मंत्रियों को तलब किए जाने से बड़ी हलचल, कयासों का दौर शुरू

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हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। बीते रोज दोपहर अचानक मुख्यमंत्री निवास से मंत्रियों को जारी किए गए एक निर्देश के बाद से सरकार में हलचल तेज हो गई है। इसके बाद से ही तमाम तरह की अटकलों को बाजार गर्म बना हुआ है। उधर, इस फरमान के बाद से प्रदेश के मंत्री भी पशोपेश में बताए जा रहे हैं। दरअसल मुख्यमंत्री आवास से जारी किए गए निर्देश में प्रदेश के सभी मंत्रियों को कहा गया है कि वे  बेहद महत्वपूर्ण कामों को भी छोडक़र हर हाल में 19 फरवरी को सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक यानि की पूरे 12 घंटे तक भोपाल में ही मौजूद रहें। यह निर्देश ऐसे समय दिए गए हैं, जब सत्ता व संगठन मिलकर पूरे प्रदेश में विकास यात्राएं निकाल रही हैं। विकास यात्राओं में व्यस्त मंत्रियों को जब अचानक यह फरमान मिला तो वे हक्के – बक्के रह गए। इसकी वजह है निर्देश में भोपाल में रहने की कोई वजह नहीं बताई जाना। इसकी वजह से मंत्रियों से लेकर उनके समर्थकों को भी फिलहाल कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। खास बात यह है कि यह निर्देश भी तब जारी किए गए हैं जबकि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नागपुर में संघ प्रमुख से मिलने के बाद भोपाल लौटे ही थे। अगर सूत्रों की माने तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा हाल ही में मंत्रियों के कामकाज का ऑडिट कराया गया है, जिसमें करीब आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों का कामकाज या तो खराब पाया गया है या फिर औसत दर्जे से भी कम नजर आया है। इसकी वजह से संघ नाराज है। माना जा रहा है कि अब 19 फरवरी को संभावित बैठक में संघ पदाधिकारी मंत्रियों से उनके काम को लेकर सीधी बात करेंगे। इसे अब प्रदेश में संभावित मंत्रिमंडल विस्तार से भी जोडक़र देखा जा रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि खराब परफार्मेंस वाले मंत्रियों को उनके पदों से हटाया जा सकता है। मंत्रियों की उपस्थिति को लेकर जो संदेश जारी किया गया है, वह बेहद संक्षिप्त है। उसमें सिर्फ चार लाइनों में ही उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार मंत्रीगण 19 फरवरी की सुबह नौ बजे से रात्रि नौ बजे तक भोपाल में अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहें। इसमें यह भी कहा गया है कि 19 फरवरी को कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई है। बैठक के समय की सूचना पृथक से दी जाएगी। गौरतलब है कि प्रदेश में बीते लंबे समय से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलें लग रही हैं। फिलहाल प्रदेश मंत्रिमंडल में चार पद रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि चुनावी साल होने की वजह से अब मंत्रिमंडल का विस्तार होना तय है। उधर, विंध्य व महाकौशल अंचल से भी लगातार कैबिनेट में अंचल का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की भी मांग की जा रही है। 19 तारीख वाले निर्देश को इसी से जोडक़र भी देखा जा रहा है।
पौधारोपण अभियान के दो साल होंगे पूरे
19 फरवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रतिदिन पौधारोपण के संकल्प के दो साल पूरे हो रहे हैं। माना जा रहा है कि इस दिन कोई बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जा सकता है या फिर कोई अन्य घोषणा भी की जा सकती है। इसलिए कैबिनेट की बैठक भी इसी दिन आयोजित की गई है। इसके पहले भी जब उनके इस अभियान का एक साल पूरा हुआ था, तब भी एक बड़ा आयोजन किया गया था।
संघ प्रमुख से की मुलाकात
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीते रोज अचानक सुबह नागपुर पहुंचे। वहां उनके द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत से मुलाकात की गई। सीएम के अचानक नागपुर जाने और भागवत से मुलाकात करने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्मा गया है। इस मुलाकात को लेकर कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं। सीएम नागपुर में भागवत से मिलने के बाद ही रीवा गए थे।
लगाई जा सकती हैं क्लास
सूत्रों की माने तो 19 फरवरी को मंत्रियों की क्लास लगाई जा सकती है, जिसमें उनके कामकाज का पूरा ब्यौरा सामने रखकर उनके आंकलन की रिपोर्ट रखी जा सकती है। इस बैठक में भाजपा के साथ ही संघ के कई बड़े पदाधिकारी शामिल हो सकते हैं। माना जा रहा है कि बैठक में उन्हें उनके पद को लेकर साफ-साफ संदेश दिया जा सकता है।  इसमें खासतौर पर वे मंत्री निशाने पर रह सकते हैं, तो सत्ता के कामकाज पर खरे नहीं उतर रहे हैं और इसके बाद भी संगठन के निर्देशों का पालन करने में भी कोताही बरत रहे हैं।

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