सजा कम कराने गए आरोपी की कोर्ट ने बढ़ाई सजा

कोर्ट
  • सोम ग्रुप के पक्ष में 22 साल बाद आया फैसला

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। सरकारी सिस्टम भ्रष्ट तो है ये तो सभी जानते हैं और मानते भी हैं लेकिन हम आपको एक ऐसा अनोखा मामला बताने जा रहे हैं। जिसमें अधिकारी और बाबू ने फंला को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी रिकॉर्ड में ही हेरफेर कर दी। इस मामले में पीडि़त हैं सोम डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक अजय अरोरा।
    भोपाल कोर्ट ने 7 जुलाई 2025 को अपने तरह के इस अनोखे मामले में आबकारी विभाग के रिटायर्ड आबकारी उपायुक्त विनोद रघुवंशी को 4 साल की सजा सुनाई है। वहीं एक अन्य आरोपी आबकारी विभाग के रिटायर्ड क्लर्क ओपी शर्मा को 2 साल की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश दीपक बंसल ने आपराधिक अपील क्र. 489/2023 में विनोद रघुवंशी जो कि पूर्व उपायुक्त आबकारी विभाग की सजा को 4 साल बढ़ाते हुए उनकी अपील ख़ारिज कर दी द्य यह मध्य प्रदेश के इतिहास में सम्भवत: पहली बार हुआ की किसी आबकारी विभाग के उच्च अधिकारी को न्यायालय द्वारा इतनी कड़ी सजा आपराधिक कृत्य के लिए दी गयी है यह मामला 2003-04 के भोपाल के आबकारी ठेकों में हुई धोखाधड़ी और धांधली से जुड़ा हुआ है। जिसमें पीडि़त सोम डिस्टलरीज के मालिक अजय अरोरा को उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय के कई बार चक्कर काटने पड़े और 22 साल लंबी लड़ाई के बाद उन्हें न्याय मिला। भोपाल के आबकारी ठेकों में हुई धोखाधड़ी व धांधली से अनुचित लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्तियों भगवती प्रसाद कुल्हरा, बद्री प्रसाद जायसवाल, हरप्रसाद जायसवाल सहित बाकी आरोपियों को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी थी।

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