देश में पहली बार मप्र में… साकार हो रहा श्रीकृष्ण पाथेय

श्रीकृष्ण पाथेय
  • मुख्यमंत्री की विशेष रुचि से तैयार हुई कार्ययोजना, शुरू हुआ काम

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में जहां-जहां भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े उन स्थानों को मप्र सरकार तीर्थ के रूप में विकसित कर रही है। इसके लिए श्रीकृष्ण पाथेय न्यास का गठन भी किया गया है। विश्व के पथ प्रदर्शक युगावतार भगवान श्रीकृष्ण के उज्जैन को केन्द्र में रख कर की गई विभिन्न यात्रा स्थलों के पुरान्वेषण तथा तीर्थ के रूप में विकसित करने तथा सम्बन्धित क्षेत्रों का साहित्यिक व सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन किया जाना है। भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न कालखण्डों में की गई यात्राओं और यात्रा पथ का अवलोकन, भ्रमण, पुरातात्विक एवं भौगोलिक सर्वेक्षण, लोक स्मृति एवं अन्य साक्षों के आधार पर अध्ययन एवं दस्तावेजीकरण के लिए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समिति एवं शोध सर्वेक्षण विशेषज्ञ समिति का गठन किया जा चुका है। श्रीकृष्ण के आध्यात्मिक, पौराणिक एवं दार्शनिक पहलुओं पर चर्चा के लिए देश के साधु-संतों, मनीषियों के साथ बैठक जल्द ही की जाएगी।
साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित
श्रीकृष्ण से संबंधित विशेष तिथियों एवं अवसरों पर साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जाएगी, ताकि सभी संबंधित स्थलों पर एवं लोकांचलों से श्रीकृष्ण एवं श्रीकृष्ण की परंपरा को लेकर अधिकतम जानकारी, सामग्री व साक्ष्य प्राप्त हो सकें। विरासत से विकास एवं लोकश्रुति आधारित आस्था स्थलों, चिन्हों, प्रतीकों को संधारित संरक्षित करने के साथ-साथ श्रीकृष्ण संबंधी आस्था स्थलों का जीर्णोद्धार आदि का समुचित प्रबंधन भी किया जाएगा। उज्जैन में 64 कलाओं और 14 विद्याओं की विधिवत शिक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय सांदीपनि वैदिक गुरूकुल की स्थापना की जाएगी। मप्र, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, केरल, कर्नाटक, दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा, असम, मणिपुर जैसे राज्यों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इसके साथ ही दुबई में भी कार्यक्रम किए जाने की योजना है।
गीता भवन की स्थापना
सांस्कृतिक समृद्धि की संभावना के दृष्टिगत सभागारों, कंम्युनिटी सेंटरों और धर्मशालाओं के निर्माण के संबंध में पहल की जाएगी एवं प्रदेश में जिला स्तर पर गीता पवन की स्थापना की जाएगी। श्रीकृष्ण के बत्तीस सौ से भी अधिक मंदिरों में साफ-सफाई, रख-रखाव कार्य एवं जीर्णोद्धार आदि कराया जाएगा। यात्रा पथ पर पडऩे वाले भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों एवं उसमें स्थित जलसंरचनाओं का संरक्षण करने भी प्रस्तावित है। श्रीकृष्ण की अवधारणाओं के अनुरूप शिक्षा, संस्कृति, कृषि, गौ एवं पशुधन संवर्धन किया जाएगा।
श्रीकृष्ण-रुक्मिणी लोक बनेगा
अमझेरा, जिला धार में श्रीकृष्ण रुक्मिणी लोक की स्थापना। इसी के साथ श्रीकृष्ण लीला गुरूकुल की स्थापना होगी। यह गुरूकुल चित्रकला, मूर्तिकला, पारंपरिक नृत्य-संगीत की शिक्षा का केन्द्र होगा। यहां मुख्य रूप से श्रीकृष्ण से जुड़े विभिन्न सांस्कृतिक प्रकारों की शिक्षा-दीक्षा का कार्य होगा।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव
गीता जयंती के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन उज्जैन में किया जाएगा। अंतरराज्यीय प्रवेश मार्गों में भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण किया जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण को लेकर एक यू-ट्यूब चैनल की स्थापना की योजना है। श्रीकृष्ण केंद्रित पुस्तकों, शोध, सर्वेक्षण व अन्य साक्ष्यों के आधार पर नाट्य, संगीत एवं यू-ट्यूब सीरीज का निर्माण करना है। उज्जैन में श्रीकृष्ण पर केंद्रित उपलब्ध साहित्य हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत एवं अन्य भाषाओं में संकलित कर विकसित ग्रंथालय की स्थापना की जाएगी।

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