
- प्रदेश में खुदकुशी की मामले में भोपाल की हालत चिंताजनक,जबलपुर में हालात सुधरे
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश देश का ऐसा राज्य है, जहां पर आत्महत्या के मामलों में लगातार साल दर साल वृद्धि हो रही है। इसकी जो वजह सामने आ रही है उसके मुताबिक इसकी बड़ी वजहों में शामिल है गरीबी और बेरोजगारी। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की वार्षिक रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020 में 2019 की तुलना में आत्महत्या के मामलों में मध्य प्रदेश में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
बीते साल ही मप्र में आत्महत्या के 14,578 मामले सामने आए। जबकि 2019 में 12,457 लोगों ने आत्महत्या की थी। प्रदेश में वर्ष 2020 में गरीबी-बेरोजगारी के चलते 95 लोगों ने सुसाइड किया। जबकि खेती-किसानी से जुड़े 735 लोगों ने सुसाइड किया। इसमें 220 ऐसे किसान हैं जो खुद की जमीन पर खेती करते हैं। वहीं, 15 ऐसे किसान हैं, जो लीज पर जमीन लेकर खेती करते हैं। 500 लोग खेती-किसानी के लिए काम करने वाले हैं। इसमें सबसे अधिक चिंताजनक छात्रों के आंकड़े हैं। मप्र में 2020 में 5,579 छात्रों ने सुसाइड किया। इसमें स्कूली बच्चों से लेकर उच्च शिक्षा हासिल करने वाले छात्र शामिल हैं। इसमें भी भोपाल में हालात सबसे खराब पाए गए हैं। भोपाल में इस दौरान 17.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसकी वजह से भोपाल में हालात चिंताजनक बने हुए हैं, जबकि इस मामले में जबलपुर की स्थिति में बेहद सुधार हुआ है। इस जिले में 19.9 प्रतिशत की सुसाइड के मामलों में कमी आई। अगर इंदौर की बात की जाए तो वहां भी 4.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं, प्रदेश में 2020 में 9,663 पुरुष जबकि 4,915 महिलाओं ने आत्महत्या की।
महिलाओं के आत्महत्या की स्थिति
इसी तरह देशभर की बात की जाए तो आत्महत्या के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में सामने आए। महाराष्ट्र में कुल 19,909 मामले दर्ज किए गए जो कुल मामलों का 13 प्रतिशत हैं। उसके बाद तमिलनाडु में 16,883, मध्य प्रदेश में 14,578, पश्चिम बंगाल में 13,103 और कर्नाटक में 12,259 मामले दर्ज किए गए । तमिलनाडु में देशभर में आत्महत्या के कुल मामलों के 11 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 9.5 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 8.6 प्रतिशत और कर्नाटक में आठ प्रतिशत मामले दर्ज किए गए। इन पांच राज्यों के आंकड़ों को यदि मिला दिया जाए तो ये देशभर में दर्ज किए गए आत्महत्या के कुल मामलों के 50.1 प्रतिशत मामले हैं, जबकि बाकी 49.9 प्रतिशत मामले शेष 23 राज्यों एवं आठ केंद्रशासित प्रदेशों मे दर्ज किए गए।
10वीं तक के 2,887 छात्रों ने की सुसाइड
मध्य प्रदेश में वर्ष 2020 में 5वीं से 10वीं कक्षा तक पढ़नेवालों में 2887 छात्रों ने सुसाइड किया। इनमें 1944 छात्र जबकि 943 छात्राएं हैं। जबकि 10वीं से 12वीं के बीच 2045 छात्रों ने खुदकुशी की है। इसी तरह स्नातक, स्नातकोत्तर के 533 छात्र, वहीं, डिप्लोमा के 144 छात्रों ने सुसाइड किया। कुल 5579 छात्रों ने अलग-अलग वजहों से जान दी।
जबलपुर में घटे, इंदौरभोपाल में बढ़े
भोपाल में वर्ष 2019 में 353 लोगों ने सुसाइड किया, जबकि 2020 में 416 लोगों ने जान दी। इसी तरह इंदौर में 2020 में 644 सुसाइड के केस आए जबकि 2019 में 618 केस थे। जबलपुर में 2019 में 302 केस आए थे, जबकि 2020 में 242 केस आए जो पिछले साल के मुकाबले -19.9 प्रतिशत कम हैं।