
- पीडब्ल्यूडी में छह अधिकारियों पर हुई कार्रवाई
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लोक निर्माण विभाग में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुधार के उद्देश्य से प्रदेशभर में निर्माण कार्यों के औचक निरीक्षण की व्यवस्था प्रारंभ की गई है। इसी क्रम में 4 नवंबर को मुख्य अभियंताओं के सात दलों द्वारा हरदा, जबलपुर, श्योपुर, खरगोन, सिंगरौली, नीमच एवं सागर जिलों में 35 निर्माण कार्यों का अचानक निरीक्षण किया गया। इस दौरान गड़बड़ी मिलने पर छह अधिकारियों पर कार्रवाई की गई। दो ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। इनमें से 21 कार्य लोक निर्माण विभाग के, 4 कार्य परियोजना क्रियान्वयन इकाई के, 7 कार्य मध्यप्रदेश सडक़ विकास निगम के तथा 3 कार्य मध्य प्रदेश भवन विकास निगम शामिल है।
निरीक्षण रिपोर्ट की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता मध्य प्रदेश सडक़ विकास निगम के प्रबंध संचालक भरत यादव द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई। बैठक में प्रमुख अभियंता केपी.एस. राणा, भवन शाखा के प्रमुख अभियंता एसआर. बघेल, मुख्य अभियंता पीसी. वर्मा, मुख्य अभियंता बीपी. बौरासी, मुख्य अभियंता बीएस. मीणा, तथा मध्य प्रदेश भवन विकास निगम के महाप्रबंधक अजय श्रीवास्तव सहित सभी मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री एवं निरीक्षण दल के अधिकारी ऑनलाइन उपस्थित रहे। निरीक्षण के दौरान श्योपुर जिले में लोक निर्माण विभाग के पिपरवास से वामनवास तक सुदृढ़ीकरण मार्ग का कार्य प्रगतिरत पाया गया, किंतु कार्य संतोषजनक नहीं होने के कारण संबंधित कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री को नोटिस जारी करने तथा ठेकेदार मेसर्स मुन्ना लाल राठौर को ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश दिए गए। इसी प्रकार श्योपुर जिले में ही दादूनी से चिमलका तक के मार्ग का कार्य भी संतोषजनक नहीं पाया गया, जिसके चलते संबंधित कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री की दो वेतनवृद्धियांं रोकने, ठेकेदार मेसर्स जे.के. ट्रेडर्स को ब्लैकलिस्ट करने, परफॉर्मेंस गारंटी जब्त करने तथा हर्जे-खर्चे पर मार्ग का सुधार कार्य कराने हेतु निर्देश दिए गए।
