
- भावनात्मक लगाव के लिए बलिदानों व धार्मिक महत्वों से भी जोड़ने का किया गया प्रयास …
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर प्रदेश भर में अमृत सरोवर बनाने में जुटे पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने अमृत सरोवर की 75 कहानियां पुस्तक प्रकाशित की है। यह पुस्तक उन सरोवरों को लेकर लिखी गई हैं जिनका निर्माण प्रदेश के अलग-अलग जिलों में किया गया है। दरअसल इन सरोवरों को अलग-अलग इलाके के शहीदों से जोड़ा गया है। खास बात यह है। खास बात यह है कि इन शहीदों की वीरगाथा का भी प्रकाशन किताब में किया गया है। इस पुस्तक में देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ने वाले शहीदों को स्मरण करते हुए उनके गांव, कर्मस्थली और अन्य प्रासंगिक स्थलों को चिन्हित कर वहां सरोवर बनाने का काम किया जा रहा है। खास बात यह है कि इन सरोवरों का सरोकार सिर्फ पानी से ही नहीं बल्कि, उसके प्रति लोगों में भावनात्मक लगाव पैदा करने के लिए उन्हें गांव के शहीदों की गौरवपूर्ण गाथाओं, बलिदानों से और धार्मिक महत्व से भी जोड़ा ही गया है,साथ ही उनमें इतिहास की झलक दिखाने का भी प्रयास किया गया है। यही नहीं इन कहानियों में शामिल सरोवरों को अलग-अलग जिलों से भी समाहित करने का प्रयास किया गया है। केंद्र सरकार ने एमपी को 3900 सरोवर बनाने का लक्ष्य दिया था जिसके विपरीत प्रदेश में 5796 अमृत सरोवर बनाए गए हैं। इस पुस्तक में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने संदेश में कहा है कि अमृत सरोवर केवल जल भंडारण का ही माध्यम नहीं है, बल्कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ को चिरस्मृत बनाने का प्रतीक हैं। इनके निर्माण में यह ध्यान रखा गया है कि स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी अमर हुतात्माओं की गौरव गाथा की याद ताजा करने में सहायक हों। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने इस पुस्तक में कहा है कि अमृत सरोवरों के निर्माण के लिए प्रदेश में उपलब्ध विभिन्न संसाधनों का अभिसरण व अभियांत्रिकी के बेहतर ज्ञान का उपयोग किया जा रहा है। खास बात यह है कि इन कहानियों में सरोवरों से मिलने वाले लाभ का भी उल्लेख किया गया है।
-अमृत सरोवर रोजगार मूलक, जानकारी मूलक, स्मरणीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होकर लोगों के लिए बहुउपयोगी संरचना साबित होंगे। इन्हें स्थानीय उपयोगकर्ता समूह के रूप में लाभान्वित करने के लिए चिन्हित किया गया है। सरोवरों के निर्माण के दौरान क्षेत्र विशेष के नायकों के कला, साहित्य और समाज के उत्थान में उनके योगदान को जोड़ने का काम भी किया गया है। – महेंद्र सिंह सिसोदिया, मंत्री, पंचायत और ग्रामीण विकास