
- ग्राम सभा करेगी वन समितियों का गठन राजस्व में से मिलेगा 20 प्रतिशत हिस्सा
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। शिवराज कैबिनेट ने गुरुवार को वन प्रबंधन में समुदायों की भूमिका को सशक्त करने के लिए पुनरीक्षित संकल्प, 2021 को मंजूरी दी है। इस पुनरीक्षित संकल्प के अनुसार तीन प्रकार की समितियों के स्थान पर अब एक समिति ही गठित की जाएगी, जिसे सामुदायिक वन प्रबंधन समिति कहा जाएगा। प्रत्येक वन समिति के सदस्यों में से एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। ग्राम पंचायत का सरपंच कार्यकारिणी का पदेन सदस्य होगा। कार्यकारिणी के अध्यक्ष के पद पर पुरुष का चयन होने पर उपाध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित रहेगा। वन समितियों के गठन का अधिकार ग्राम सभाओं को दिया गया है। इसमें अब विभाग का हस्तक्षेप नहीं होगा। अब तक आरोप लगते थे कि अप्रत्यक्ष रूप से वन विभाग द्वारा इन समितियों का गठन किया जाता है। अब ये व्यवस्था ग्राम सभाएं संभालेंगी। समितियों के लेखाओं का ऑडिट करने का प्रावधान भी किया गया है।
ऐसे ही पूर्व में जिला स्तर पर मुख्य पतन से प्राप्त काष्ठ के बिक्री मूल्य से समस्त व्यय घटाकर प्राप्त शुद्ध लाभ की 20 प्रतिशत राशि समितियों को देने के प्रावधान के स्थान पर समिति के क्षेत्र से प्राप्त राजस्व में से 20 प्रतिशत अंश समिति को देने का प्रावधान किया गया है। राजस्व में हिस्सा देने से प्रदेश की समस्त अच्छा कार्य करने वाली सभी समितियों को लाभांश प्राप्त हो सकेगा। मप्र राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के क्षेत्रों में निर्णय लेने का अधिकार निगम के संचालक मंडल को सौंपा गया है। कैबिनेट बैठक में वित्त विधेयक 2022 और तृतीय अनुपूरक अनुमान (बजट) प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया।
सभी गांव अप्रैल तक गौरव दिवस की तारीख तय कर लें: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं अपने गांव के लिए क्या कर सकता हूं, इस विचार के साथ हमने गांव का गौरव दिवस मनाने का निर्णय लिया है। गांव अगर ठान लें तो सरकार के साथ मिलकर विकास के कार्य और कई नए नवाचार किए जा सकते हैं। गांव की इस ताकत हम को जगाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सभी गांव अप्रैल के महीने तक गौरव दिवस की तारीख तय कर लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे मन में यही भाव है कि अपने गांव को कैसे आगे बढ़ाएं। गांव आगे बढ़ेगा तो देश आगे बढ़ेगा।
गांव को गौरव से भर दीजिए। मध्यप्रदेश गौरवान्वित हो जाएगा और देश में अलग पहचान बनाएगा। मुख्यमंत्री गुरुवार को ग्राम गौरव दिवस मनाए जाने के संबंध में मंत्रालय से वीसी के माध्यम से ग्राम पंचायतों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे देश की आत्मा गांवों में बसती है। मध्यप्रदेश शरीर है, तो 53 हजार गांव इस शरीर की धड़कन हैं। इन गांवों को विकसित करना है और आगे ले जाना है। विकास के लिए सरकार के साथ जनता की भागीदारी आवश्यक है। हम जिस गांव में पैदा हुए उसके प्रति भी हमारे कुछ कर्तव्य हैं।
दुर्गम वन क्षेत्रों में मोबाइल टावर लग सकेंगे
कैबिनेट ने दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना के विस्तार और वहां के निवासियों को आसानी से इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में जारी नीति एवं दिशा-निर्देश में संशोधन करने का निर्णय लिया है। संशोधन के अनुसार दूरसंचार सेवा प्रदाता द्वारा अवसंरचना स्थापित करने के लिए निष्प्रभ क्षेत्र में वन क्षेत्र के अंतर्गत उपयुक्त स्थान का चयन कर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को अवगत कराया जाएगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से जिला कलेक्टर उस स्थल पर मोबाइल टावर लगाने के उपयोग के लिए वन विभाग को आवेदन प्रस्तुत कर उपयोग का अधिकार प्राप्त करेगा। कलेक्टर द्वारा उपयोग के अधिकार एवं कब्जा प्राप्त हो जाने के बाद संबंधित दूरसंचार सेवा प्रदाता की अनुज्ञप्ति जारी की जाएगी। कैबिनेट द्वारा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग की संस्थाओं में 1363 अस्थाई पर्दो की निरंतरता 31 मार्च, 2026 तक करने की स्वीकृति दी गई। विधानसभा के बजट सत्र में मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन विधेयक प्रस्तुत करने की अनुमति दी गई। परिवहन विभाग जिला ग्वालियर स्थित ग्वालियर बस डिपो, परिवहन विभाग की तराना जिला उज्जैन स्थित बस डिपो और राजस्व विभाग की मिड टाउन कॉलोनी के पीछे रतलाम स्थित भूमि प्राइवेट डेवलपर्स को देने का निर्णय लिया गया।
ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर ऊर्जा पार्क को मंजूरी
कैबिनेट ने ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर पार्क 600 मेगावाट और छतरपुर सौर ऊर्जा पार्क 950 मेगावाट को विकसित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। बैठक में तय किया गया कि इन सौर परियोजनाओं से उत्पादित बिजली सरकार खरीदेगी। इसके लिए इसके लिए मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को अधिकृत किया गया है। प्रदेश में वर्तमान में 2,380 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित हैं।