मेडिकल कॉलेज खोलने की… कवायद कागजों में भी पूरी नहीं

मेडिकल कॉलेज

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार ने सत्र 2022-2023 से प्रदेश के शासकीय विश्वविद्यालयों के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, लेकिन अभी तक मेडिकल कॉलेज खोलने की कवायद कागजों में भी पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि सरकार लक्ष्य को पूरा कैसे कर पाएगी।
जानकारी के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग प्रदेश के शासकीय विश्वविद्यालयों के अधीन मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए प्रक्रिया शुरू कर चुका है। राज्य में 22 शासकीय विवि हैं। पहले चरण में बरकतउल्ला विवि भोपाल, जीवाजी विवि ग्वालियर और विक्रम विवि उज्जैन में मेडिकल कॉलेज खोलने की कवायद जारी है। कोशिश है कि सत्र 2022-2023 से  मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई शुरू हो जाए, हालांकि अभी कागजी कार्रवाई ही पूरी नहीं हुई है। दूसरे चरण में मेडिकल कॉलेज समेत अन्य विधाओं के कॉलेज अन्य शासकीय विश्वविद्यालयों में खोलने की योजना है।
जमीन की उपलब्धता के आधार पर विश्वविद्यालयों का चयन
मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन की उपलब्धता के आधार पर विश्वविद्यालयों का चयन किया गया है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि विश्वविद्यालयों में से कुछ के पास पर्याप्त जमीन है, इसलिए निर्णय लिया है इन पर मेडिकल कॉलेज समेत अन्य संस्थान खोले जाएं। लेकिन सरकार की कवायद अभी कागजों में ही पूरी नहीं हो पाई है।
तीनों विश्वविद्यालयों के पास पर्याप्त जमीन
मेडिकल कॉलेज खोलने वाले बरकतउल्ला विवि भोपाल, जीवाजी विवि ग्वालियर और विक्रम विवि उज्जैन के पास पर्याप्त जमीन है। बरकतउल्ला विवि के पास कुल 320 एकड़ भूमि है। अभी 100 एकड़ जमीन पर ही निर्माण हुआ है। वहीं वन विभाग की नर्सरी, गृह विभाग को बागसेवनिया थाने, राष्ट्रीय संस्कृत विवि के परिसर और मेट्रो प्रोजेक्ट में कुछ जमीन गई है। कुलसचिव आईके मंसूरी के अनुसार मेडिकल कॉलेज के लिए आदर्श जितनी जगह जरूरी होगी, उपलब्ध है। शासन की मंशानुसार मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव तैयार करने में जुटे हैं। बड़े पैमाने पर बजट की जरूरत होगी, जिसके लिए शासन से मदद मिलेगा। वहीं जीवाजी विवि, कुल 293 एकड़ भूमि है। अभी 60 एकड़ जमीन पर निर्माण हुआ है। हाईकोर्ट की खंडपीठ और आईआईटीटीएम संस्थान के परिसर को दी गई। निजी कॉलोनी में से कुछ प्लॉट विवि की जमीन पर हैं। विवि के कुलसचिव प्रो. सुशील मंडेरिया के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग तुरारी में मेडिकल कॉलेज के लिए 51 एकड़ जमीन दिलवा रहा है। एनओसी मिलते ही शासन को प्रस्ताव भेजेंगे। शुरूआत में जब तक कॉलेज बन नहीं जाता, तब तक विवि के परीक्षा भवन में कक्षाएं लगाएंगे। जबकि विक्रम विवि के पास कुल 330 एकड़ भूमि है। अभी 50 एकड़ पर निर्माण हुआ है। विवि के कुलसचिव प्रशांत पुराणिक का कहना है, प्रस्ताव शासन को सितंबर 2021 को भेजा गया है। इसके लिए एमबीए अध्ययनशाला के पीछे कॉर्नर का बड़ा भूखंड आरक्षित किया गया है। शासन से अनुमति मिलने के बाद एमसीआई को डीपीआर भेजेंगे और फिर चिकित्सा शिक्षा, शासन से विधिवत स्वीकृति ली जाएगी।

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