
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र की शिव सरकार द्वारा अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कर उनमें निजी स्कूलों जैसी शिक्षा देने की व्यवस्था की जा रही है। यह पूरी कवायद शिक्षा के स्तर में सुधार के साथ ही निजी स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए की जा रही है।
इन स्कूलों में पढ़ाई कराने का मौका उन्हीं सरकारी शिक्षकों को मिलेगा जो इसकी होने वाली चयन परीक्षा को पास कर पाएंगे। इस परीक्षा में शिक्षकों की रुचि, पढ़ाई का तरीका और उनकी विषय में योग्यता के पैमाने को परखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने प्रदेश में इस तरह के कुल नौ हजार दो सौ से अधिक स्कूल खोलने की तैयारी की है। इसके पहले चरण में साढ़े तीन सौ स्कूल शुरू करने की तैयारी है। इन स्कूलों को सरकार इसी सत्र में चार माह बाद अक्टूबर में शुरू करने की तैयारी कर रही है। यह बात अलग है कि कोरोना संक्रमण की वजह से प्रदेश में अभी ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। इन स्कूलों को फिलहाल पुराने स्कूलों के भवनों में ही शुरू किया जा रहा है। इसके बाद अगले दो सालों में इन स्कूलों के लिए नए भवन तैयार कराए जाएंगे, जो कि निजी स्कूलों की तरह की सुविधाओं से लैस होंगे। इसके लिए सरकार द्वारा इस साल के बजट में 1500 करोड़ का प्रावधान किया है।
इस तरह से ली जाएगी परीक्षा
विभाग ने इन नए स्कूलों का नाम सीएम राइज रखा है। इन स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को चयन परीक्षा के कई चरणों से होकर गुजरना होगा, जिसमें लिखित और मौखिक के अलावा उनके द्वारा ली जाने वाली कक्षा में पढ़ा कर भी दिखाना होगा, जिससे उनके पढ़ाई के तरीके का भी आंकलन किया जा सके। इसके बाद उन्हें इन स्कूलों के लिए नियुक्त किया जाएगा। खास बात यह है कि जिन शिक्षकों को इन स्कूलों के लिए चयन किया जाएगा उन्हें सामान्य स्कूलों में पदस्थ नहीं किया जाएगा। खास बात यह है कि इन स्कूलों में शिक्षा देने वाले शिक्षकों को विभाग द्वारा अलग से प्रोत्साहन भत्ता दिया जाएगा। इस भत्ते के भुगतान का प्रस्ताव पहले ही तैयार कर सरकार को भेजा जा चुका है।
यह होंगी स्कूल में सुविधाएं
इन स्कूलों में सभी आवश्यक सुविधाएं होंगी , जिसमें व्यवस्थित भवन के अलावा , बच्चों के लिए परिवहन सुविधा पुस्तकालय, प्रयोगशाला, स्विमिंग पूल, खेल सुविधाएं और संगीत की कक्षाओं का भी इंतजाम रहेगा। यही नहीं इन स्कूलों में शिक्षकों के सभी पद पूरे समय भरे रहेंगे।
अलग होगी ड्रेस
इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए अलग से ड्रेस कोड भी तैयार किया जा रहा है। उनकी ड्रेस अन्य स्कूलों से पूरी तरह से अलग रखी जा रही है। इसके अलावा उनके बस्ते, बैच और जूते – मौजों का भी अलग से चयन करने की कवायद की जा रही है।
अंग्रेजी माध्यम से दी जाएगी शिक्षा
खास बात यह है कि इन स्कूलों में निजी स्कूलों की तरह पढ़ाई अग्रेंजी माध्यम से कराई जाएगी। यही नहीं इनमें नर्सरी से कक्षा शुरू करने की योजना है। शिक्षा विभाग का मानना है कि अक्टूबर तक पूरी तरह से प्रदेश में हालात सामान्य हो जाएंगे, जिसके बाद सामान्य रुप से स्कूल में पढ़ाई हो सकेगी। यही वजह है कि विभाग द्वारा उसी समय से नए तरीके से पढ़ाई कराने की योजना तैयार की गई है।