मार्गदर्शिका रखेगी बच्चों का चहुमुखी ध्यान, करेगी जागरूक

मार्गदर्शिका

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। यूएनएफपीए की सहयोगी संस्था भारतीय ग्रामीण महिला संघ के सहयोग से एक मार्गदर्शिका तैयार की गई है। वहीं प्रत्येक स्कूल में 2 शिक्षकों को मार्गदर्शिका की विषय-वस्तु से प्रशिक्षित किया जाएगा।
यह शिक्षक स्कूल के सभी बच्चों को शिक्षित करेंगे। मध्य प्रदेश के स्कूल छात्रों और शिक्षकों के लिए यह एक अच्छी खबर है। इसकी वजह से मप्र देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य की बेहतर देखरेख के लिये स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग साथ मिल कर एक साथ काम कर रहे हैं। इसके तहत उमंग कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस परियोजना में कक्षा 9 से 12वीं तक के बच्चों और 10 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए कक्षावार मार्गदर्शिका तैयार की गई है। वही प्रत्येक स्कूल में 2 शिक्षकों को मार्गदर्शिका की विषय-वस्तु से प्रशिक्षित किया जाएगा। यह शिक्षक स्कूल के सभी बच्चों को शिक्षित करेंगे। इस कार्यक्रम के तहत  बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित जांच और उसके आधार पर उनकी देखभाल की जाती है। यह कार्यक्रम स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग एवं यूएनएफपीए द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसमें जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर भी टीमों का गठन किया गया है। परियोजना में कक्षा 9 से 12वीं तक के बच्चों और 10 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए कक्षावार मार्गदर्शिका तैयार की गई है।
मार्गदर्शिका में यह विषय होंगे शामिल
खास बात ये है कि मार्गदर्शिका में जीवन कौशल शिक्षा, किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक एवं मानसिक बदलाव, स्वास्थ्य, पोषण, प्रजनन स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, संचारी और गैर-संचारी बीमारियों, नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव, जेंडर, हिंसा, बाल विवाह आदि विषयों को शामिल किया गया है।प्रत्येक स्कूल में 2 शिक्षकों को मार्गदर्शिका की विषय-वस्तु से प्रशिक्षित किया जाएगा। यह शिक्षक स्कूल के सभी बच्चों को शिक्षित करेंगे और समझाइश भी देंगे। साथ ही उमंग कार्यक्रम की हेल्प लाइन के माध्यम से भी बच्चो को समझाइश दी जायेगी। दरअसल मध्यप्रदेश स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रगति के नये आयाम तय कर रहा है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है। जिला अस्पताल से लेकर उप स्वास्थ्य केन्द्र तक नि:शुल्क दवाएँ और अनेक प्रकार की जाँचों की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के लिये संपूर्ण कायाकल्प अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य संस्थाओं में आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति के साथ ही चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा रहा है। टेलीमेडिसिन से चिकित्सा विशेषज्ञों की सेवाओं की ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तार किया जा रहा है।

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