- दशकों से भाजपा का गढ़ है यह सीट
- विनोद उपाध्याय

भाजपा की दशकों से गढ़ बनी हुए प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल की खजुराहो ऐसी लोकसभा सीट है, जो दशकों से भाजपा का गढ़ है। कांग्रेस व सपा के बीच हुए समझौते में यह सीट सपा के खाते में गई है। इस सीट को सपा द्वारा अपनी पसंद के आधार पर ही मांगा गया था। सीट मिलने के बाद से अब तक सपा किसे प्रत्याशी बनाएगी यह तय होना तो दूर, संभावित उम्मीदवार के नाम तक चर्चा में नहीं आ पा रहा है। इसकी वजह है प्रदेश में सपा के पास ऐसा कोई दमदार चेहरा नहीं है, जिसको लेकर जीत के दावे किए जा सके। इस वजह से सपा द्वारा किसी ऐसे चेहरे की तलाश की जा रही है, जिस पर दांव लगाया जा सके। सपा इस सीट पर सिर्फ जातीय और सामाजिक समीकरणों के हिसाब किताब में ही उलझी नजर आ रही है। इस सीट पर दूसरे चरण में चुनाव होना है। इसके लिए 26 अप्रैल को मतदान होगा। प्रदेश में पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरु हो चुकी है, लेकिन सपा और उसके सहयोगी दल कांग्रेस के 18 प्रत्याशी अब तक घोषित नहीं हुए हैं। मध्यप्रदेश में चार चरणों में चुनाव होगा। प्रदेश में कुल 29 लोकसभा सीटें हैं। विपक्षी गठबंधन (इंडिया) में हुए समझौते के तहत कांग्रेस 28 सीटों पर चुनाव लडऩे जा रही है, जबकि एक सीट पर सपा। सपा ने अपनी पसंद के अनुसार खुजराहो सीट ली है। इसकी वजह है इस सीट का उप्र के सीमाई इलाकों से लगा होना। इसके अलावा पूर्व की विधानसभा में इस लोकसभा सीट के तहत आने वाली एक विधानसभा सीट पर सपा को जीत भी मिली थी। सीमाई सीट होने की वजह से कुछ इलाके में सपा का प्रभाव भी दिखाई देता है। विधानसभा चुनाव में भी खुजराहो में दो स्थानों पर सपा के मुखिया अखिलेश यादव प्रचार करने के लिए आए थे। यह बात अलग है कि पार्टी को विधानसभा में एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई। सीट शेयरिंग में सपा ने कांग्रेस से खजुराहो सीट भले ले ली है लेकिन वहां से चुनाव कौन लड़ेगा, यह बड़ा सवाल अब भी बना हुआ है।
उछाला जा रहा है बच्चन परिवार का नाम
समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी कौन होगा, इसको लेकर कोई भी कुछ भी कुछ भी कहने की स्थिति में नही है। बहुत सारे कयास जरूर लगाए जा रहे है। उनमें से एक नाम अभिनेता अभिषेक बच्चन का। उनकी मां और फिल्म अभिनेत्री जया बच्चन समाजवादी पार्टी की सांसद है। माना जा रहा था कि हाई प्रोफाइल चेहरे के तौर पर सपा बच्चन परिवार पर दांव लगा सकती है। इसे बल तब मिला, जब अभिषेक बच्चन और पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई।
तीन जिलों से मिलकर बनी है सीट
खजुराहो लोकसभा सीट में 20 लाख से अधिक मतदाता है। जो तीन जिले की आठ विधानसभाओं में निवासरत है। इसमें कटनी, पन्ना और छतरपुर जिले शामिल है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका कटनी निभाता है। ऐसा इसलिए कि कटनी जिले में कुल चार विधानसभा सीटें है। काटनी की बड़वारा विधानसभा सीट शहडोल लोकसभा में शामिल है, जबकि मुडवारा, बहोरीबंद और विजयराघवगढ़ विधानसभा सीटें खजुराहो लोकसभा में शामिल है। छतरपुर जिले की दो और पन्ना की तीन विस सीटें खजुराहों में शामिल है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट के तहत आने वाली आठ विधानसभा सीटों में सर्वाधिक बहोरीबंद में सपा प्रत्याशी को 21598 वोट मिले है।
पिछली बार हुई थी जमानत जप्त
इस सीट पर पिछले चुनाव में सपा ने उप्र के रहने वाले सपा नेता वीर सिंह पटेल को प्रत्याशी बनाया था। पटेल सपा और बसपा गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी थे। तब उन्हें महज 40,077 वोट मिल सके थे, जिसकी वजह से उनकी जमानत तक जप्त हो गई थी। पिछली बार भी भाजपा प्रत्याशी वीडी शर्मा थे और इस बार भी वे ही हैं। पिछले चुनाव में वीडी को 8,11,135 वोट मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी कविता सिंह को 3,18,753 वोट मिले थे। अहम बात यह है कि इसके पहले भी साल 2014 के चुनाव में सपा प्रत्याशी को 40,069 वोट मिले थे। इसी तरह हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों पर नज़र डालें तो प्रदेश में सपा ने 71 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। इसके साथ ही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से समझौता भी किया था, लेकिन इसके बाद भी सपा का खाता तक नहीं खुल सका है। इन चुनावों में सपा को महज 0.46 फीसदी वोट मिले हैं। यह मत प्रतिशत 2018 के चुनाव के मुकाबले 0.1 फीसदी कम है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में सपा ने बिजावर सीट पर जीत दर्ज की थी। इस सीट से सपा प्रत्याशी राजेश शुक्ला चुनाव जीते थे। बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए। खजुराहो में कांग्रेस प्रत्याशी को जरूर सम्मानजनक मत मिले थे। सपा को भी इस बार के चुनाव में कांग्रेस के वोट बैंक से ही आस है।