
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम।
प्रदेश के खाद्य विभाग के तहत आने वाले नागरिक आपूर्ति निगम और मार्केटिंग फेडरेशन अपने 68 हजार करोड़ के कर्ज को लेकर इन दिनों बेहद परेशान है। हालात यह हो गए हैं कि अब तो इन दोनों संस्थानों ने इस मामले में हाथ तक खड़े कर दिए हैं।
इसके चलते अब यह पूरा मामला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पाले में चला गया है। दरअसल पूरा मामला प्रदेश के विभिन्न गोदामों में रखा 180 लाख मीट्रिक टन गेहूं और धान का है। इसे सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है। इसके लिए खाद्य विभाग के तहत आने वाले नागरिक आपूर्ति निगम और मार्केटिंग फेडरेशन को 68 हजार करोड़ का कर्ज लेना पड़ा था। अब समर्थन मूल्य पर की गई खरीदी को केन्द्र सरकार ने अब तक उठाया नहीं है, जिसकी वजह से उसके उपज की राशि भी प्रदेश को नहीं मिल पा रही है। इसकी वजह से बैंक का खर्च भी नहीं चुकाया जा पा रहा है। इस वजह से अब बैंक का ब्याज भी तेजी से बढ़ रहा है। इस मामले में विभाग के अफसरों द्वारा अब तक की गई मेहनत के कोई परिणाम नहीं निकले हैं, जिसके चलते अब पूरा मामला मुख्यमंत्री के ऊपर छोड़ दिया गया है। यही वजह है कि अब इस मामले में शिवराज सिंह चौहान जल्द ही केन्द्रीय मंत्री को पत्र लिखकर उठाव कराने का अनुरोध करेंगे। गेहूं का बड़ा हिस्सा भारतीय खाद्य निगम को खरीदना है तथा केन्द्र सरकार को पीडीएस का उठाव भी करना है।
गेहूं उपार्जन का करीब 180 लाख मीट्रिक टन स्टॉक होने से सरकार को हर दिन 18 करोड़ रुपए बैंकों का ब्याज चुकाना पड़ रहा है। इसकी भरपाई के लिए नागरिक आपूर्ति निगम और मार्केटिंग फेडरेशन के अफसर बार-बार दिल्ली जा रहे हैं। लेकिन केन्द्र के माध्यम से बीच का रास्ता नहीं निकल रहा है। गेहूं का उठाव होने और बिकने से राज्य सरकार के पास करीब 50 हजार करोड़ की राशि आ जाएगी।