
रेत चोरों के हौंसले हुए बुलंद
बिच्छू डॉट कॉम/ सीधी। सीधी जिले के चुरहट विधानसभा के रामपुरनैकिन थाना अंतर्गत खड्डी चौकी क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम चंद्ररेह-गुजरेड से प्रतिबंधित सोन घड़ियाल क्षेत्र से अवैध रेत उत्खनन का कार्य थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक ओर जहां सूबे के मुखिया रेत उत्खनन को लेकर लंबे चौड़े बयान देते है वहीं जिले के पुलिस कप्तान भी काफी कड़क नजर आते हैं परन्तु उनकी कड़क मिजाजी कहीं न कहीं चुरहट क्षेत्र में कमजोर हो जाती है और वह असहज महसूस हो रहे हैं। ज्ञात हो कि बीती दरमियानी रात को सोन घड़ियाल टीम को गस्त के दौरान गुजरेड में सोन नदी में ट्रैक्टर लगे होने की सूचना मिली जहां पहुंचने पर रेत से लदा एक ट्रैक्टर पकड़ा गया, लेकिन उसके चालक सहित लोग भागने में सफल रहे। सोन घड़ियाल टीम द्वारा डायल 100 को सूचना दी गई पुलिस की मौजूदगी में ट्रैक्टर को खड्डी चौकी पहुंचाया गया जहां पुलिस द्वारा जप्ती कर ली गई।
सुपुर्दगी में घंटों चला खेल: सोन घड़ियाल टीम द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार खड्डी चौकी पुलिस द्वारा सुपुर्दगी लेने में घंटों तक आनाकानी की जाती रही। बामुश्किल से पुलिस द्वारा उसकी सुपुर्दगी ली गई।
रेतचोर ट्रैक्टर लेकर धरना देने पहुंचे: आश्चर्य की बात तो यह है कि पहले रेत चोरी की गई फिर पकड़े जाने पर कई ट्रैक्टर मालिक अपना – अपना ट्रैक्टर लेकर सोन घड़ियाल चौकी शिकारगंज पहुंचकर धरना देने पहुंच गए। साथ ही उल्टा सोन घड़ियाल टीम पर गोली चलाने का आरोप लगाया जा रहा है।
शिकारगंज रेस्ट हाउस पर चली हाई लेवल मीटिंग: शिकारगज रेस्ट हाउस में सोनघड़ियाल सीधी के एसडीओ मनोज कटारिया, रेंजर, थाना प्रभारी रामपुरनैकिन अशोक पाण्डेय, खड्डी चौकी प्रभारी भूपेश व तथाकथित पत्रकार आशीष तिवारी की उपस्थिति में ट्रैक्टर छोड़ने के लिए गुफ्तगू होती रही। आनन – फानन में जांच की फॉरमैलिटी करके ट्रैक्टर को छोड़ दिया गया।
कार्रवाई पर सवाल: सोनघड़ियाल प्रतिबंधित क्षेत्र से जप्त किये गए ट्रैक्टर पर की गई कार्रवाई पर अब आला अधिकारियों को अपने ही मैदानी कर्मचारियों पर भरोसा नहीं रहा। एसडीओ मनोज कटारिया व सीसीएफ सोनघड़ियाल लगातार ये कहते रहे कि सोन नदी से ट्रैक्टर पकड़ा गया है कार्रवाई होगी। लेकिन शाम होते होते उनके सुर बदल गए । जिससे ये सवाल उठता है कि आखिर किसके दबाव ये सब हुआ।
क्या है नियम
पकड़े गए वाहनों के लिए नियम यह है कि, जब्त वाहन के बालू की जांच हो कि बालू कहां का है। इसके बाद कोर्ट से वाहन मुक्त होता है। परंतु यहां ठीक इसके विपरीत था दो घंटे में पूरे मामले को रफा – दफा कर दिया गया।
पत्रकारों से हुई छीना झपटी
इस पूरे मामले को कवर करने गए पत्रकारों से मोबाइल छीना गया, हाथा- पाई की गई, गाड़ी की हवा निकाल दी गई व धमकी दी गई। इस पूरे घटनाक्रम में रामपुरनैकिन थाने के थाना प्रभारी अशोक पाण्डेय सहित पूरा अमला मूकदर्शक बना रहा। पत्रकारों द्वारा लिखित में पुलिस अधीक्षक के यहां उनके साथ हुई छीना झपटी की शिकायत दर्ज करवा दी गयी है। देखना है पुलिस आगे कुछ करती है या दबाव में घुटने टेक देगी।