मध्यप्रदेश की खूबियां आकर्षित करेंगी प्रवासियों को

मध्यप्रदेश

प्रदेश और इंदौर की खूबसूरत कला-संस्कृति- हेरिटेज-प्राकृतिक सौंदर्य की हो रही ब्रांडिंग …

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। 17वां प्रवासी भारतीय दिवस इस बार मध्य प्रदेश के इंदौर में आठ से 10 जनवरी तक मनाया जाएगा। प्रवासी भारतीय सम्मेलन को सफल बनाने के लिए विभिन्न देशों के भारतवंशियों, फ्रेंडस आफ एमपी के सदस्य और उद्योग व्यापार से जुड़े भारतीयों को आमंत्रित किया गया है। तीन दिनी आयोजन की थीम प्रवासी अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार रखा गया है। इसके लिए दुनियाभर में रह रहे 3 से 4 करोड़ प्रवासियों को इसका हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। प्रवासी भारत आएं और समाज, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करने में आइडियाज शेयर करें। इन्हें विकसित करने में सहयोग दें, ताकि देश-प्रदेश शहर आत्मनिर्भर बन सकें।  मप्र और इंदौर का नाम सुनते ही कल्पनाएं उड़ान भरने लगती हैं। यहां प्राकृतिक सौदर्य, घरानों का मधुर क्लासिकल और स्वादिष्ट खान-पान का अलग ही मजा है। प्रवासियों को आकर्षित करने देश- प्रदेश इंदौर की ब्रांडिग हो रही है।  राज्य सरकार ने 17 खासियत को शो-केस किया है। इन खास स्थानों को रजिस्ट्रेशन साइट पर दिया गया है। आग्रह के साथ कहा है-मप्र-इंदौर के खूबसूरत कला-संस्कृति- हेरिटेज-प्राकृतिक सौंदर्य देखने जरूर आएं। पीबीडी साइट पर खूबसूरत नजारों के साथ अपलोड किया गया है, जिन्हें देख प्रवासियों का मन खुश हो जाएगा। प्रवासी भारतीय सम्मेलन में कल्चर लेक मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेगा। जिसमें मध्यप्रदेश की कला का जीवंत प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान खाने के मेन्यू से लेकर बाग, चंदेरी, माहेश्वरी प्रिंट से लेकर गोंडी आर्ट के बारे में लोगों को रूबरू कराया जाएगा। जिसके लिए अब तक 1700 से 1800 कलाकारों द्वारा रजिस्ट्रेशन भी करवाया जा चुका है। बताया गया है कि पुरस्कार प्राप्त कलाकार लाइव परफॉर्म करेंगे।
ये रहेंगे आकर्षण का केंद्र
देश का पहला हॉट एयर बलून सफारी से जंगल का मजा। बांस की काष्ठकला को सीखने का मौका। इंदौर के लेदर टॉय को जियो टैग मिला है। नर्मदा किनारे बनने वाली संगमरमर की मूर्तियां मिलेंगी। इंदौर के पास महाकाल ज्योर्तिलिंग है। यहां महाकाल लोक बनाया गया है। शिप्रा नदी में आस्था की डुबकी लगा कर आनंद का अनुभव होगा। इंदौर ने छठवीं बार स्वच्छ शहर का तमगा हासिल किया है। यह देश की पहली गारबेज फ्री सेवन स्टार सिटी है। यह मॉडल देखने लायक है। सांची बौद्ध स्तूप विश्व यूनेस्को हेरिटेज साइट है। थीम पार्क और म्युजियम यहां की खासियत है। खजुराहो मूर्तिकला का नायाब नमूना है। 20 मंदिर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। यहां की हस्तकला, हाथकरघा मन मोहता है। नंदाना की बटिक प्रिंट, धार की बाघ प्रिंट, महेश्वरी व चंदेरी साडिय़ां बुनने का अनुभव मिलेगा।
कल्चर लेक में करेंगे लाइव प्रदर्शन
कल्चर लेक में कारीगरों द्वारा परिधानों को बुनने के साथ ही बेंबू व टीकमगढ़ की माटी आर्ट का भी प्रदर्शन किया जाएगा। बताया गया है कि कल्चर लेक एक गली टाइप होगी, जिसमें मध्यप्रदेश के दस आर्ट फॉर्म का कलाकारों द्वारा लाइव प्रदर्शन किया जाएगा। जिसके माध्यम से प्रवासी भारतीयों को मध्यप्रदेश के कलाकारों का हुनर देखने का अवसर प्राप्त हो सकेगा। कल्चर लेक के माध्यम से टीकमगढ़ का माटी आर्ट, सिलबट्टे की चटनी, लूम आदि का जीवंत प्रदर्शन होगा। इसके साथ ही बाग प्रिंट का ब्लॉक, चंदेरी की साडिय़ां सहित कई ऐसे आर्ट हैं जिन्हें आयोजन स्थल पर ही प्रदर्शित किया जाएगा।
वन्य जीवों की अठखेलियां
 11 नेशनल पार्क में वन्य जीवों को देखने का आकर्षण। साथ ही स्थापत्य कला में भीमबेटका की 30 हजार साल पुरानी गुफाएं, मांडू, ओरछा मंदिर व अन्य स्थल आकर्षक कला समेटे हैं।

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