विलंब शुल्क का भार भुगत रहे शिक्षक

विलंब शुल्क

कियोस्क संचालक ने परीक्षा शुल्क लेकर भी नहीं भरे फार्म

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। करे कोई और भरे कोई की तर्ज पर कियोस्क संचालक की गलती का खामियाजा शिक्षक और छात्र को भुगतना पड़ रहा है। दरअसल, बोर्ड परीक्षाओं के फार्म जमा करने की जिम्मेदारी प्राचार्यों द्वारा कियोस्क संचालक पर छोड़ना अब शिक्षकों और परीक्षार्थियों को भारी पड़ रहा है। कियोस्क संचालक ने परीक्षा शुल्क लेकर भी फार्म नहीं भरे। इस स्थिति में राजधानी के 13 सरकारी व निजी स्कूलों के 10वीं व 12वीं बोर्ड के 1710 परीक्षार्थियों के फार्म नहीं भरे गए।  अब इस मामले में संबंधित निजी स्कूल और सरकारी स्कूलों के प्राचार्य इसके लिए संचालक को दोषी तो ठहरा रहे हैं, लेकिन 20 नवंबर तक उन्हें बच्चों के फार्म विलंब शुल्क के सोच जमा करना अनिवार्य है। ऐसे में अब निजी स्कूलों में जहां परीक्षार्थियों से पुन: शुल्क जमा कराया जा रहा है, वहीं सरकारी स्कूलों में शिक्षकों से 10 से 20 हजार रुपए तक प्राचार्य बतौर सहयोग जमा करवा रहे हैं।
राशि जमा करने को मजबूर
शिक्षकों का कहना है, प्राचार्य के दबाव में राशि जमा करना उनकी मजबूरी हो गई है। कुछ स्कूलों के प्राचार्यों द्वारा कियोस्क संचालक के खिलाफ थाने में मामला भी दर्ज करवाया गया है। भोपाल सरकारी नूतन सुभाष, शासकीय उमावि आनंद 25वीं बटालियन, शासकीय उमावि बागसेवनिया, समेत 13 स्कूलों के 1710 विद्यार्थियों के फार्म नहीं भरे गए। वहीं प्रदेश के ऐसे तीन हजार विद्यार्थी हैं। इनमें से शासकीय उमावि 25वीं बटालियन ने करीब सवा लाख रुपये शुल्क का भुगतान कर विद्यार्थियों के फार्म जमा करा दिए। वहीं शासकीय उमावि आनंद नगर के प्राचार्य  भी 582 बच्चों के करीब 15 लाख शुल्क जमा कर फार्म भरवाने की तैयारी में है। 30 सितंबर के बाद अब प्रति विद्यार्थी का फार्म बिलंब शुल्क दो हजार रुपये, सामान्य शुल्क 900 और कियोस्क शुल्क 25 रुपये, कुल 2925 रुपये के भुगतान के साथ जमा किए जा रहे हैं। 20 नवंबर तक के बाद विलंब शुल्क पांच हजार रुपये देना होगा।
15,81,750 जमा नहीं किए
मंडल परीक्षा फार्म एमपीऑनलाइन कियोस्क के माध्यम से जमा करवाता है। राजधानी के सभी स्कूल नेहरू नगर स्थित एक कियोस्क से ही फार्म जमा करवाते हैं। ऐसे में 1710 विद्यार्थियों के फार्म और निर्धारित शुल्क की  राशि करीब 15,81,750 रुपये जमा नहीं किए गए। अब यह राशि विलंब शुल्क समेत बढ़कर करीब 50 लाख रुपये हो गई है। इस पूरे मामले में कियोस्क संचालक संदेह के घेरे में है। जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना का कहना है कि मंडल का परीक्षा शुल्क एमपीआनलाइन के माध्यम से जमा होता है। कियोस्क संचालक की गलती का खामियाजा प्राचार्यों को भुगतना पड़ रहा है। स्कूल प्राचार्य विद्यार्थियों की फीस जमा करने में जुटे हैं। मामले में कियोस्क संचालक के ऊपर कार्यवाई की जाएगी।
कियोस्क संचालक की गलती
शासकीय उमावि आनंद नगर के प्राचार्य एसके उपाध्याय का कहना है कि मेरे स्कूल के 582 विद्यार्थियों के फार्म जमा नहीं हुए। इसमें कियोस्क संचालक की गलती है। वह वर्षों से फार्म जमा करवा रहा है। सभी विद्यार्थियों की फीस करीब 17 लाख रुपये अब खुद ही जमा कराएंगे। शिक्षकों व विद्यार्थियों से नहीं  लिया जाएगा। कियोस्क संचालक के खिलाफ कार्यवाई कराएंगे। शासकीय उमावि बागसेवनिया के प्राचार्य शिक्षा यादव का कहना है कि स्कूल के करीब 265 विद्यार्थियों का शुल्क करीब आठ लाख रुपये जमाकर फार्म भरवा रहे है। वही कियोस्क संचालक के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई गई है।

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