मप्र क्रिकेट का नया महाराजा-अभी तो पार्टी शुरू हुई है…

  • राघवेंद्र सिंह
मप्र क्रिकेट

मध्य प्रदेश क्रिकेट टीम का रणजी ट्रॉफी मैच चैंपियन बनना एक सपने के सच होने जैसा है। 26 जून 2022 को यह और खास तब हो जाता है जब उसने 41 साल  तक रणजी जीतने वाली मुंबई क्रिकेट टीम को छह विकेट से एक तरफा मात दी। कह सकते हैं हर सेक्टर में मध्यप्रदेश की  क्रिकेट टीम मुंबई के महारथियों से आगे रही। कहने – सुनने और लिखने के लिए बहुत कुछ है और आगे भी काफी कहा जाएगा। लेकिन एक लाइन में लिखा जाए तो अभी तो मध्यप्रदेश क्रिकेट का सिल्वर टाइम शुरू हुआ है और गोल्डन टाइम आना शेष है। कोच “चन्द्र”कांत पंडित के साथ चन्द्र उदय हुआ है और कप्तान “आदित्य” श्रीवास्तव के साथ सूर्य उदय हो रहा है। टीम इंडिया में पहली बार मध्य प्रदेश के दो खिलाड़ी तेज गेंदबाज आवेश खान और बैट्समैन आॅलराउंडर व्यंकटेश अय्यर अपने हुनर से दुनिया का दिल जीत रहे हैं। मप्र के महाराजा बनने की कहानी शुरू हुई थी तेईस साल पहले चंद्रकांत पंडित की कप्तानी में। टीम मध्य प्रदेश बेंगलुरु के इसी स्टेडियम में पहली बार फाइनल में आने के बाद कर्नाटक से हार गई थी। इसके बाद लगा ग्रहण आज खत्म हुआ। अपने क्रिकेट जीवन में मध्य प्रदेश 23 साल के बाद दूसरी दफा रणजी ट्रॉफी के फाइनल में आया था। मुकाबला भी पहले की तरह बेंगलुरु के चेन्ना स्वामी क्रिकेट स्टेडियम में था। लेकिन सामने कर्नाटक क्रिकेट की रणजी टीम की जगह मुंबई  थी। तब के कप्तान चंद्रकांत पंडित जो आज के एमपी टीम के कोच थे। उन्हें खुर्राट कोच माना जाता है। चंदू सर याने कोच चंद्रकांत पंडित का जलवा ऐसा कि कोई खिलाड़ी गलत शॉट खेलकर आउट होकर पवेलियन आए तो उसकी क्लास चंदू सर इस तरह लेते थे कि उसका अहसास बल्लेबाजी या फील्डिंग कर रहे खिलाड़ियों से लेकर कमेंट्री बॉक्स तक मे महसूस होती थी। यही वजह है कि मुंबई जैसी प्रोफेशनली स्ट्रांग टीम के सामने पूरे मैच में कभी नही लगा कि एमपी की टीम कमजोर है। मुंबई के 374 के स्कोर के बाद एमपी की तरफ से तीन शतक लगना साफ संकेत दे रहा था कि मुंबई के धुरंधर अब आए हैं पहाड़ के नीचे। एमपी ने पहली पारी में 536 रन का पहाड़ खड़ा कर 162 रनों की लीड हासिल कर बता दिया था इस बार के विजेता तो हम ही हैं । यश दुबे से लेकर शुभम शर्मा और रजत याने सिल्वर पाटीदार की गोल्डन बैटिंग और धमाकेदार सेंचुरी ने बता दिया था कि इस बार जीत की पार्टी तो एमपी ही करेगी। तेज गेंदबाज गौरव यादव और कुमार कार्तिकेय की जादूगरी फिरकी में मुंबई के सारे सूरमा जमीं पर नजर आए। इसमें संजीदगी भरे कप्तान आदित्य श्रीवास्तव ने जो फील्डिंग की जमावट और गेंदबाजी में चतुराई भरे बदलाव किए उसने क्रिकेट के पंडितों को प्रभावित कर दिया। जहां बॉल जाती खिलाड़ी बाउंड्री रोकने और कैच पकड़ने के लिए मौजूद दिखे।
वैसे तो रणजी ट्राफी के मैचों में आरम्भ से लेकर अंत तक एमपी चैम्पियन की तरह खेला। पहला मैच गुजरात को 106 रन से हराया। दूसरा मैच मेघालय को 301 रन से हराया। केरल से अलबत्ता मैच ड्रा हुआ लेकिन पंजाब जैसे प्रदेश को एक तरफा 10 विकेट से हराया, पांचवा मैच बंगाल को 174 रनों से मात दी और उसके बाद फाइनल में पहले दिन से मुंबई  पर हावी रहा यह  बात अलग थी कि मैच की कमेंट्री कर रहे हैं पूर्व खिलाड़ियों ने कमेंट्री बॉक्स से जरूर मुंबई को मजबूत बताने और उसे जिताने में कोई कसर नहीं छोड़ी।  ऐसा लगा जैसे कॉमेंटेटर मुंबई को जिताने के लिए ही कमेंट्री कर रहे हैं लेकिन बाद में जब मध्यप्रदेश जीता तो सभी ने एमपी के खिलाड़ियों की खुले मन से प्रशंसा की कह सकते हैं डोमेस्टिक क्रिकेट में मध्य प्रदेश नया महाराजा बनकर उभरा है और लगता है अभी कई साल तक मध्य प्रदेश की वादशाहत चलने वाली है, क्योंकि इन्हें कोचिंग देने वाले चंद्रकांत पंडित से लेकर इंदौर भोपाल की बात करें तो ज्योति प्रकाश त्यागी, बृजेश तोमर, शैलेश शुक्ला, भुवन शुक्ला और इंदौर की बात करें तो सबसे प्रमुख नाम निकल कर आता है टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर अमय खुरासिया का। अमय  खुरासिया ने लंबे समय से कोचिंग के टेलेंट सर्च में जो मेहनत दस पहले शुरू की उसके नतीजतन आईपीएल से लेकर टीम इंडिया में प्रदेश के खिलाड़ी अपने जोहर दिखा रहे हैं। क्रिकेट के गुरुओं ने जो कुछ इन खिलाड़ियों को सिखाया चंद्रकांत पंडित ने उन पर पॉलिश कर के और भी चमकाया और वह चमक इतनी तेज थी की बेंगलुरु के स्टेडियम में लोगों की आंखें उससे चोंधिया रहीं थीं। कहा जा सकता है भारतीय टीम में अब मध्य प्रदेश का योगदान दिल्ली, मुंबई और दक्षिण भारतीय क्रिकेटरों की तरह स्थाई बन सकता है।  एक और बात मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरी टीम को दिल से बधाई देते हुए प्रदेश लौटने पर भोपाल में उनका नागरिक अभिनंदन करने का ऐलान किया है । उम्मीद की जा रही है कि इस दौरान टीम पर मुख्यमंत्री चौहान का आशीर्वाद और इनाम स्वरूप धन की बारिश भी जमकर होगी। रणजी विजेता को पुरस्कार स्वरूप 2 करोड़ का इनाम मिला है लगता है सरकार आशीर्वाद देने में करोड़ों रुपए की बारिश भी कर सकती है। पूरी टीम और जिले से लेकर डिवीजन और एमपीसीए के सभी कोच के लिए भी बहुत बधाई। उम्मीद करेंगे मध्य प्रदेश क्रिकेट का भविष्य आसमान में आदित्य की तरह चमकता जाएगा और सूरज की तरह निखरेगा।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)

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