लापरवाह डेढ़ दर्जन अफसरों पर लटकी कार्रवाई की तलवार

महकमा

भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश का खनिज महकमा ऐसा है जिसके अफसर लापरवाही की हद तोड़ने में कभी भी पीछे नहीं रहते हैं। सरकार के निर्देश हों या फिर विभाग के आदेश इन सभी को वे अपनी सुविधानुसार ही देखते हैं। इसकी बानगी है वे 16 जिलों के खनिज अधिकारी जो विभाग के लगातार निर्देशों के बाद भी उनका पालन करना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। अब इन अफसरों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
दरअसल उनके जिलों में राजस्व वसूली में गंभीर लापरवाही बरती गई है, जिसकी वजह से लक्ष्य से बेहद कम राजस्व मिला है। इस मामले में महानियंत्रक लेखा परीक्षक ने उनके जिलों में राजस्व वसूली में आई  कमी को लेकर जवाब मांगा था , लेकिन वे जवाब ही देने को तयार नही हैं। यही नहीं इस मामले में उन्हें जवाब न देने की वजह से विभाग के संचालक ने तलब किया तो वहां भी उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद अब विभाग द्वारा उन पर सख्ती दिखाते हुए उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। नोटिस में उन्हें चेतावनी दी गई है कि वे तत्काल कार्यालय में उपस्थित होकर जवाब दें अन्यथा उनके खिलाफ एक तरफा  कार्यवाही की जाएगी। दरअसल यह वे अफसर हैं जो न तो अवैध खनन के मामलों में कार्रवाई करते हैं और न ही अवैघ खनिज परिवहन पर रोक लगाने में सक्रिय रहते हैं। इनका खनिज माफिया को संरक्षण रहता है जिसकी वजह से सरकार को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है। इन अफसरों में छिंदवाड़ा के खनिज अधिकारी मनीष पालेवाल ने भारत के नियंत्रक एवं लेखा परीक्षक के प्रतिवेदन में वर्ष 2015-16 राजस्व क्षेत्र क्रमांक 5 की कंडिकाओं पर जवाब और पूरी जानकारी ही नहीं दी है।
इन कंडिकाओं के जवाब में उनसे पूछा गया था कि उनके द्वारा कंडिकाओं में उल्लेखित राजस्व वसूली के लिए क्या कार्यवाही की गई है। इसके साथ ही उनसे पूर्ण वसूली की जानकारी भी मांगी गई थी। खास बात यह है कि यह जानकारी विधानसभा सचिवालय को भेजी जानी थी। संबंधित तीन कंडिकाओं पर जानकारी के लिए उन्हें कई बार पत्र भेजा गया । इसके बाद भी जब उनके द्वारा जानकारी नहीं दी गई तो उन्हें 28 से 30 जून के बीच जानकारी सहित संचालक खनिज के कार्यालय में बुलाया गया था लेकिन वह ना तो खुद आए और न ही तय की गई समय सीमा में जानकारी भेजना ही उचित समझा। उनकी इस लापरवाही को संचालक खनिज ने गंभीर लापरवाही मानते हुए उन्हें सिविल सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन का दोषी मानते हुए कारण बताओ नोटिस दिया है। उनसे अब 7 दिन में जानकारी देने को कहा गया है। जानकारी नहीं देने पर उनके खिलाफ एक पक्षीय अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई है। इसी तरह वर्ष 2015-16 की राजस्व क्षेत्र की एजी रिपोर्ट की 15 कंडिकाओं की जानकारी नहीं देने वालों में कटनी के सहायक खनिज अधिकारी संतोष सिंह, जबलपुर के सहायक खनिज अधिकारी प्रदीप तिवारी, अलीराजपुर के खनिज अधिकारी रविंद्र, इंदौर के खनिज अधिकारी जुबान सिंह भिडे और इसी तरह से 16-17 के महानियंत्रक क्षेत्र के प्रतिवेदन की कंडिकाओं को लेकर भी कई अधिकारियों से जानकारी मांगी गई जो उन्होंने नहीं दी।
जानकारी नहीं देने वाले अधिकारियों में कटनी के सहायक खनिज अधिकारी संतोष सिंह, नरसिंहपुर के सहायक खनिज अधिकारी ओपी बघेल, बुरहानपुर खनिज अधिकारी अधिकारी प्रशांत तिवारी, छिंदवाड़ा के खनिज अधिकारी मनीष पालेवाल सहित अन्य जिलों के खनिज अधिकारी शामिल है।

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