
- मप्र हाईकोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। नशीले इंजेक्शनों के काले कारोबार के आरोप में 15 साल की सजा पाए एक मेडिकल स्टोर संचालक की सजा सस्पेंड करके हाईकोर्ट ने बुधवार को उसे जमानत का लाभदिया है।
जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस अवनीन्द्र कुमार सिंह की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान जांच मे कई विसंगतियां पाते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी जताई। बेंच ने कहा कि इस मामले में यदि छोटी मछली पकड़ी गई थी, तो उसके सहारे जांच एजेंसी को बड़ी मछली तक पहुंचना थो बजाए इसके पुलिस ने पूरा फोकस छोटी मछली ही पर रखा, क्योंकि बड़ी मछली तो उनका पेट भर रही थी। रांझी (जबलपुर) के नरसिंह नगर में रहने वाले नीरज परियानी की ओर से दायर अपील में कहा गया है कि वो बड़ी ओमती में मेडिकल स्टोर चलाता है। आनंद नगर में रहने वाले समीर गुप्ता के मकान से 28 और 29 जुलाई 2023 को कोतवाली थाना पुलिस ने 26 पेटियों में 52 हजार नशीले एम्प्युल पकड़े थे। पुलिस के अनुसार, ये नशीले एम्प्युल नीरज परियानी के बताए गए, ए गए, जो समीर गुप्ता के मकान में रखे थे। इस मामले में एनडीपीएस की विशेष अदालत ने 13 जनवरी 2025 को आरोपी नीरज परियानी व अन्य को दोषी पाते हुए 15-15 साल की सजा और दो-दो लाख रुपए के जुर्माने से दंडित किया था। इस फैसले के बाद नीरज की ओर से यह अपील हाईकोर्ट में दाखिल की गईं थी। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से अधिवक्ता बसंत रोनाल्ड डेनियल हाजिर हुए। बेंच ने इस मामले की पुलिस जांच में आईं विसंगतियों को देखते हुए आरोपी नीरज की सजा सस्पेंड करके उसे जमानत का लाभ दिया।
12वीं पास रिक्शा चालक को दिया ड्रग लाइसेंस
बेंच ने यहां तक कहा कि केस में राकेश विश्वकर्मा की भूमिका पैडलर की रही। उसका सहयोगी शहनवाज खान था, जो रिक्शा चलाता था। जब ये दोनों पकड़े गए तो पुलिस को यह पता लगाना था कि ये दोनों काम किसके लिए करते हैं। तीसरा शख्स महेश साहू था, जिसने शहनवाज खान के नाम पर ड्रग लाइसेंस लिया था। बेंच ने कहा कि इस मामले में पूरा सिस्टम एक्सपोज हुआ है।