
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना की पहली और दूसरी लहर विदा होने के बाद सब कुछ अनलॉक हो गया, लेकिन सरकार की स्वरोजगार योजनाओं पर अब तक लॉकडाउन लगा है। इस कारण कोरोनाकाल में नौकरी और रोजगार गवां बैठे युवा बेरोजगारों को सरकार की मदद भी बंद हो गई है। मुख्यमंत्री के नाम से चल रही प्रदेश के तीन महत्वपूर्ण योजनाएं पिछले 9 माह से संचालित नहीं हो रही है।
इनमें न तो आवेदन करने का पोर्टल चालू है और न ही रोजगार के लिए सरकार ऋण उपलब्ध करा रही है। गौरतलब है कि प्रदेश में युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं कृषक उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना संचालित हैं, लेकिन ये योजनाएं 18 दिसंबर 2020 से बंद है। प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग के बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए मप्र आदिवासी वित्त एवं विकास निगम से योजनाएं संचालित थी। इसी तरह अन्य वर्गों के लिए भी योजनाएं संचालित हो रही थी लेकिन एमएसएमई विभाग ने दिसंबर 2020 में एक परिपत्र जारी कर इन योजनाओं का संचालन स्थगित कर दिया था। तब से इन योजनाओं का युवा उद्यार्मियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इन योजनाओं में हितग्राहियों को मार्जिन मनी सहायता व ब्याज अनुदान देने का प्रावधान है।
33 लाख में से मात्र 16 हजार को रोजगार
मप्र शासन के रोजगार पंजीयन पोर्टल पर 32 लाख 82 हजार 919 बेरोजगार युवा रजिस्टर्ड है। इनमें से केवल 16102 को ही रोजगार उपलब्ध कराया गया है। शेष युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। वहीं योजनाओं के तहत ऋण उपलब्ध न होने से प्रदेश के शिक्षित युवा उद्यमी भी बेरोजगार हो गये हैं। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना कृषक उद्यमी, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना व मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजनाओं में बैंकों द्वारा ऋण उपलब्ध कराया जाता है। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग की स्वरोजगार योजनाओं के आवेदन का पोर्टल बंद है। स्वरोजगार योजनाओं के तहत बेरोजगार युवा आवेदन ही नहीं कर पा रहे हैं। मंडला जिले में वर्ष 2015 से 2020 तक संचालित स्वरोजगार योजनाओं में एसटी वर्ग के हितग्राहियों को मार्जिन मनी व ब्याज अनुदान राशि का भुगतान नोडल बैंकों से नहीं हो पाया है।
योजनाओं का लाभ लेने भटक रहे युवा
मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2014 में कृषक पुत्र-पुत्रियों के लिए मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना की शुरुआत की थी। यह योजना मध्य प्रदेश के सभी जिलों व सभी वर्ग के किसानों के लिए लागू है। योजना का उद्देश्य कृषक पुत्र व पुत्री को उद्योग-निर्माण, सेवा- व्यवसाय आदि उद्यम स्थापित करने के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराना है जिसमें कृषि आधारित, अनुषांगिक परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। योजना के तहत हितग्राहियों को मार्जिन मनी सहायता ब्याज अनुदान ऋण गारंटी एवं प्रशिक्षण का लाभ शासन द्वारा दिया जाएगा। योजना की शुरुआत के बाद 2017 में इसमें कुछ संशोधन किए गए। फिर 23 अप्रैल 2018 को भी एक और संशोधन किया गया जो 2020 में अभी तक लागू रही। इसके बाद इसे बंद कर दिया गया। इस योजना के तहत मध्य प्रदेश के युवा किसान किसी बिजनेस हेतु 50 हजार से लेकर 2 करोड़ रुपए तक की राशि का लोन बैंक से हासिल कर सकते हैं। मध्यप्रदेश में स्वरोजगार संबंधित योजनाएं संचालित करने वाले समस्त 14 विभाग इस योजना का संचालन अपने-अपने विभागीय अमले और बजट से करते हैं। इस योजना के वार्षिक लक्ष्य निर्धारण समन्वय व क्रियान्वयन संबंधी आंकड़े एकत्र करने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग नोडल एजेंसी है। लेकिन युवाओं को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।