
- खाद वितरण, अतिवृष्टि और बाढ़ पर एक्शन में सीएम डॉ. यादव, अफसरों को दिए कड़े निर्देश
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खाद वितरण और अतिवृष्टि व बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि किसानों को खाद की कमी न हो और इसकी सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद को लेकर किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि खाद की उपलब्धता समय पर और गुणवत्तापूर्ण हो। साथ ही, मुख्यमंत्री ने बाजार में नकली और अमानक खाद की बिक्री पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नकली खाद की बिक्री और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में तत्काल राहत पहुंचाई जाए। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उनकी हर संभव मदद करने के लिए प्रशासन 24 घंटे अलर्ट रहे। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्यों की सतत निगरानी करने और हेलीकॉप्टर जैसे संसाधनों का उपयोग करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि खरीफ 2025 के लिए किसानों को सुविधापूर्वक, व्यवस्थित ढंग से उर्वरक उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। यूरिया की मांग वाले जिलों में आगामी सात दिवस में प्राप्त होने वाले रैक और उर्वरक वितरण व्यवस्था संबंधी जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। राज्य स्तर से उर्वरक व्यवस्था की लगातार समीक्षा की जा रही है। उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भंडारण, टैगिंग, मिस ब्रांडिंग, अवैध परिवहन पर कठोर कार्यवाही की जाए।
विक्रय केन्द्रों पर कृषकों की अधिक भीड़ होने पर अतिरिक्त काउंटर की व्यवस्था कर विक्रय प्रक्रिया संचालित की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विपणन संघ के विक्रय केन्द्रों और पैक्स में निर्धारित अनुपात अनुसार उर्वरक का भंडारण सुनिश्चित किया जाए। जिला कलेक्टर डबल लॉक केन्द्रों, पैक्स और निजी विक्रय केन्द्रों का आकस्मिक रूप से निरीक्षण कर स्कंध का सत्यापन सुनिश्चित करें। अनुदानित यूरिया के उपयोग की पशुआहार, पोल्ट्री फीड, लेमिनेशन, रेसिन, प्लाईवुड, पेंट, शराब उद्योग, प्रिंटिंग और मिलावटी दुग्ध उत्पादन में उपयोग की संभावना रहती है। उन्होंने इन स्थानों का औचक निरीक्षण कर अनुदानित यूरिया पाए जाने पर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
अतिरिक्त काउंटर की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने सहकारिता, राजस्व और किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक ली। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने साफ कर दिया कि विक्रय केंद्रों पर कृषकों की अधिक भीड़ होने पर अतिरिक्त काउंटर को व्यवस्था कर विक्रय प्रक्रिया संचालित की जाए। विपणन संघ के विक्रय केंद्रों और पैक्स में निर्धारित अनुपात अनुसार उर्वरक का गंडारण सुनिश्चित किया जाए। जिला कलेक्टर डबल लॉक केन्द्रों, पैक्स और निजी विक्रय केन्द्रों का आकस्मिक रूप से निरीक्षण कर स्कध का सत्यापन सुनिश्चित करें। अनुदानित यूरिया के उपयोग की पशु आहार, पोल्ट्री फीड, लेमिनेशन, रेसिन, प्लाईवुड, पेट, शराब उद्योग, प्रिटिंग और मिलावटी दुग्ध उत्पादन में उपयोग की संभावना रहती है। उन्होंने इन स्थानों का औचक निरीक्षण कर अनुदानित यूरिया पाए जाने पर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि 13 से 19 जुलाई तक दुबई-स्पेन की सफल निवेश यात्रा से प्रदेश को वैश्विक निवेश कि क्षेत्र में विशिष्ट पहचान मिली है। यूरोप तथा खाड़ी, देशों में यह संदेश पहुंचा है कि मप्र निवेश मित्र राज्य है। उन्होंने यह भी बताया कि इस यात्रा में कुल 11 हजार 119 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिससे लगभग 14 हजार से अधिक रोजगार सृजन की संभावना है। उन्होंने बताया कि उन्नत खेती के लिए किसानों का एक दल स्पेन भेजकर तकनीकी जानकारी प्राप्त करेगा।
30 एफआईआर, 56 लाइसेंस निरस्त
बैठक में बताया गया कि मप्र में उर्वरक (रासायनिक) खाद के अवैध व्यापार पर बड़ी कार्रवाई की गई है। प्रदेश भर में कालाबाजारी व अवैध भंडारण पर 30 एफआईआर दर्ज की गई। 56 लाइसेंस निरस्त हुए हैं, जबकि 70 लाइसेंस निलंबित किए गए। 188 दुकानों के खिलाफ बिक्री पर रोक लगाते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करा दिया गया। इसके साथ ही जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि वे डबल लॉक केंद्रों, पैक्स और निजी विक्रय केंद्रों का औचक रूप से निरीक्षण करें। जहां भी गड़बड़ी पाई जाती है, तत्काल ऐसे केंद्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूरिया की मांग वाले जिलों में आने वाले एक सप्ताह यानी सात दिनों में प्राप्त होने वाले रैक और उर्वरक वितरण व्यवस्था संबंधी जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर से उर्वरक व्यवस्था की लगातार समीक्षा की जा रही है। उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भंडारण, टैगिंग, मिस ब्रांडिंग, अवैध परिवहन पर कठोर कार्रवाई की जाए। अच्छी वितरण व्यवस्था की अभी से व्यवस्था कर लें, ताकि समय आने पर तत्काल उर्वरक मुहैया कराई जा सके। किसानों को सुविधापूर्वक, व्यवस्थित ढंग से उर्वरक उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।