
- अफसर इस तरह के मामलों में कोई कार्रवाई की जहमत नहीं उठाते
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। शहर के सुव्यवस्थित और चहुंमुखी विकास के लिए बनाए जाने वाले मास्टर प्लान की राजधानी में ही जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, जिसकी वजह से इस पूरी कवायद का कोई मतलब ही नहीं रह गया है। इस मामले में टीएंडसीपी एक्ट के नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई करने का जिम्मा मास्टर प्लान बनाने वाले नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय के अफसरों पर है, लेकिन वे इस तरह के मामलों में कोई कार्रवाई करने की जहमत ही नहीं उठाते हैं। हद तो यह है कि इस तर के मामलों में कार्रवाई के लिए उनके द्वारा जिला प्रशासन और नगर निगम तक को पत्र तक नहीं लिखा जाता है। इसका फायदा उठाते हुए लोगों द्वारा पूरे शहर में मास्टर प्लान के नियमों को खाुलेआम मखौल उड़ाया जा रहा है। दरअसल मास्टर प्लान में तय प्रावधानों का पालन नहीं होने की करीब एक हजार से अधिक शिकायतें जिला कार्यालय में घूल खा रही हैं। इस विभाग की लापरवही इससे ही समझी जा सकती है कि इनमें से किसी भी मामले में अब तक एक भी नोटिस जारी नहीं किया गया है।
इस तरह से उड़ाया जा रहा है माखौल
शहर के पॉश इलाके में आने वली अरेरा कॉलोनी का ई-4 इलाका आवासीय कॉलोनी हैं, लेकिन इसमें आवासीय प्लॉट पर बहुमंजिला व्यवसायिक भवनों का निर्माण खुलेआम जारी है। यही नहीं अस्पताल के पास शराब खाना तक खोलने की अनुमति प्रान कर दी गई। यही नहीं सर्विस रोड पर व्यावसायिक गतिविधि का ट्रैफिक शुरू कर दिया गया। आवासीय कॉलोनी का गेट तक धारा 36 और 37 के तहत संयुक्त संचालक टीएंडसीपी को कार्रवाई करने का अधिकार है। हैरानी की बता यह है कि इस मामले में टीएंडसीपी अफसरों ने एक बार भी नोटिस नहीं दिया। इसी तरह से इंद्रपुरी में नाले की दीवार से सटाकर बहुमंजिला व्यावसायिक भवन का निर्माण किया जा रहा है। मास्टर प्लान में नाले से 9 मीटर दूरी पर निर्माण का नियम है। इसके बाद भी टीएण्डसीपी के अफसर अनजान बने हुए हैं। इसी तरह से बड़े तालाब के फुल टैंक लेवल और इसके कैचमेंट में इस समय कॉलोनियां लगतार बनती जा रही हैं। इसकी शिकायत जिला प्रशासन से लेकर निगम प्रशासन और टीएंडसीपी तक लगतार हो रही हैं , लेकिन मजाल है की कोई कार्रवई करने को तैयार हो। मास्टर प्लान में बड़ा तालाब के एफटीएल से50 मीटर तक निर्माण प्रतिबंधित है और कैचमेंट में भी अनुमति नहीं दी जाती। इसके बाद भी यहां भी इस इन प्रावधानों की पूरी तरह से अनदेखी जारी है।