
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री तीन दिवसीय दौरे पर इन दिनों भोपाल में हैं। उनके इस दौरे ने कई विभागों के सूबेदारों की धड़कने बढ़ा रखी हैं। इसकी वजह है उनके द्वारा कामकाज की समीक्षा की जाना। संगठन द्वारा मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा ऐसे समय की जा रही है, जब प्रदेश में मंत्रिमंडल के पुर्नगठन करने की चर्चाएं तेज है। पहले प्रदेश प्रभारी और अब बीएल संतोष द्वारा की जा रही समीक्षा को मंत्रिमंडल पुर्नगठन से जोड़ कर ही देखा जा रहा है। इसकी वजह से अब तक विभागीय कामकाज में कमजोर साबित हो रहे मंत्रियों की धड़कने इन दिनों बढ़ी हुई है। संगठन द्वारा इसके पहले पार्टी विधायकों के कामकाज के साथ ही उन्हें काम करने में होने वाली परेशानी की समीक्षा की जा चुकी है।
उनका यह दौरा इसलिए भी और सत्ता व संगठन के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इन दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ मोहन भागवत भी प्रदेश में मौजूद हैं। बीएल संतोष द्वारा इसके लिए आज सोमवार को शिवराज मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों की बैठक बुलाई गई है। इसमें मंत्रियों से उनके कामकाज से लेकर योजनाओं के क्रियान्वयन तक पर बात की जा रही है। मंत्रियों से इस दौरान वन-टू-वन चर्चा कर कामकाज का हिसाब लिया जा रहा है। उधर, भोपाल प्रवास पर आते ही संतोष द्वारा बूथ समिति, प्रवक्ता और निगम-मंडल के पदाधिकारियों के साथ बैठक की और दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान उनके द्वारा निगम-मंडल के अध्यक्ष व पदाधिकारियों से उन्होंने परफार्मेंस रिपोर्ट मांगते हुए पूछा कि बताएं नया क्या कर रहे हैं? इस पर कोई ठीक से जवाब नहीं दे पाया। नसीहत और खिचाई वाले अंदाज में वह बोले कि पद मिला है? तो उसकी उपयोगिता भी साबित करें, ईमानदारी से काम करें। दरअसल यह पूरी कवायद मिशन 2023 को लेकर की जा रही है। इसकी वजह है दो साल बाद होने वाले आम चुनाव में भी बीते चुनाव की ही तरह भाजपा को कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है।
दी पदाधिकारियों को नसीहत
दौरे के पहले ही दिन भोपाल आते ही संतोष ने पार्टी के मोर्चा और प्रकोष्ठ पदाधिकारियों की बैठक लेकर उनसे उनके कामकाज को लेकर कैफियत ली। इस दौरान उनके द्वारा होर्डिंग्स और सोशल मीडिया पर नेतागीरी करने से बचने और जमीनी काम करने की नसीहत भी दी गई। उन्होंने पूछा, जिलों में अभी तक टीम का गठन क्यों नहीं हुआ? आपके पास काम के लिए. सिर्फ 14 माह बचे हैं। अकेले प्रवास से फायदा नहीं होगा, बल्कि टीम घूमेगी तो संगठन को अधिक लाभ होगा। होर्डिंग्स और सोशल मीडिया आर्टिफिशियल मेकअप है। टीम के साथ फील्ड में जाओ। ऐसे काम करो, जिसकी वजह से 50 साल बाद भी याद किए जाओ। गौरतलब है कि इसके पहले प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव भी जिलों में कार्यकारिणी गठित नहीं होने और मोर्चा प्रकोष्ठों के आधे-अधूरे गठन पर भी गहरी नाराजगी जता चुके हैं। इस दौरान उनके द्वारा मिशन 2023 के लिए जमीनी स्तर पर बूथ मैनेजमेंट समझने के लिए बूथ समिति, मीडिया विभाग, निगम मंडल, मोर्चा, प्रकोष्ठ पदाधिकारियों की बैठकें ली गईं। अब दूसरे दिन सोमवार को मंत्रिमंडल के सदस्यों से बातचीत कर उनसे सवाल-जवाब करने के बाद अंतिम व तीसरे दिन मंडल, जिलाध्यक्ष, प्रभारी, प्रदेश पदाधिकारी के साथ अलग-अलग बैठकें करेगें।
प्रवक्ताओं को भी दी सीख
प्रवक्ताओं की बैठक में उन्होंने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रहें और विरोधियों द्वारा फैलाए जाने वाले दुष्प्रचार का तर्कों के साथ जवाब दें। आप पार्टी का चेहरा हैं और आपकी बात को कोई खारिज नहीं कर सकता है। यही वजह है कि आपके बयान का महत्व ज्यादा रहता है। हिंदी के अलावा एक अन्य भाषा भी सीखें और इंटरनेट मीडिया के जो नए माध्यम आ रहे हैं, उन पर भी सक्रिय रहें। उन्होंने यह भी कहा कि निगरानी के लिए एक व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने प्रवक्ताओं से कहा कि आप अपनी बात दृढ़ता से रखने के लिए प्रामाणिक तथ्यों का उपयोग करें। उन्होंने पूछा कि बिसाहूलाल जैसे हॉट टॉपिक पर कैसा बयान दोगे? ऐसे मामले में मुख्यमंत्री – व प्रदेशाध्यक्ष तो हाथ जोड़कर आगे निकल जाएंगे, लेकिन मीडिया में जवाब देने की जिम्मेदारी प्रवक्ता को निभानी पड़ेगी। अपनी बात कहने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के साथ ही विरोधी को भी फॉलो करो। अपना पक्ष रखते समय गुस्से का प्रदर्शन बिल्कुल न करें।
बूथ समिति तक की ली खैर खबर
खास बात यह है कि उनके द्वारा इस दौरान बूथ समितियों तक की खैर खबर ली गई है। इसके लिए उनके द्वारा पन्ना प्रमुख और बूथ प्रमुखों से फीडबैक भी लिया जा रहा है। जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी से उन्होंने बूथ का डिटेल मांगा। बूथ समिति की बैठक में कहा कि एक सदस्य 30 परिवारों से संपर्क करे। यह भी पूछा कि परिवारों में जाकर क्या बात करते हैं? पार्टी के अभियान की जानकारी बूथ तक कैसे पहुंचाते हैं? विचारधारा वाले और गैर विचारधारा वाले लोगों से किस तरह की बातें होती हैं? उन्होंने केंद्र और राज्य की योजनाओं की चर्चा भी की। उन्होंने राजधानी के शाहपुरा और अरेरा मंडल के बूथों के पदाधिकारियों की भी बैठक ली।