राज्यस्तरीय प्रयोगशाला के कर्मचारियों को चार माह से नहीं मिला वेतन

राज्यस्तरीय प्रयोगशाला
  • विभाग ने नहीं सौंपा एफएसएसएआई को उपयोगिता प्रमाण पत्र …

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेशभर से आने वाले फूड्स सैम्पल की जांच करने वाले राज्यस्तरीय प्रयोगशाला के अफसरों की लापरवाही और लालफीताशाही का खामियाजा वहां के कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है।
आलम यह है कि विभाग के अफसरों ने एफएसएसएआई को उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं सौंपा है, इस कारण राज्यस्तरीय प्रयोगशाला व मोबाइल लैब में कार्यरत कर्मचारियों को चार माह बीतने के बाद भी वेतन नहीं मिल पाया है। इससे कर्मचारियों के घर में परेशानी बढ़ गई है।  उधर, अफसरों को इसकी तनिक भी चिंता नहीं है। गौरतलब है की खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता की जांच का जिम्मा राज्यस्तरीय प्रयोगशाला व मोबाइल लैब के कर्मचारियों पर रहता है। कर्मचारी पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम कर रहे हैं, लेकिन इनमें कार्यरत कर्मचारियों को चार माह बीतने के बाद भी वेतन नहीं मिल सका है। कर्मचारी परेशान हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। कारण है कि विभाग ने अभी तक एफएसएसएआई को उपयोगिता प्रमाण पत्र ही नहीं सौंपा है। अब समय निकलने के बाद भी उपयोगिता प्रमाण पत्र क्यों नहीं सौंपा गया है। इसका जवाब अफसरों के पास भी नहीं है।
विदेश यात्रा पर अधिकारी
एक तरफ पिछले चार माह से कर्मचारी वेतन के लिए परेशान हो रहे हैं, वहीं जिन अफसरों के ऊपर कर्मचारियों को वेतन दिलाने की जिम्मेदारी है, वो एक कार्यशाला में भाग लेने के लिए विदेश गए हैं। ऐसे में कर्मचारियों के सामने संकट खड़ा हो गया है। दरअसल, राज्यस्तरीय प्रयोगशाला व मोबाइल वैन में लगे कर्मचारियों वेतन के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। इन कर्मचारियों को अच्छा काम करने के बाद भी वेतन के लिए चार माह से इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि यह कर्मचारी उस समय आए थे, जब प्रयोगशाला में नमूनों का अंबार लगा हुआ था। ऐसे में इन कर्मचारियों ने न सिर्फ लंबित नमूनों की संख्या को खत्म किया, बल्कि जांच का रिकॉर्ड भी बना दिया। हालांकि यह सभी कर्मचारी आउटसोर्स के माध्यम से लगाए गये हैं। जिस कंपनी के माध्यम से कर्मचारी लगाए गये हैं, उसका कहना है कि उन्हें ही भुगतान नहीं हुआ है। ऐसे में वो भुगतान कैसे दें।
नया बजट जारी नहीं हो पा रहा
बताया जा रहा है कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन को हर वित्तीय वर्ष में प्राप्त राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र एफएसएसएआई को प्रस्तुत करना होता है। लेकिन अफसरों की लापरवाही से यह समय पर जमा नहीं हो सका। ऐसे में नया बजट जारी नहीं हो पा रहा है। उपयोगिता प्रमाण पत्र क्यों जमा नहीं हुआ, किसकी लापरवाही से जमा नहीं हुआ। इसकी पड़ताल करने की फुर्सत जिम्मेदारों के पास नहीं है। यही कारण है कि चार माह बीतने के बाद भी इसे लेकर प्रशासन गंभीर नहीं दिख रहा है। प्रयोगशाला से लेकर मोबाइल वैन तक में आउट सोर्स से कर्मचारियों को तैनात किया गया। शुरूआत में तो इन्हें समय पर भुगतान किया गया, लेकिन गत छह माह से स्थिति बिगड़ गई। अब तो चार माह से वेतन ही नहीं दिया गया। जो कर्मचारी यहां कार्य कर रहे हैं, वो सभी दूसरे जिलों से आये हैं और किराये के घर में रह रहे हैं। ऐसे में उनके सामने रहने का संकट ही खड़ा हो गया। जब उनसे पूछा गया कि वो विरोध क्यों नहीं करते हैं तो उनका कहना था कि अगर उन्होंने विरोध दर्ज कराया तो उनकी नौकरी संकट में पड़ सकती है।

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