
- शिवराज सरकार के फैसले को बदलने की तैयारी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की मोहन सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक और फैसला बदलने की तैयारी कर ली है। यह फैसला है प्रदेश की शराब दुकानों के आसपास अहाते शुरु करने का। इससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। दरअसल अहाते बंद होने से लोगों द्वारा शराब दुकानों के आसपास सडक़ों पर खड़े होकर खुलेआम शराबखोरी की जाती है। इससे राहगीरों के साथ ही महिलाओं का निकलना मुश्किल बना हुआ है। दरअसल, विधानसभा चुनाव के ठीक पहले शिवराज सरकार ने 2611 अहातों को बंद कर दिया था। उस समय इन अहातों के विरोध में उमा भारती ने मोर्चा खोल दिया था। आबकारी विभाग द्वारा नए वित्त वर्ष के लिए जो नीति तैयार की गई है, उसमें अहातों का नाम बदलकर फिर से शुरु करने का प्रावधान किया है, हालांकि अभी नई आबकारी नीति पर फैसला होना है। अहातों को अब नया नाम परमिट रुम दिया गया है। दो दिन पहले सोमवार को आबकारी नीति के नए ड्राफ्ट को लेकर विभागीय मंत्री जगदीश देवड़ा और अफसरों के बीच चर्चा भी हो चुकी है। इसके पीछे अफसरों का तर्क राजस्व में वृद्धि का दियागया है। किए गए प्रावधन के तहत शराब दुकानों के सौ मीटर के क्षेत्र में परमिट रूम की अनुमति दी जाएगी। इसका स्वरूप मिनी बार जैसा होगा। जिससे लोग शराब दुकानों के आसपास खुले में शराब पीने से भी बचेंगे और सरकार को राजस्व भी मिलेगा।
शराब के सस्ते होने की संभावना
विभाग ने सरकार को शराब के दाम कम करने का भर सुझाव दिया है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि प्रदेश में शराब की कीमत अधिक होने से दूसरे राज्यों से तस्करी कर बड़ी मात्रा में शराब लाई जा रही है। इससे अवैध शराब का कारोबार बढ़ रहा है, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। दरअसल, दूसरे राज्यों में प्रदेश की अपेक्षा शराब काफी सस्ती है। प्रदेश का सबसे बड़े पड़ौसी राज्य उप्र में ही मप्र की तुलना में शराब की कीमत 35 फीसदी कम है। यही वजह है कि शराब की कीमत कम करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। हांलाकि सरकार बीस फीसदी लायसेंस शुल्क बढाक़र ठेके देने की मंशा जािहर कर चुकी है। अगर ऐसा होता है तो फिर कीमत कम होने की जगह बढऩा तय है। यही वजह है कि शराब की कीमत कम करने के तरीकों को खोजा जा रहा है। बीते साल सरकार ने लायसेंस शुल्क में 15 फीसदी बढ़ोतरी की थी। सरकार इस बार अस्सी फीसदी दुकाने लायसेंस फीस बढ़ाकर और शेष बीस प्रतिशत का ठेका लाटरी सिस्टम से देना चाहती है, यदि लाटरी सिस्टम से दुकानें नहीं दी गईं, तो फिर नीलामी की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
शराब दुकानों में वृद्धि संभावित
नए ड्राफ्ट में आबकारी दुकानों की संख्या बढ़ाने का भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। सरकार जल्द ही धार्मिक नगरों की सीमा में आने वाली दुकानों को बंद करने जा रही है। इसकी घोषणा स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा की जा चुकी है। इनमें 13 शहरों के नगरनिगम और नगरपालिका, नगरपरिषद वाले इलाके शामिल हैं। इसमें उज्जैन में ही 17 दुकानें भी शहर के अंदरर से बंद कर दी जाएगीं। उन्हेंं शहर की सीमा से बाहर शिफ्ट किया जाएगा। इसके साथ ही इनके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में नई शराब की दुकानों को परमीशन दी जाएगी। माना जा रहा है कि इन क्षेत्रों में जितनी दुकाने बंद होगी, उनके स्थान पर आसपास के क्षेत्रों का अध्ययन कर नई दुकाने खोली जाएंगी। इनकी संख्या सौ से अधिक हो सकती है। सरकार ने पिछले कई सालों से नई शराब की दुकान को अनुमति भी नहीं दी है। प्रदेश में अभी 3605 शराब दुकाने संचालित हो रहीं हैं। इनमें 2151 ग्रामीण क्षेत्र में और 1454 शहरी क्षेत्र में संचालित हो रही है। सरकार ने इस बार इन दुकानों से 1600 करोड़ के राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है।