
- अपने एनजीओ के लिए बंद कराया प्रशिक्षण कार्यक्रम
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के बेरोजगारों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के लिए उद्यमिता विकास केंद्र (सेडमैप द्वारा संचालित कार्यक्रम लगातार विवादों का केंद्र बने रहते हैं। ताजा विवाद सेडमैप की कार्यकारी संचालक अनुराधा सिंघई द्वारा खड़ा किया गया है। आरोप है कि कार्यकारी संचालक ने अपने एनजीओ को फायदा पहुंचाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम को बीच में ही बंद कर दिया है। इससे प्रशिक्षणार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि सेडमैप द्वारा केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के सहयोग से अलग अलग तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन किया जाता है। हर कार्यक्रम के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार के संबंधित विभागों द्वारा सेडमैप को भुगतान भी किया जाता है।
सूत्रों को कहना है कि अनुराधा सिंघई जब से उद्यमिता विकास केंद्र की कार्यकारी संचालक बनी है यहां विवाद गहरा गया है। पहले अनुराधा सिंघई द्वारा भोपाल पुलिस को दिया गया शिकायती पत्र शासन-प्रशासन में चर्चा का विषय बना था। अब वे खुद के एनजीओ की वजह से फिर चर्चाओं में हैं। दरअसल, सेडमैप राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान के जिस एग्री क्लीनिक एंड एग्री बिजनेस कार्यक्रम को संचालित करता है, उसे सेडमैप ने कार्यकारी संचालक अनुराधा सिंघई के आने के बाद से बंद कर दिया है। क्योंकि इसी कार्यक्रम को अनुराधा सिंघई के एनजीओ इंडो यूरोपियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा संचालित किया जा रहा है। राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज) के एग्री क्लीनिक एंड एग्री बिजनेस कार्यक्रम के जरिए मप्र के मछुआरों और किसानों को एक्वाकल्चर का प्रशिक्षण देना था। इससे पहले भी सेडमैप ने प्रशिक्षण दिया था। हालांकि इस संबंध में सेडमैप की कार्यकारी संचालक ने सीधे तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। लेकिन सफाई यह दी जा रही है कि नोडल अधिकारी का प्रभार नहीं मिलने और समय पर प्रशिक्षार्थियों की सूची एवं साक्षात्कार नहीं होने की वजह से कार्यक्रम शुरू नहीं हो पाए हैं।
कई कार्यक्रम किए बंद
सेडमैप में मप्र छत्तीसगढ़ में कई कार्यक्रम बंद किए गए हैं। यह मामला उठने के बाद सेडमैप की संचालिका एक बार फिर चर्चाओं में है। दरअसल, प्रदेश के बेरोजगारों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के लिए सेडमैप द्वारा केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के सहयोग से अलग अलग तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन किया जाता है। हर कार्यक्रम के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार के संबंधित विभागों द्वारा सेडमैप को भुगतान भी किया जाता है। सेडमैप द्वारा फिलहाल 7 अलग-अलग विधाओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जबकि राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज) के सहयोग से चलाया जा रहा प्रशिक्षण कार्यक्रम एग्री क्लीनिकल एंड एग्री बिजनेस सेंटर (एसीएबीसी) को सेडमैप ने जनवरी 2022 के बाद बंद करा दिया। खास बात यह है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम को बंद कराने की कवायद सेडमैप की कार्यकारी संचालक अनुराधा सिंघई के सेडमैप में आने के बाद ही हुई थी। यह भी उल्लेखनीय है कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन अनुराधा सिंघई के एनजीओ इंडो यूरोपियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आईईसीसीआई) द्वारा किया जाता है। यानी अनुराधा सिंघई ने अपने एनजीओ आईईसीसीआई को कथित लाभ पहुंचाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम को बंद कराया था। सेडमैप में कार्यकारी संचालक का प्रभाव ऐसा है कि अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी एग्री क्लीनिक एंड एग्री बिजनेस कार्यक्रम के संबंध में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। सभी इसे मेडम से जुड़ा मामला बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं। यह बात अलग है कि मेडम सिंघई ने जिसे एग्री क्लीनिक एंड एग्री बिजनेस कार्यक्रम का नोडल अधिकारी बताया है वह भी खुद को इस जिम्मेदारी से अलग करते हुए दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। सैडमैप की कार्यकारी संचालक अनुराधा सिंघई का एनजीओ वर्षों से काम कर रहा है। इसके एवज में सरकारों से हर साल लाखों की राशि मिलती है। सेडमैप में आने से पहले भी अनुराधा सिंघई एनजीओ का ही पूरा काम देखती थी। हालांकि उनके सेडमैप में आने के बाद से ही एनजीओ इंडो यूरोपियन वेबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आईईसीसीआई) लगातार चर्चा में रहा है। सेडमैप में आने के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ में संचालित होने वाले ज्यादातर कार्यक्रम बंद कर दिए। इसके साथ ही मप्र में भी कार्यक्रम बंद किए हैं। सेडमैप सूत्र बताते हैं कि अभी तो कुछ ही कार्यक्रम सामने आए हैं, जो मॅडम के आने के बाद बंद हुए हैं। बंद कार्यक्रमों की संख्या ज्यादा हो सकती है। ये कार्यक्रम एनजीओ द्वारा संचालित होते हैं।