
- सीएस ने अधिकारियों के साथ मिलकर पदोन्नति नियम 2025 पर की चर्चा
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मंत्रालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पदोन्नति नियम 2025 को लेकर बैठक हुई। लगभग पौने तीन घंटे चली बैठक में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, विभागाध्यक्ष सहित स्थापना से जुड़े हुए अधिकारी उपस्थित थे। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि हर हाल में 31 जुलाई तक पदोन्नतियां दे दी जाए। इसके लिए नियम अनुसार वरिष्ठता सूची तैयार कर विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकें की जाएं। आरक्षण के मुद्दे पर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर उन्होंने कहा कि आरक्षण नहीं प्रतिनिधित्व का प्रविधान सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के अनुरूप नियमों में किया गया है।
मुख्य सचिव जैन ने कहा कि 9 साल की बड़ी समस्या इस नियम के लागू होने से समाप्त हो सकेगी। नियमों को बनाने में वरिष्ठ सचिव समिति एवं सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बहुत मेहनत एवं गहन चर्चा की। नियमों के लागू होने से प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी। बड़ी संख्या में विभागों में सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को पदोन्नति मिलेगी। सभी अधिकारी पूरी ताकत से इस नियम के क्रियान्वयन में जुट जाएं क्योंकि यह सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय है। इसमें कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। नियम के प्रविधानों को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे और उप सचिव अजय कटेसरिया ने प्रस्तुतीकरण दिया। बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह जेएन कसोटिया, प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग गुलशन बामरा ने नए पदोन्नति नियमों को लेकर सवाल किए। एक अन्य अधिकारी ने पूछा कि कर्मचारियों की एक वर्ग नए नियमों को कोर्ट में चैलेंज करने की तैयारी कर रहा है? इसके जवाब में बताया गया कि हमें मालूम है कि कर्मचारी किन बिंदुओं को लेकर कोर्ट जा सकते है, उसका जवाब देने की तैयारी पूर्व में ही कर ली गई है।
डीपीसी की बैठकें बुलाने समय सीमा निर्धारित
बैठक में कहा गया कि सभी विभाग पहली डीपीसी 31 जुलाई के पहले कर लें। दूसरी डीपीसी सितंबर से नवंबर के बीच कर लें, ताकि दिसंबर 2025 की स्थिति में रिक्त पदों पर पदोन्नति की जा सके। इसके बाद अगले साल सितंबर से नवंबर के बीच दिसंबर, 2026 की स्थिति में रिक्त होने वाले पदों के लिए डीपीसी करें। बैठक में अपर मुख्यसचिव सामान्य प्रशासन संजय दुबे एवं उपसचिव अजय कटेसरिया ने मप्र लोकसेवा पदोन्नति नियम 2025 की जानकारी दी। इसमें एससी और एसटी वर्ग के लिए आरक्षित पदों की गणना, विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक, अर्हकारी सेवा की गणना, वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन, पदोन्नति के लिए अपात्रता, पदोन्नति का प्रकार, पदोन्नति के फलस्वरूप वेतन का निर्धारण, सीलबंद लिफाफे की स्थिति में प्रक्रिया सहित प्रतीक्षा सूची से पदों को भरे जाने की जानकारी दी गई। बैठक में परामर्शदात्री समिति की बैठकें नहीं होने का मामला उठा। अफसरों से ये बैठकें समय पर करने के लिए कहा गया है। हर तीन महीने में परामर्शदात्री समिति की बैठकें होना चाहिए, ताकि कर्मचारियों के कल्याण से जुड़े मुद्दों पर निर्णय हो सकें, लेकिन विभाग के अधिकारी बैठक नहीं बुलाते हैं, इसलिए मामले अनसुलझे रहते हैं और कोर्ट में जाते हैं।
कर्मचारी कल्याण को प्राथमिकता
मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि अपने विभाग में कर्मचारी-कल्याण को प्राथमिकता दी जाये। विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठकें आयोजित की जाये। कर्मचारियों के गोपनीय प्रतिवेदन, विभागीय जाँच एवं पेंशन प्रकरणों का निराकरण समय से करें। परिचर्चा के दौरान अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन संजय दुबे एवं उप सचिव अजय कटेसरिया ने मध्यप्रदेश लोकसेवा पदोन्नति नियम-2025 की विस्तृत जानकारी दी। इसमें अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग के लिए आरक्षित पदों की गणना, विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक, अर्हकारी सेवा की गणना, वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन, पदोन्नति हेतु अनुपयुक्तता, पदोन्नति का प्रकार, पदोन्नति के फलस्वरूप वेतन का निर्धारण, सीलबंद लिफाफे की स्थिति में प्रक्रिया सहित प्रतीक्षा सूची से रिक्तियों को भरे जाने की विस्तृत जानकारी दी गयी। परिचर्चा में पुलिस, महिला एवं बाल विकास, नगरीय प्रशासन, अनुसूचित जाति विकास, परिवहन, वन सहित अन्य विभाग के अधिकारियों के प्रश्नों का समाधान मुख्य सचिव जैन द्वारा किया गया।
अगले माह से शुरू होगी डीपीसी की प्रक्रिया
पदोन्नति के नए नियम जारी होने के बाद सरकार कर्मचारियों को जल्द से जल्द प्रमोशन देने को लेकर एक्टिव मोड में है। मंत्रालय में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, आयुक्त और विभागाध्यक्षों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में अधिकारियों को नए पदोन्नति नियमों और विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठकों की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। बैठक में डीपीसी की बैठकें महीने भर में करने की समय सीमा तय की गई, ताकि दिसंबर, 2024 की स्थिति में प्रमोशन के लिए पात्र कर्मचारियों को पदोन्नति दी जा सके। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा अफसरों से कहा कि पदोन्नति को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। सभी विभाग 31 जुलाई तक विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकें कर लें, ताकि वर्तमान में पात्र कर्मचारियों को पदोन्नत किया जा सके। उन्होंने कहा कि बैठक में मौजूद अधिकारी राज्य शासन की मंशा के अनुरूप कर्मचारी कल्याण को प्रमुखता से लें। यह नियम एक हफ्ते पहले ही लागू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि 9 साल की बड़ी समस्या नए पदोन्नति नियम लागू होने से समाप्त हो सकेगी। नियमों को बनाने में वरिष्ठ सचिव समिति एवं सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बहुत मेहनत एवं गहन चर्चा की है। नियमों के लागू होने से प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी। जैन ने कहा कि विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठकें आयोजित की जाएं।