दिल्ली में बढ़ रही मप्र के अफसरों की धाक

दिल्ली
  • पीएमओ से लेकर केंद्रीय मंत्रियों तक के यहां जिम्मेदारी संभाल रहे मप्र कैडर के आईएएस

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र कैडर के आईएएस अधिकारियों का दिल्ली में दबदबा बढ़ रहा है। पीएमओ से लेकर कई बड़े विभागों और मंत्रियों के यहां मप्र कैडर के आईएएस अधिकारी बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। यही नहीं मप्र कैडर के आईएएस अधिकारी लगातार प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जा रहे हैं। वहीं, पहले से भी कई अधिकारी केंद्र के अहम विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। भोपाल संभाग के कमिश्नर पवन शर्मा भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं। वहीं, कुछ अधिकारी मंत्रियों के निजी सचिव बनकर जा रहे हैं। दरअसल, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जाने का ट्रेंड बढ़ गया है। औसतन एक आईएएस अधिकारी हर महीने मप्र छोड़ रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद से डेढ़ दर्जन अधिकारी मप्र छोड़ चुके हैं। जबकि कई अधिकारी दिल्ली जाने के लिए कतार में हैं। नए मुख्य सचिव अनुराग जैन के कार्यकाल में अक्टूबर 2024 से अभी तक 9 आईएएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं। इनमें युवा आईएएस की संख्या ज्यादा है। कुछ जाने के इंतजार में है।
 सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के अनुसार अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को सेवाकाल में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति अनिवार्य हो गई है। यह प्रतिनियुक्ति 3 या 5 साल होती है। इसे बढ़ाया भी जाता है। दो साल तक डायरेक्टर के तौर पर काम करना जरूरी है। इसके बाद उन्हें जॉइंट सेक्रेटरी की पोस्ट के लिए एम्पैनल किया जाता है। मप्र कैडर के 8 अधिकारी दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर केंद्रीय मंत्रियों के निज सचिव हैं। तेजस्वी नायक भारी उद्योग मंत्री डी कुमारस्वामी, विजय दत्ता ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर, नीरज सिंह आईजी मंत्री जितिन प्रसाद, पंकज जैन और विक्की कार्तिकेय कोल एवं खान मंत्री जी. कृष्ण रेड्डी, हर्ष दीक्षित केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, प्रवीण कुमार अध्यक्ष कृषि एवं पंचायत मंत्री शिवराज सिंह चौहान के निज सचिव हैं। जबकि चंद्रमोहन ठाकुर प्रधानमंत्री कार्यालय में उपसचिव हैं।
45 अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ
जीएडी के अनुसार मप्र में 2024 बैच तक कुल आईएएस अधिकारियों की संख्या 391 है। इनमें से 45 अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। सबसे लंबे समय से 1990 बैच की अल्का उपाध्याय अक्टूबर 2016 से दिल्ली में पदस्थ हैं। वे 6 महीने बाद मार्च 2026 में सेवानिवृत्ति होंगी। केंद्रीय प्रतिनयुक्ति पर जाने के लिए हाल ही में 2009 बैच के अविनाश लवानिया का आदेश हुआ है। खास बात यह है कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आने वालों की संख्या बेहद कम है। एक साल के भीतर 3 अधिकारी विशेष गढ़पाले (2008), आशीष भार्गव और रूही खान ही कैडर राज्य में वापस लौटे हैं। जानकारी के अनुसार सचिव बनने से पहले राज्यों में मैदानी पदस्थापना ही प्रमुख होती है। मंत्रालय या मुख्यालय पर उपसचिव, अपर सचिव या एमडी की जिम्मेदारी मिलती है। कुछ अधिकारी राज्य में अच्छी पदस्थापना नहीं मिलने से दिल्ली की राह पकड़ रहे हैं। जबकि कुछ प्रतिनियुक्ति की अनिवार्यता की वजह से दिल्ली जा रहे हैं। जो अधिकारी प्रतिनियुक्ति जाने के लिए कतार में है, उनमें किसी की अच्छी पदस्थापना नहीं है।
17 महीने में 17 गए प्रतिनियुक्ति पर
मप्र में पिछले 17 महीने में 17 आईएएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए हैं। इनमें मई 2024 में ज्ञानेश्वर पाटिल प्रतिनियुक्ति पर गए। उसके बाद निकुज श्रीवास्तव, पवन शर्मा, अजीत कुमार, श्रीमती अनुग्रह पी, विक्की कार्तिकेय, हर्ष दीक्षित, श्रीमती प्रियंका दास, तरुण पिथोड़े, श्रीमती प्रीति मैथिल, श्रीमती तन्वी सुद्रियाल, नीरज सिंह, पंकज जैन, प्रवीण अध्याक्ष, चंद्रमोहन ठाकुर (2013),श्रीमती सूफिया फारूखी, अविनाश लवानिया शामिल हैं।

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