- एनसीआईएसएम की सख्त चेतावनी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग ने मेडिकल कॉलेजों में मान्यता प्रक्रिया में उजागर हुए भ्रष्टाचार के बाद सख्त रुख अपनाया है। एनसीआईएसएम के सचिव सच्चिदानंद प्रसाद ने देशभर के आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा और सोवा-रिग्पा मेडिकल कॉलेजों के लिए एक सर्कुलर जारी किया। इस सर्कुलर में मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और नई दिल्ली सहित सभी राज्यों के कॉलेजों को स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि आयुष मंत्रालय और एनसीआईएसएम कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया या अन्य मामलों में भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। एनसीआईएसएम द्वारा मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण पर सख्ती दिखाई गई है। कारण है कि लंबे समय से मप्र सहित अन्य राज्यों में निरीक्षण के नाम पर वसूली के आरोप लगे हैं। जिसको लेकर आयोग को पत्र जारी करना पड़ा है। जारी सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि आयोग के नाम पर औचक निरीक्षण, अवैध धन की मांग के झूठे दावे के साथ रिश्वतखोरी, जबरन वसूली की गई तो आयोग सख्त कानूनी कार्यवाही करेगा।
सर्कुलर में कहा कि भ्रष्टाचार में शामिल किसी भी व्यक्ति, चाहे वह अधिकारी, एजेंट, मध्यस्थ, सलाहकार या पूर्व छात्र हों, के खिलाफ आपराधिक और कानूनी नियामक कार्रवाई की जाएगी। एनसीआईएसएम ने सभी कॉलेजों को सतर्क रहने और भ्रष्टाचार से संबंधित किसी भी गतिविधि की जानकारी तुरंत देने का निर्देश दिया है। कॉलेज सीधे एनसीआईएसएम या एंटी-करप्शन हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। जिस तरह नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) मेडिकल कॉलेजों की मान्यता और नियमन के लिए जिम्मेदार है, उसी तरह भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एनसीआईएसएम) आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा और सोवा-रिग्पा जैसे पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के कॉलेजों की निगरानी करता है। देशभर में इन पद्धतियों के लगभग 650 कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इन कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एनसीआईएसएम ने यह सख्त कदम उठाया है।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस
हाल ही में मेडिकल कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों की संलिप्तता की खबरें थीं। इन घटनाओं ने आयुष मंत्रालय को भी सतर्क कर दिया है। एनसीआईएसएम ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार के किसी भी मामले में संलिप्त लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। सर्कुलर में यह भी जोर दिया गया कि कॉलेजों को मान्यता प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनियमितता से बचना चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए।
मप्र में 54 कॉलेज संचालित
मप्र में 54 कॉलेज संचालित हैं। यहां पर जितने निरीक्षण होंगे। उन सभी पर एनसीआईएसएम की पूरी नजर रहेगी। यहां हर कॉलेज की ऑनलाइन निगरानी तो करवाई ही जाएगी। केन्द्रीय स्तर से गोपनीय दल भी यहां पर भेजा जाएगा। ताकि यहां हर सच्चाई को सतह पर लाया जा सके। जानकारी है कि हर राज्य के साथ मप्र के लिए भी टीमों का गठन कर दिया गया है। अफसरों के अनुसार राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, नई दिल्ली, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ समेत देश भर का आंकड़ा मिलाएं तो 700 से ज्यादा एएसयू-आयुर्वेद, सिद्धा व यूनानी मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। यहां दो लाख से ज्यादा यूजी पीजी मेडिकल छात्र अध्ययनरत हैं। एएसयू कॉलेजों के सत्र 2025-26 की मान्यताओं के लिए भागदौड़ शुरू हो चुकी है। अधिकारी कहते हैं कि मान्यता उन्ही कॉलेजों को प्रदान की जाएगी, जो निर्धारित किए गए मापदंडों का पूरा करते हुए पाए जाएंगे। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पांडेय का कहना है कि एनसीआईएसएम की पारदर्शिता, ईमानदारी व विश्वसनीयता भरे इस सर्कुलर का स्वागत है। सभी संस्थानों को सतर्क रहकर झूठे आश्वासनों व अवैध तरीकों से बचना चाहिये।