सरकारी बिजली घरों में गड़बड़ी और कुप्रबंधन से कंपनी हलाकान

सरकारी बिजली
  • अफसरों की लापरवाही और भर्राशाही का खामियाजा भुगत रहे उपभोक्ता

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। सरकार की तमाम कोशिश के बावजूद प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियां घाटे से उबर नहीं पा रही हैं। इसकी वजह यह है कि बिजली उत्पादन में गड़बड़ी हो रही है। साथ ही गलत प्रबंधन के कारण सरकारी बिजली घरों की हालत खस्ताहाल हो रही है। इस कारण सरकारी बिजली घरों से निर्धारित क्षमता से कम बिजली का उत्पादन किया गया है। इससे निजी बिजली घरों से महंगी बिजली खरीदी जा रही है। इसका खमियाजा बिजली उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है। इन्हीं कुप्रबंधनों की वजह से हर साल बिजली का टैरिफ बढ़ रहा है। वहीं सरकार को लगभग हर साल 1500 करोड़ रुपए की चपत लग रही है।  गौरतलब है कि सरकारी बिजली घरों से निर्धारित क्षमता से कम बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। जनरेटिंग कंपनी के सिर्फ दो बिजली घर ही पूरी क्षमता से बिजली का उत्पादन कर पाए हैं। अन्य बिजली घरों में तय मानकों के तहत बिजली का उत्पादन नहीं हो रहा है। इससे पॉवर जनरेटिंग कंपनी के बिजली घरों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के बिजली घरों को वर्ष 2021-22 में करीब 1500 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा है। इसको लेकर बिजली कंपनी के रिटायर्डd अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेंद्र अग्रवाल ने भी सवाल उठाते हुए सरकार को ज्ञापन सौंपा है।
मापदंडों का पालन नहीं : जानकारों का कहना है कि आयोग के निर्धारित मापदंडों के मुताबिक साल में बिजली घरों को 85 फीसदी उपलब्धता देना होती है। अगर बिजली घर इससे कम  चलते हैं, तो उन्हें आयोग द्वारा निर्धारित राशि का भुगतान नहीं किया जाता है। इससे पॉवर जनरेटिंग कंपनी बिजली घरों को कम राशि का भुगतान करती है। इससे सरकारी बिजली घरों पर कर्ज हो जाता है और पॉवर जनरेटिंग कंपनी को निजी बिजली घरों से महंगी दरों में बिजली खरीदना पड़ती है। मप्र पॉवर जनरेटिंक कंपनी के 5 ताप विद्युत गृह हैं। इसके अलावा 6 जल विद्युत गृह हैं । ताप विद्युत गृहों की बिजली उत्पादन क्षमता 4670 मेगावाट है और जल विद्युत गृहों की उत्पादन क्षमता 745 मेगावाट है। इन सभी बिजली घरों से उत्पादन क्षमता से कम बिजली मिली है।
आयोग ने तय कर रखी है बिजली उत्पादन की क्षमता
गौरतलब है कि मप्र विद्युत विनियामक आयोग ने जनरेटिंग कंपनी के सभी ताप और जल बिजली घरों के लिए बिजली उत्पादन की क्षमता तय की है। यह क्षमता बिजली घरों की पूंजीगत लागत और  अन्य खर्चों के मुताबिक है। बिजली घरों से उत्पादन होने वाली बिजली की दरों का भुगतान मप्र पॉवर जनरेंटिंग कंपनी द्वारा किया जाता है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आयोग ने 4935.18 करोड़ की बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा था, जिससे बिजली उत्पादन
करने वाले बिजली घर पूरा नहीं कर पाए हैं।
बिजली घरों की स्थिति
ताप विद्युत गृह क्षमता निर्धारित वास्तविक
बिरसिंहपुर 1-2 840 75 62.20
बिरसिंहपुर -3 500 85 63.14
सतपुड़ा दो-तीन 830 70 00
सिंगाजी-1 1200 708 65.63
सिंगाजी-2 1320 85 48.59
जल विद्युत गृह क्षमता निर्धारित वास्तविक
गांधी सागर 115 85 47.22
पेंच 160 85 59.80
राजधाट 45 60 46.30
बरगी 90 85 82.51
बाणसागर 1 315 85 58.90
बिरसिंहपुर 20 85 45.22

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