
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की घोषणा के बाद अब संगठन में एक दो दिन से नियुक्तियों का दौर शुरू होने वाला है, जिसमें प्रदेश से लेकर मैदानी स्तर तक के रिक्त चल रहे पदों पर नेताओं को ताजपोशी की घोषणा की जाएगी। यह बात अलग है कि यह नियुक्तियों लगभग डेढ़ साल के लंबे इंतजार के बाद होने जा रही हैं। इनमें प्रदेश स्तर पर रिक्त मोर्चा, प्रकोष्ठों के पदों के अलावा पार्टी के प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्टों की टीम भी शामिल है। इसके लिए संगठन में मंथन पूरा कर लिया गया है। इसी तरह से जिला संगठन की कार्यकारिणी की भी घोषणाएं करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए जिलाध्यक्षों को भोपाल बुलाकर उनके साथ चर्चाओं का दौर जारी है। प्राय: भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष बनने के कुछ समय बाद ही प्रदेश पदाधिकारियों और कार्यसमिति की घोषणा कर दी जाती थी, लेकिन बीते कुछ सालों से इस मामले में वह भी कांग्रेस की राह पर चलती दिखने लगी है। इस मामले में तो इस बार कुछ अधिक ही लेटलतीफी संगठन ने दिखाई है। पहली बार ऐसा हुआ है कि पांच महामंत्री बनाकर उनके भरोसे ही महीनों काम चलाया गया है। प्रदेश कार्यकारिणी के गठन में हुई देरी की वजह से संगठन की मैदानी सक्रियता लगभग समाप्त हो गई थी। इसके भी अब रफ्तार पकड़ने की संभावना है। माना जा रहा है कि अब पार्टी कार्यकर्ताओं के टूटते धैर्य और अगले कुछ माह में होने वाले नगरीय निकाय, पंचायत चुनावों के अलावा तीन विधानसभा और एक लोकसभा के उपचुनाव के मद्देनजर संगठन अब इस मामले में देरी करने के पक्ष में नही है। हालांकि वीडी शर्मा के प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद पहले राजनैतिक उठापटक, कोरोना, फिर एक साथ 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव और फिर कोरोना की दूसरी लहर का दौर चला है, जिसकी वजह से संगठन में रिक्त पदों को भरने में देरी की मुख्य वजह माना जा रहा है। इसके साथ ही माना जा रहा है कि अब सत्ता में भी कार्यकर्ताओं को भागीदारी देने की तैयारी कर ली गई है। इनमें निगम मंडलों में की जाने वाली राजनैतिक नियुक्तियां भी शामिल हैं।
इन प्रमुख समितियों की भी घोषणा संभावित
पार्टी सूत्रों के मुताबिक संगठन अब अन्य महत्वपूर्ण माने जाने वाली समितियों में शामिल कोर ग्रुप, समन्वय समिति, अनुशासन और चुनाव समिति का भी गठन कर उसमें शामिल नामों की घोषणा करने की भी तैयारी कर रहा है। यह समितियों प्रदेश में जल्द होने वाले निकाय चुनावों के अलावा उपचुनावों की वजह से महत्वपूर्ण हैं। प्रदेश चुनाव समिति के गठन के बाद ही निकाय चुनाव के लिए संभाग स्तर पर चुनावी समिति का गठन हो सकेगा। इसी तरह से अनुशासन समिति के अभाव में कई शिकायतों का अंबार प्रदेश स्तर पर लगा हुआ है, जिनका निराकरण अटका हुआ है।
इन महत्वपूर्ण पदों पर होनी है नियुक्तियां
दरअसल पार्टी के सबसे प्रमुख सहयोगी संगठन युवा मोर्चा और महिला मोर्चा की प्रदेश की टीम भी अब तक गठित नहीं हो सकी है। इन दोनों के ही प्रदेशाध्यक्षों की घोषणा हुए भी पांच माह हो चुका है। इसकी वजह से इन दोनों ही सहयोगी संगठनों का काम पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। माना जा रहा है कि इनकी नई टीम की घोषणा भी इसी पखवाड़े कर दी जाएगी।
निगम मंडलों में नियुक्तियों का भी हो सकता है दौर
बताया जा रहा है कि संगठन के साथ ही सत्ता में कार्यकर्ताओं की भागीदारी तय की जा सकती है। इसमें विभिन्न निगम मंडलों के साथ ही अन्य उन समितियों में कार्यकर्ताओं के नामों की घोषणा की जा सकती है, जिन पर राजनैतिक रुप से नियुक्तियां की जाती हैं। इसमें शैक्षणिक संस्थाओं के साथ ही अंत्योदय समितियों में की जाने वाली नियुक्तियां भी शामिल हैं। उधर माना जा रहा है कि श्रीमंत समर्थकों के साथ निगम मंडलों में होने वाली नियुक्तियों का फंसा पेंच भी सुलझा लिया गया है।
33 जिलाध्यक्ष पुराने
प्रदेश में भाजपा संगठन के हिसाब से लगभग 55 जिलाध्यक्ष हैं, जिनमें से 33 जिलाध्यक्षों का निर्वाचन पूर्व में प्रदेशाध्यक्ष रहे सांसद राकेश सिंह के समय ही करा लिया गया था। उसके बाद प्रदेश की कमान वीडी शर्मा को मिली। शर्मा के अब तक के कार्यकाल में लगभग 24 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की गई है। जिलाध्यक्ष बनने के बाद अब तक वे करीब डेढ़ साल से बगैर टीम के ही काम कर रहे हैं। इसकी वजह है प्रदेश स्तर पर उनकी टीम का गठन किया जाना, जिसमें महामंत्री, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और अन्य महत्वपूर्ण पद शामिल हैं। प्रदेश से नाम तय करने के बाद उनकी घोषणा संभाग स्तर से करने की तैयारी है। इसके लिए बीते कई दिनों से संबंधित जिलाध्यक्षों को बुलाकर पूर्व में पर्यवेक्षक भेजकर बुलाई गई सूची के नामों पर विचार- विमर्श का दौर चल रहा है। यही वजह है कि इन दिनों भाजपा प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश भर से पदों के दावेदारों का आना जाना देखा जा सकता है।