
- सोशल मीडिया पर लिखकर कर रहे हैं अपने दर्द का इजहार …
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में मूल भाजपा नेताओं को दरकिनार कर विपक्षी दलों के नेताओं का दल बदल कराकर उन्हें भाजपाई बनाकर बेहद महत्व दिए जाने से कार्यकर्ताओं के बाद अब मूल भाजपा नेताओं में भी असांतोष न केवल खदबदाने लगा है बल्कि उनका दर्द तक सार्वजनिक रूप से छलकना शुरू हो गया है। इनमें भाजपा के वे नेता तक शामिल हैं जिनकी एक समय सत्ता व संगठन में तूती बोलती थी। ऐसे ही एक नेता हैं बिजेन्द्र सिंह सिसोदिया, जिनके द्वारा बीते रोज एक ट्वीट कर पार्टी संगठन पर जमकर निशाना साधा गया है तो वहीं एक अन्य पूर्व पदाधिकारी ने खुद की पूछपरख समाप्त होने के दर्द का इजहार अपने ही तरीके से किया है। इसके बाद तो कांग्रेस ने भाजपा संगठन पर हमला करना शुरू कर दिया है। इस तरह के हमले के पीछे कांग्रेस का अपना दर्द हैं। दरअसल जितने भी नेताओं को दलबदल कराकर भाजपाई बनाया गया है वे सभी मूल रूप से कांग्रेस के ही नेता रहे हैं। इस तरह के दलबदल की वजह से ही कांग्रेस को डेढ़ दशक बाद प्रदेश में मिली सत्ता से 15 माह में ही बाहर होना पड़ा है। सिसोदिया भाजपा के उन वरिष्ठ नेताओं में माने जाते हैं, जिन्हें सत्ता व संगठन में काम करने का अनुभव है। प्रदेश में उपचुनाव परिणाम आने के बाद यकायक जिस तरह से सिसोदिया का ट्वीट सामने आया है , वह भाजपा के अंदर ही अंदर चल रहे असंतोष की बानगी के लिए बहुत है। उनके द्वारा ट्वीट में लिखा गया है कि- हमारे घर में बहुत अनजान चेहरे दिखाई देने लगे हैं। कई ने हमारी बनाई दीवार पर नाम प्लेट भी लगा दी, मकान की नींव से लेकर छत तक बनाने में जिन्होंने जीवन लगा दिया वे चेहरे इस भीड़ में नही हैं। कुछ हैं, वे अपनी शक्ति खुद को बचाने में लगा रहे हैं। आशा निराशा के भंवर में अब कुछ आवाज सुनाई देने लगी हैं। सिसोदिया का यह ट्वीट पार्टी के भीतर वफादारों की पीड़ा और अनदेखी का बड़ा उदाहरण है। इस ट्वीट में उनके द्वारा प्रदेश संगठन महामंत्री सुहाष भगत के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, अरविंद मेनन, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, हितानंद शर्मा रामलाल के अलावा प्रदेश भाजपा के प्रभारी मुरलीधर राव तक को टैग किया है। उधर भाजपा के ही एक और पुराने नेता हितेष वाजपेयी ने भी अपना दर्द सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किया है। उनके द्वारा अपने फेसबुक पेज पर लिखा गया है कि कुछ पन्ने क्या फटे हमारी किताब के …..उन्होंने समझ लिया कि हमारा दौर ही बदल गया…!पिक्चर अभी बाकी हमारे दोस्त!!! उनकी इस पोस्ट पर लोगों ने अपनी अलग-अलग हिसाब से प्रतिक्रिया लिखी है। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व सिसोदिया का बीते आम विधानसभा चुनाव के समय भी एक बार दर्द छलक चुका है। उस समय उनके द्वारा लिखा गया था कि राजनीति भी अजीब चीज है। पूरे जीवन आप लोगों को साथ दो, आवश्यकता पर अकेले ही दिखोगे। उनके इस ट्वीट से सियासी गलियारों में उस समय बहुत चर्चा हुई थी। गौरतलब है कि तब विजेन्द्र सिंह सिसोदिया अपने बेटे देवेंद्र के लिए शुजालपुर से टिकट मांग रहे थे,लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था।
कांग्रेस का तंज
सिसोदिया के हालिया ट्वीट के बाद कांग्रेस के मीडिया प्रभारी नरेन्द्र सलूजा का भी एक ट्वीट सामने आया है , जिसमें उनके द्वारा भाजपा पर तंज कसते हुए लिखा है कि बिकाऊओं के खिलाफ टिकाऊओं का मोर्चा…असली टिकाऊ कार्यकर्ता तो बस दरी उठाने के लिए ही बचा है, टिकट से लेकर सारे पद बिकाऊओं को ही…यही है न्यू भाजपा…
मंत्री से लेकर निगम मंडल तक के पद दलबदलुओं को
दरअसल भाजपा में बीते दो सालों से नई परिपाटी चल निकली है। इसके तहत विपक्षी दलों के नेताओं को दलबदल कराकर भाजपा में लाया जाता है। इन नेताओं को उसके बाद अपने कार्यकर्ताओं की जगह पार्टी टिकट देकर पहले विधायक बनवाती है और उसके बाद उन्हें मंत्री पद से नबाज देती है। यही नहीं हाल ही में हुए उपचुनाव में भी दो दलबदलुओं को पार्टी ने टिकट देकर विधायक बनने का मौका दिया है, जबकि एक दलबदलु को तो भाजपा में आने के बाद ही वेयरहाउसिंग कारपोरेशन का अध्यक्ष तक बनाया जा चुका है। इसी तरह से कई दलबदलुओं को संगठन तक में दायित्व दिए जा चुके हैं।