
- दीनदयाल जन आजीविका योजना शुरू करेगी सरकार
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की मोहन सरकार अब गरीबों सामाजिक सुरक्षा और रोजगार की गारंटी देने के लिए एक नई योजना शुरू करने जा रही है। इसका नाम दीनदयाल जन आजीविका योजना होगा, जिसके तहत लाड़ली बहनों का बीमा तो किया ही जाएगा साथ ही दिहाड़ी कर्मचारियों को 4 लाख तक का कर्ज भी मिलने का रास्ता खुल सकेगा। इससे वे अपने लिए रोजगार शुरु कर सकेंगे। यह योजना बहुउद्देशीय होगी। जिसके तहत समाज के आधा दर्जन वर्गों को एक दर्जन फायदे मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। इस योजना को 2014 में शुरू की गई दीनदयाल अंत्योदय योजना का एक्सटेंशन माना जा सकता है। दरअसल पूर्व में शुरू की गई यह योजना बीते साल समाप्त हो चुकी है। इसे नए सिरे से शुरू किया जा रहा है जिसका दायरा और प्रावधान दोनों ही बढ़ाए जा रहे हैं। इसमें शहरी गरीबों के साथ ट्रांसपोर्ट, कंस्ट्रक्शन, डोमेस्टिक, वेस्ट, केयर और गिग वर्कर्स को भी शामिल किया गया है। देश के 13 राज्यों के 25 शहरों में योजना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। इसमें मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर और उज्जैन भी शामिल थे। 31 मार्च तक चले इस पायलट प्रोजेक्ट के बाद अब इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी है। एमपी सरकार ने केंद्र की इस योजना से लाड़ली बहनों को जोड़ दिया है। उन्हें केंद्र सरकार की बीमा योजना का फायदा मिलेगा। केंद्र सरकार की 2014 में शुरू की गई दीनदयाल अंत्योदय योजना में केवल शहरी गरीबों को शामिल किया गया था। मगर, इस बार सरकार का शहरी गरीबों के साथ 6 कमजोर वर्गों पर फोकस है। इनमें परिवहन, घरेलू, अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़े श्रमिक, गिग और केयर वर्कर्स शामिल हैं।
इस तरह सका होगा फायदा
इसके तहत केंद्र और राज्य की योजनाओं से हितग्राहियों को जोडऩा। इसके तहत ऑनलाइन पंजीकृत आवेदकों की सोशल इकोनॉमिक प्रोफाइलिंग की जाएगी। उन्हें पात्रता के अनुसार केंद्र और राज्य की योजनाओं का फायदा दिया जाएगा। केंद्र सरकार की योजनाओं की बात करें तो प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना का फायदा दिया जाएगा। साथ ही जनधन योजना, श्रम योगी मानधन योजना, वन नेशन वन कार्ड, जननी सुरक्षा योजना, मातृ वंदना योजना और आयुष्मान भारत योजना से भी इन्हें जोड़ा जाएगा। एमपी सरकार ने बजट में लाडली बहना योजना के हितग्राहियों को बीमा का फायदा देने का ऐलान किया है।
स्व सहायता समूहों का गठन
शहरी गरीबों और कमजोर वर्ग के रजिस्टर्ड श्रमिकों के 70 फीसदी परिवारों को स्व सहायता समूहों से जोडऩे की योजना है। इसके अलावा दीनदयाल अंत्योदय योजना से छूटे हुए परिवारों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। जो स्वसहायता समूह गठित होंगे, उन्हें 25 हजार रुपए दिए जाएंगे। स्व सहायता समूह के गठन के लिए 20 हजार रुपए खर्च किए जा सकेंगे। ये समूह एरिया लेवल और सिटी लेवल पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। एरिया लेवल फेडरेशन को 2 लाख रुपए और सिटी लेवल फेडरेशन को 1 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी।
स्वरोजगार के लिए मिलेगी आर्थिक मदद
इसके तहत हितग्राहियों को आवश्यकतानुसार पर्सनल लोन के रूप में 4 लाख और समूह लोन के रूप में 20 लाख रुपए की सहायता देने की योजना है। स्व सहायता समूहों को बैंक लिंकेज सुविधा भी दी जाएगी, जिसमें बचत कोष से 1-6 के रेश्यो या डेढ़ लाख रुपए जो भी ज्यादा हो, उतना लोन मिल सकता है।
सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करना
एक लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले शहरों में आश्रय स्थल, शहरी आजीविका केंद्र, केयर क्लस्टर, बच्चों के लिए डे केयर सेंटर बनाए जाएंगे। सभी नगर पालिका और नगर निगमों में जरूरत के हिसाब से लेबर चौक का निर्माण किया जाएगा।
नवाचार और विशेष प्रोजेक्ट
हितग्राहियों को गरीबी से बाहर लाने के लिए नवाचार के प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे। नगरीय निकाय और बाकी विभागों से समन्वय के लिए सुरक्षा योजना गारंटी केंद्र की स्थापना की जाएगी। यह सिंगल विंडो की तरह काम करेगा। इसके लिए निकाय को एकमुश्त 5 लाख रुपए दिए जाएंगे।
योजना का उद्देश्य
जमीनी स्तर पर सामुदायिक संस्थाओं को मजबूत बनाना।
रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना।
सामाजिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करना।
सामाजिक सुरक्षा और अधिकार प्रदान करना।
नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देना।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा
योजना के तहत इन सभी वर्गों से जुड़े श्रमिकों की सर्वे के जरिए पहचान की जाएगी। इसके बाद इनका शहरी असंगठित कामगार पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इन्हें एक आइडेंटिटी कार्ड दिया जाएगा।