सरकार ने हमारी बिजली काट… बेच दी दूसरे राज्यों को

  • रोजाना 6 घंटे कटौती …कमा लिए 1000 करोड़
  • विनोद उपाध्याय
बिजली काट

मप्र सहित देशभर में इस बार रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ रही है। गर्मी से बचने के लिए लोग पंखा, कूलर और एसी का सहारा ले रहे हैं। लेकिन मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने अपने राज्य के उपभोक्ताओं की बिजली काटकर दूसरे राज्यों को बेच दिया है। हैरानी की बात है कि अपनी कमाई के लिए मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने गांव और शहरों में 3 से 6 घंटे की बिजली कटौती करवा रही है। इस दौरान की बची हुई बिजली बेचकर दो महीने में 1000 करोड़ रुपए की कमाई तक कर ली है। गौरतलब है कि गर्मी और कड़ाके की धूप से पूरा मप्र तप रहा है। ऐसे में बिजली की डिमांड भी बढ़ गई है। लेकिन सरकार ने अपने उपभोक्ताओं की चिंता न करते हुए बिजली कटौती शुरू कर दी है। मप्र में अघोषित कटौती के कारण शहर से लेकर गांव तक के उपभोक्ता जूझते रहे, उधर पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 401 करोड़ की बिजली दूसरे राज्यों को बेच दी। यह कारनामा अप्रैल का है। मई में भी बिजली बेचने का क्रम जारी रहा। इस तरह गर्मी के पिछले दो महीनों में मप्र से करीब 1000 करोड़ रुपए की बिजली बेची गई। मप्र में लोग गर्मी से परेशान है, 24 घंटे बिजली मांग रहे थे, दूसरी ओर आयोग की गाइडलाइन के विपरीत (राज्य में उपभोक्ताओं की मांग को दरकिनार कर बिजली नहीं बेच सकते) बिजली बेची गई।
85.29 करोड़ यूनिट बिजली बेच दी
मप्र में गर्मी के बीच रोजाना बिजली कटौती उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन गई है। लेकिन सरकार ऐसे समय में भी अपने फायदे में लगी हुई है। मप्र के उपभोक्ताओं की बिजली कटौती कर दूसरे राज्यों को 85.29 करोड़ यूनिट बिजली बेच दी है। ओडिशा, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना को 32.5 करोड़ यूनिट बिजली दी गई, जिसकी बाजार कीमत 160 करोड़ रुपए है। यह इस शर्त पर कि रबी में जब मप्र को जरुरत होगी, तब वापस कर दी जाएगी। वहीं अन्य राज्यों को 52.79 करोड़ यूनिट बिजली बेची गई। हालांकि सरकार का दावा पिछले वर्षों से अधिक बिजली इस साल उपभोक्ताओं को दी गई है। ऊर्जा मामलों के विशेषज्ञ सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि ब्रोकर के जरिए उक्त बिजली दूसरे राज्यों को बेची-बैंकिंग के लिए दी। यह दो ही स्थिति में संभव है, जब राज्य के पास पर्याप्त बिजली हो और उपभोक्ताओं को भरपूर दी जा रही हो। लेकिन यहां उल्टा हुआ। भोपाल व इंदौर जैसे शहर को छोडक़र  सभी जगह ट्रिपिंग व फॉल्ट के नाम पर कटौती की जा रही है। बेची व बैंकिंग की गई बिजली अनुबंधित संयंत्रों से अतिरिक्त बढ़े दामों पर खरीदी जा रही है। ऊर्जा विभाग की ओर से एक जून को आपूर्ति से जुड़े आंकड़े जारी किए। जिसमें बताया कि मई 2024 में 90512.31 लाख यूनिट बिजली दी है। यह मई 2023 की तुलना में 21.89 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह वर्ष 2024-25 में मई माह तक कुल 179492.38 लाख यूनिट बिजली दी जा चुकी है, जो गत वर्ष की इस अवधि में दी गई आपूर्ति की तुलना में 16.91 प्रतिशत अधिक है।
5 से 6 घंटे तक बिजली कटौती
गौरतलब है कि गर्मी के दिनों में प्रदेश में बिजली की डिमांड 15 हजार मेगावॉट से ऊपर चली जाती है। बिजली की डिमांड ज्यादा बढ़ जाने पर बिजली सप्लाई प्रभावित होती है। इस डिमांड को पूरा करने के लिए बिजली कंपनियां बिजली कटौती करती हैं। इससे बिजली उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ता है। ऐसे समय थर्मल पावर प्लांट की यूनिट बंद होने से बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है। राजधानी में तो पिछले कई महीने से मेंटेनेंस के नाम पर बिजली कटौती की जा रही है। बिजली का मेंटेनेंस पूरा ही नहीं हो पा रहा है। यही हाल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 5 से 6 घंटे तक बिजली काटी जा रही है। अगर ग्रामीण क्षेत्रों में फाल्ट हो जाए या ट्रांसफार्मर खराब हो जाए, तो बिजली सप्लाई बहाल होने में एक से दो दिन तक लग जाते हैं। गौरतलब है कि गर्मी और कड़ाके की धूप से पूरा मप्र तप रहा है। ऐसे में बिजली की डिमांड भी बढ़ गई है। इसी बीच थर्मल पावर प्लांट की उत्पादन यूनिटें बंद हो रही है। इससे बिजली का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। बिजली उत्पादन प्रभावित होने से बिजली सप्लाई पर असर पड़ सकता है। पिछले साल दिसंबर में बिजली की डिमांड प्रदेश में 17714 मेगावॉट तक पहुंच चुकी है। इससे पहले जनवरी 2023 में प्रदेश में बिजली की डिमांड 17170 मेगावॉट तक पहुंच चुकी है। बिजली कंपनियों का अनुमान है कि इस साल प्रदेश में बिजली की डिमांड 18 हजार मेगावॉट तक पहुंच सकती है। इसको देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कम डिमांड के बाद भी कटौती शुरू हो गई है।
22730 मेगावाट बिजली उत्पादन का दावा
प्रदेश में मप्र जनरेटिक कंपनी के ताप विद्युत ग्रह से 5400 मेगावाट, मप्र जनरेटिक कंपनी के जल विद्युत ग्रह से 921.58 मेगावाट, संयुक्त क्षेत्र के जल विद्युत गृह और अन्य से 2484.13 मेगावाट, केंद्रीय क्षेत्र के ताप विद्युत गृह से 5251.74 मेगावाट, दामोदर घाटी विकास निगम के ताप विद्युत गृह से 3401.5 मेगावाट और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत से 5171 मेगावाट प्राप्त होती है। यानी प्रदेश में कुल बिजली उत्पादन क्षमता 22730 मेगावाट है। अभी प्रदेश में बिजली की डिमांड 14 हजार लेकर से 15 हजार मेगावाट है। यानी प्रदेश में सरप्लास बिजली 8 से 9 हजार मेगावाट है। लेकिन कई यूनिटों में खराबी और बंद होने के कारण बिजली की कमी की संभावना बनी रहती है। ऐसे में बिजली कटौती की जाती है।

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