
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव के एक विवादित पोस्ट की वजह से अब प्रदेश की सियासत में तूफान आ गया है। दरअसल उनकी इस पोस्ट में बगैर किसी का नाम लिए संकेतों में जमकर निशाना साधा गया है। संकेत भी ऐसे कि हर कोई निशाने पर रहने वाले नामों का सहज ही अंदाजा लगा सकता है। दरअसल पोस्ट में जिस तरह के सांकेतिक शब्दों का उपयोग किया गया है, उससे माना जा रहा है कि उनके द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और नेहरु परिवार पर ही निशाना साधा गया है। यही वजह है कि उनकी इस पोस्ट को कांग्रेस नेता महापुरुषों का अपमान बताकर उनके इस्तीफा की मांग करने लगे हैं । उनके द्वारा अपनी पोस्ट में बगैर महात्मा गांधी का नाम का उल्लेख किए उन्हें देश का फर्जी पिता बताया गया है। उन्होंने महात्मा गांधी और नेहरू परिवार पर निशाना साधा और कहा कि देश सही में बदल रहा है और देश सही अब स्वतंत्र हो रहा है। इस मामले में विवाद बढ़ने लगा तो उनके द्वारा इसे हटा दिया गया है। मंत्री यादव ने यह विवादित पोस्ट अपने फेसबुक पेज पर की है। यादव ने महात्मा गांधी और देश के तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, गणतंत्र दिवस की परेड में नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे, सरदार वल्लभ भाई पटेल थे। परेड में ना तो देश के फर्जी पिताजी थे, ना ही देश के फर्जी चाचा थे, ना लोहे की महिला थी, ना ही कंप्यूटर के आविष्कारक थे। परेड में काशी विश्वनाथ की झांकी थी, वैष्णो देवी की झांकी थी, सनातन संस्कृति का नजारा था। मेरा देश सही में बदल रहा है, मेरा देश अंग्रेजी गुलामों के जबड़ों से निकल रहा है, देश सही में स्वतंत्र हो रहा है। यादव ने इस पोस्ट में जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी फर्जी पिता बताया है , तो वहीं देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी तक पर तंज कसा है। नेहरू को फर्जी चाचा, इंदिरा को लोहे की महिला और राजीव को कंप्यूटर का अविष्कारक करार दिया है। मंत्री ने अपनी पोस्ट में गांधी और नेहरू परिवार के किसी सदस्य का नाम नहीं लिया है, लेकिन उनकी इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया में बवाल मच गया है। इसको लेकर पक्ष और विपक्ष के लोग अपनी-अपनी तरह से प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर रहे हैं।
यादव ने बोला हमला
पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की याद में 30 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम और राज्य शासन के आदेश पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा है कि आखिर मप्र की भाजपा सरकार को महात्मा गांधी के नाम से इतनी नफरत क्यों? यादव ने ट्वीट के जरिए यह सवाल उठाते हुए सामान्य प्रशासन विभाग का वह आदेश भी टैग किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने शहीद दिवस (30 जनवरी) पर 2 मिनट मौन रखने का आदेश जारी किया है। लेकिन पूरे आदेश में एक भी जगह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम का न होना भाजपा की गोडसे विचारधारा को उजागर करता है। आदेश में कहा गया है कि 30 जनवरी को सुबह 11 बजे सारे देश में उन शहीदों की स्मृति में जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपने जीवन का बलिदान दिया है, दो मिनट का मौन रखा जाता है और सभी कार्य व गतिविधियां रोक दी जाती हैं। आदेश में यह भी कहा गया है कि कोविड-19 के संबंध में जारी किए गए दिशा-निर्देशों के मानक संचालन प्रक्रियाओं को सख्ती से पालन किया जाए। इधर, कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर लिखा, यादव देश के तीन महापुरुषों की शहादत को भूल गए हैं। उनकी यह गोडसे वाली मानसिकता है। सलूजा ने ट्वीट कर लिखा, भाजपा की सोच ही गोडसेवादी है, जो समय-समय पर सामने आती रहती है। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री पर राष्ट्रपिता के विचारों और देश के इतिहास को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है. लेकिन वे बड़ी बेशर्मी से राष्ट्रपिता को फर्जी पिता बता रहे हैं। महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं। सलूजा ने पूछा, भाजपा बताए कि वह महात्मा गांधी को क्या मानती है-राष्ट्रपिता या फर्जी पिता। उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के प्रति क्या भाजपा की यही सोच है। सलूजा ने कहा, ने कांग्रेस की मांग है कि यादव को मंत्री पद से तत्काल हटाया जाए। उन्हें देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि अंग्रेजों की 60 रुपए महीने की पेंशन को आजादी समझने वाले, क्रांतिकारी भगत सिंह के खिलाफ गवाही देने वाले और राष्ट्रपिता की हत्या करने वाले नेताओं की विचार संतानों से आजादी की लड़ाई और उसके नेतृत्व के सम्मान की अपेक्षा व्यर्थ है।