पांच साल बाद छिंदवाड़ा से सिवनी तथा आठ साल से एक ही जगह जमीं लक्ष्मी गुप्ता का स्थानांतरण प्रभारी महाप्रबंधक राजगढ़ के पद पर किया गया है। इसी तरह प्रबंधक नूतन उइके को पांच साल बाद भोपाल से सिवनी तबादला किया गया है। खास बात यह है कि प्रबंधक से प्रभारी महाप्रबंधक बनाए जाने के बाद भी लक्ष्मी गुप्ता राजगढ़ नहीं जाना चाहती हैं। वे अपना तबादला निरस्त कराने के लिए पूरा प्रयास करने में लग गई हैं। यही नहीं सिफारिश भी लगवाई जा रही रही है।