
- 20 संदिग्ध रजिस्ट्रियों की जांच शुरू
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र की आर्थिक राजधानी इंदौर में करोड़ों की संपत्तियों की फर्जी रजिस्ट्री का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कलेक्टर आशीष सिंह की पहल पर गठित जांच समिति ने करीब 100 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 20 संदिग्ध रजिस्ट्रियों की जांच की, जिसमें गंभीर हेराफेरी और दस्तावेजों की छेड़छाड़ उजागर हुई। मामले की जांच कर रही समिति की रिपोर्ट के बाद पंढरीनाथ थाना में 18 और खजराना में एक एफआईआर दर्ज कराई गई है। कलेक्टर आशीष सिंह की पहल पर गठित जांच समिति ने करीब 100 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 20 संदिग्ध रजिस्ट्रियों की जांच कराई गई, जिसमें गंभीर हेराफेरी और दस्तावेजों की छेड़छाड़ उजागर हुई। इस मामले में कलेक्टर के निर्देश पर एक दर्जन से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारियों की भी लिप्तता नजर आ रही है।
ऐसे खुला मामला
मामला उस समय सामने आया, जब मुंबई निवासी हस्तीमल चौकसे ने शिकायत की कि उनके नाम से फर्जी तरीके से एक संपत्ति की रजिस्ट्री की गई है। इस पर कलेक्टर ने वरिष्ठ पंजीयक को जांच सौंपी, जहां पांच सदस्यीय दल ने जांच पड़ताल की, तो यह बड़ा घोटाला उजागर हुआ। जांच में सामने आया कि पंजीयन कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में मौजूद असली दस्तावेजों को हटाकर फर्जी दस्तावेजों से रजिस्ट्री की गई। आरोप है कि विभागीय कर्मचारियों और बाहरी दलालों की मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दिया गया। इस पूरे मामले इंदौर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर अमित सिंह ने बताया कि पंढरीनाथ थाना पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा एफआईआर दस्तावेजों में हेरफेर करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इसके साथ ही प्रारंभिक कार्रवाई करते हुए एक रिकॉर्ड रूम प्रभारी को पहले ही निलंबित कर दिया गया है।
बाकी दोषियों की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है। यह घोटाला न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि आम लोगों की जमीन-संपत्ति की सुरक्षा को लेकर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर लोगों में आक्रोश है और वे दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर की पीपल्या कुमार स्थित 100 करोड़ से अधिक कीमत की जमीन पर जिला प्रशासन ने कब्जा ले लिया है। सोमवार को जूनी इंदौर तहसीलदार और उनकी टीम मौके पर पहुंची और सरकारी होने का बोर्ड लगाया।
केस दर्ज, होंगे और खुलासे
कलेक्टर के निर्देश पर उप जिला पंजीयक प्रदीप निगम की शिकायत पर पंढरीनाथ पुलिस ने अज्ञात आरोपी पर 420, 467 व 468 जैसी गंभीर धाराओं में एफआइआर दर्ज की है। पुलिस यह जांच भी करेगी कि इन दस्तावेजों की नकल किसने ली और उसका क्या उपयोग किया? बाद में जमीन का नामांतरण हुआ और उसके आधार पर बैंक लोन किसने लिया? इस षड्यंत्र में किस-किस की भूमिका है? इसमें दलाल, विभाग के कर्मचारी और जालसाजी करने वाला भी सामने आएगा। फर्जीवाड़े के दो मामलों में रजिस्ट्रार विभाग ने एफआइआर दर्ज कराई है। मुंबई के हस्तीमल चौकसे की शिकायत पर शिव विलास पैलेस के प्लॉट का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ था। वे अपने प्लॉट का टैक्स जमा करने निगम पहुंचे थे तो मालूम हुआ कि निगम के रिकॉर्ड में दूसरे का नाम है। जांच के बाद एमजी रोड थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। विभाग के रिकॉर्ड रूम प्रभारी मर्दन सिंह रावत को सस्पेंड कर दिया गया था।