बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जमाया सोन कुत्तों ने डेरा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भले ही शेर को जंगल का राजा कहा जाता है , लेकिन इनसे भी खतरनाक होती है कुत्तों की एक प्रजाति जिसे सोन या फिर आम बोलचाल की भाषा में लाल कुत्ता कहा जाता है। इन्हीं कुत्तों के एक झुंड ने इन दिनों बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अपना डेरा जमा लिया है। यही वजह है कि इन कुत्तों के झुंड के दिखने के बाद से सभी खौफ में हैं। दरअसल यह ऐसी प्रजाति का कुत्ता है, जिसके हमले से ताकतवर ख्ूाखंार जानवर तक डरते हैं। यही वजह है कि टाइगर भी उनसे दूरी बनाए रखने में ही बेहतरी समझता है। यूं तो बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अपने टाइगर्स के लिए देश-दुनिया में मशहूर है, पर यहां कई दुर्लभ प्राणी भी देखने को मिलते हैं। ऐसे में दुर्लभ प्राणी में शािमल सोन कुत्ता का झुंड यहां देखा गया है, जो काफी विचित्र होता है। इस प्रजाति के कुत्ते बेहद खतरनाक होते हैं। इन्हें अंग्रेजी में ढोले (डोले) कहते हैं और इसका साइंटिफिक नाम क्यिोन अलपाइंस है। इन्हें उस समय देख गया जब बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर परिक्षेत्र की पनपथा बीट में जब फील्ड स्टाफ गश्त कर रहा था, उसी दौरान सोनकुत्ते का एक झुंड तालाब में पानी पीते हुए नजर आया है।  बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इनका दिखना यहां के पारिस्थिकी तंत्र के लिए अच्छा है। इस प्रजाति के कुत्ते भोंकते नहीं हैं, बल्कि झुंड में एक दूसरे से कम्युनिकेट करने के लिए सीटी बजाते हैं। शिकार करने के लिए भी उसी जगह से सीटी बजाकर कम्युनिकेट करते हैं , इन्हें खास बनाता है।
शिकार की खौफनाक स्ट्रेटेजी
दौड़ते हुए शिकार को नोचना सोन कुत्ते की एक स्ट्रेटजी भी होती है, अचानक मिलने वाले गहरे घावों से शिकार थक हार कर वहीं बैठ जाता है, और फिर पूरा का पूरा झुंड एक साथ उस पर टूट पड़ता है। एक तरह से ये वन्य प्राणी शिकार को जिंदा ही नोच -नोच कर खा जाता है। हालांकि, शिकार को दौड़ते हुए जिंदा खाना उनकी आवश्यकता भी है ,क्योंकि यह शिकार को जल्दी-जल्दी निगलते भी जाते हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा भोजन हासिल कर सकें। सोन कुत्ता  अपने शिकार की प्रवृत्ति को लेकर खतरनाक भी होता है, और जंगल का राजा बाघ भी इनसे डरता है। वैसे तो ये टाइगर से दूर रहते हैं ,लेकिन अगर बाघिन के छोटे बच्चे भी इन्हें रास्ते में मिल गए तो ये उन्हें भी खा जाते हैं। इनके बारे में कहा जाता है कि ये बाघिन को ही सूंघ लेते हैं, और उनके बच्चों के मिल जाने पर उठा ले जाते हैं। ये झुंड में हमला करते हैं। हालांकि, बड़े बाघ का ये कुछ नहीं कर पाते।
जिंदा शिकार खा जाता है सोन कुत्ता
यह दुर्लभ वन्य प्राणी अपने आचार्य व्यवहार में भी बहुत दुर्लभ है। बाघ या चीता जैसे ज्यादातर मांसाहारी वन्य प्राणी जब शिकार करते हैं, तो शिकार को पूरी तरह से मारने के बाद ही उसे खाना शुरू करते हैं, लेकिन ये सोनकुत्ता शिकार के जिंदा रहते ही उसे खाने लगता है। यह  शिकार को दौड़ाता जाएगा और पैर में, कमर में और शरीर के पिछले हिस्से में जहां मिलेगा उसे नोंचकर खाता जाता है।

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