तबादलों को लेकर मंत्रियों से विधायकों व कार्यकर्ताओं की सिर फुटव्वल

 विधायकों

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में दो साल बाद एक माह के लिए तबादलों पर से प्रतिबंध हटने के बाद से अब तक किसी भी विभाग की तबादला सूची जारी नहीं हो सकी है। हालत यह है कि तबादलों की समय सीमा समाप्त होने में एक सप्ताह का ही समय बचा है, लेकिन अब तक किसी भी विभाग की सूची जारी नहीं हो सकी है। यही वजह है कि अब तबादलों को लेकर मंत्रियों के साथ विधायकों व कार्यकर्ताओं के बीच सिर फुटव्वल की स्थिति बन गई है। हालांकि कहा जा रहा है कि इस बीच प्रशासनिक व राजनैतिक स्तर पर तबादला चूचियों को अंतिम रूप देने का काम जारी है।
उधर, बीते रोज एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी के साथ 3 घंटे से भी ज्यादा समय बैठक की है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में आईएएस और पुलिस अधिकारियों के नामों पर मंथन हुआ है। इस बीच माना जा रहा है कि इन सूचियों में हो रही लेटलतीफी की वजह से तबादला अवधि को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है।
दरअसल अब तक जो आवेदन सरकार के पास आए हैं उनमें अकेले 24 हजार कर्मचारी तो ऐसे हैं, जो मनमाफिक जगह पदस्थापन चाहते हैं। यही नहीं नीति के अनुसार महज दस फीसदी ही तबादले किए जा सकते हैं, लेकिन अब तक प्रशासन के पास 25 फीसदी तक आवेदन आ चुके हैं। यह आवेदन मंत्रियों के माध्यम से विभागों के पास पहुंचे हैं। अब तक तबादला सूची जारी नहीं होने की वजह से मंत्रियों के बंगलों पर बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ रही है, जिसके चलते विभागों द्वारा सिफारिश वाली फाइनल लिस्ट तैयार नहीं हो पा रही है। हालत यह हो गए हैं कि इस वजह से सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) अगले महीने प्रस्तावित विधानसभा सत्र और स्वतंत्रता दिवस होने की वजह से तबादला अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव भेज कर सरकार से उसे 31 अगस्त तक करने की मांग कर सकता है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले प्रदेश में नाथ सरकार के समय  2019 में 5 जून से 5 जुलाई के बीच तबादलों पर से प्रतिबंध हटाया गया था, तब एक माह में  70 हजार आवेदनों के बीच थोकबंद तबादले हुए थे।
आईएएस व आईपीएस की सूची भी नहीं हो सकी जारी
प्रदेश में प्रशासनिक स्तर पर बड़े पैमाने पर फेरबदल की भी लंबे समय से तैयारी की जा रही है। इसके लिए पहले भी कई दौर में मंथन किया जा चुका है। इस सूची को अंतिम रूप देने के लिए बीते रोज फिर से तीन घंटे तक मंथन किया गया है। इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी शामिल हुए। बैठक में आईएएस और पुलिस अधिकारियों के एक-एक नाम पर मंथन किया गया है। यह बात अलग है कि तबादलों से प्रतिबंध हटने के बाद कुछ ही तबादले किए जा सके हैं , लेकिन उन्हें भी प्रशासनिक आधार पर किया गया है , जबकि कुछ तबादले विशेष परिस्थिति के चलते कर्मचारी की मांग पर भी किए जा रहे हैं। अब माना जा रहा है कि अगले हफ्ते मैदानी आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की तबादला सूची के साथ ही मंत्रालय और पुलिस मुख्यालय में पदस्थ अफसरों की सूची को जारी किया जा सकता है। कई जिलों के कलेक्टर पुलिस अधीक्षक संभागों से आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक, उप पुलिस महानिरीक्षक बदले जाना हैं।
उपचुनाव वाले जिलों पर खास मंथन
तबादलों के इस मौसम में उपचुनाव वाले जिले भी प्रभावित होने की पूरी संभावना बनी हुई हैं। सरकार उप चुनाव की घोषणा होने से पहले इन जिलों में नई जमावट कर सकती है। यही वजह है कि कल की बैठक में इन जिलों को लेकर खासतौर पर मंथन किया गया। गौरतलब है कि प्रदेश में राज्यसभा और लोकसभा की एक-एक सीट तथा विधानसभा की 3 सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं।
तबादला नीति में यह किए गए हैं बदलाव
बीते साल जिन अफसर-कर्मचारियों के तबादले किए गए हैं, उनके तबादलों को सीधे मंत्री नहीं कर सकेगें। उनके तबादलों के प्रस्ताव सीएम कोआर्डिनेशन में भेजने के बाद ही मंजूर हो सकेंगे। इसी तरह पूर्व की ही तरह आईएएस-आईपीएस के तबादले सीएम को आर्डिनेशन से होंगे , लेकिन क्लास वन ऑफिसर को तबादले के खिलाफ मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के पास अपील आवेदन करने की छूट रहेगी। कोरोना से गंभीर बीमार कर्मचारियों को तबादलों में राहत का प्रावधान किया गया है।
मंत्री-विधायकों की सिफारिश को प्राथमिकता
शासन और विभागों को कैटेगरी के साथ तबादले की गाइडलाइन भेजी गई है। जिसमें  स्पष्ट किया गया है कि मंत्री-विधायक और संगठन के तबादलों वाले नामों पर एक जैसी टीप है तो उन्हें ए प्लस कैटेगरी में रखा जाएगा। विभागीय टीप जुड़ेगी। इन पर प्राथमिकता के साथ तबादला करना होगा।

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