
नई दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय देश में नई टोल नीति लाने की योजना बना रही है। इस नई पॉलिसी के तहत वाहन चालकों को केवल उतना ही टोल टैक्स देना होगा जितने किलोमीटर की वो यात्रा करेंगे। यानी नई टोल पॉलिसी किलोमीटर बेस्ड टैक्स की वसूली करेगी। हालांकि अभी सरकार द्वारा इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में इसकी खूब चर्चा हो रही है। एक रिपोर्ट्स में बताया गया है कि, इस नीति के तहत हर टोल बूथ पर फास्टैग और कैमरे लगाए जाएंगे और टोल सीधे कार मालिक के बैंक खाते से वसूला जाएगा। सरकार नई टोल पॉलिसी को आसानी से लागू करने के लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड एडवांस सिस्टम शुरू करने की प्रक्रिया में है। यह नीति देश भर में एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करने वाले लोगों को राहत देने के लिए बनाई गई है। बता दें कि, मौजूदा समय में राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, 2008 के अनुसार, यूजर्स को एक सडक़ परियोजना के अंतर्गत सडक़ की लंबाई के आधार पर एक निश्चित राशि के टोल शुल्क का भुगतान करना होता है, जो सामान्यत: 60 किमी होता है।
कैसे काम करेगा ये सिस्टम?
रिपोर्ट के अनुसार, टोल बूथ पर लगे कैमरे कार की नंबर प्लेट को रिकॉर्ड करेंगे और फास्टैग से जुड़े बैंकों से टोल काटा जाएगा। इसके अलावा टोल टैक्स वाहन द्वारा तय किए गए किलोमीटर की यात्रा के हिसाब से वसूला जाएगा। यानी यूजर को केवल उतना ही टोल देना होगा जितने किलोमीटर की उसने यात्रा की है। अगर यूजर के बैंक में टोल की राशि के अनुसार बैलेंस कम है तो पेनाल्टी लगाई जा सकती है। साथ ही, मौजूदा पॉलिसी के मुताबिक, यूजर को कम से कम 60 किलोमीटर के लिए टोल देना होगा।