…तो हर माह कम होगी लाड़ली बहना

  • कल लाड़ली बहनों के खाते में आएगी राशि…
  • गौरव चौहान
लाड़ली बहना

कल एक बार फिर लाड़ली बहनों के खाते में 1250-1250 रुपए की राशि आएगी। बहनों को इस राशि का इंतजार है। उधर, सूत्रों की मानें तो इस बार भी इस योजना का लाभ लेने वाली महिलाओं की संख्या में कमी आएगी। इसके पीछे वजह यह है कि फिलहाल लाड़ली बहना के फॉर्म नहीं भरे जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ महिलाएं उम्र की सीमा पार कर रही हैं। ऐसे में जब तक नए फॉर्म नहीं भरे जाते हैं, तब तक हर माह लाड़ली बहनों की संख्या कम होती जाएगी।
गौरतलब है कि वित्तीय संकट के बीच मप्र सरकार मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में 10 फरवरी को महिलाओं के खाते में राशि ट्रांसफर करेंगी। सरकार ने योजना में महिलाओं के खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए राशि जुटा ली है। भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष माया नारोलिया का कहना है कि 10 तारीख को लाड़ली बहना योजना में महिलाओं के खाते में राशि ट्रांसफर होगी। योजना कभी भी बंद नहीं होगी। उधर, मप्र महिला कांग्रेस अध्यक्ष विभा पटेल का कहना है कि लाड़ली बहना योजना में पिछले महीने दो लाख महिलाओं के नाम काट दिए गए थे। यह महिलाओं के साथ धोखा है। सरकार को अपनी घोषणा के अनुसार योजना में राशि बढ़ाकर 3 हजार रुपए करना चाहिए।
जनवरी में दो लाख कम हो गई थीं बहनें
गौरतलब है कि योजना में दिसंबर के मुकाबले जनवरी में दो लाख कम महिलाओं के खाते में राशि ट्रांसफर की गई थी। दिसंबर में 1.31 करोड़ महिलाओं के खाते में, जबकि जनवरी में 1.29 करोड़ महिलाओं के खाते में राशि ट्रांसफर हुई थी। इसको लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए भविष्य में योजना के बंद होने की आशंका जताई थी। इसके जवाब में सरकार की तरफ से कहा गया था कि कुछ महिलाओं की उम्र 60 वर्ष के पार होने, कुछ की मृत्यु होने और कुछ महिलाओं द्वारा स्वेच्छा से योजना का लाभ छोड़ने के कारण योजना में हितग्राहियों की संख्या में कमी आई है। हालांकि योजना से बाहर किए जाने को लेकर बड़ी संख्या में महिलाओं ने नाराजगी व्यक्त करते हुए महिला बाल विकास विभाग को शिकायत की थी। देखना होगा की इस महीने योजना में उनके नाम जुड़ते हैं या नहीं?  तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 28 जनवरी, 2023 को नर्मदा जयंती के अवसर पर लाड़ली बहना योजना की घोषणा करते हुए कहा था कि योजना में महिलाओं को हर महीने एक-एक हजार रुपए दिए जाएंगे। उन्होंने योजना में पात्र 1.25 करोड़ महिलाओं के खाते में 10 जून को जबलपुर से पहली किस्त के रूम में एक-एक हजार रुपए ट्रांसफर किए थे। साथ ही उन्होंने योजना में राशि एक हजार से बढक़र  क्रमश: 1250, 1500, 1750, 2000… होते हुए 3000 रुपए करने की घोषणा की थी। बाद में योजना में पात्र महिलाओं की संख्या 1.25 करोड़ से बढक़र  1.31 करोड़ हो गई थी। योजना में अक्टूबर से राशि एक हजार से बढक़र 1250 रुपए कर दी गई थी।
गेम चेंजर बनी लाड़ली बहना…
माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली बंपर जीत में लाड़ली बहना योजना का बड़ा योगदान है। पूरे प्रदेश में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाजपा के पक्ष में वोटिंग की है। चुनाव के बाद योजना में राशि 1250 से बढ़ाकर 1500 रुपए किए जाने के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव ने 10 जनवरी को योजना की किस्त के रूप में एक करोड़ 29 लाख बहनों के खातों में 1576.61 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए थे। पिछले महीनों के मुकाबले जनवरी में योजना में महिलाओं की संख्या दो लाख कम होने पर कांग्रेस ने सरकार को जमकर घेरा था।
लाड़ली बहनों के लिए खुला पिटारा
लाड़ली बहना योजना के लिए सरकार को हर महीने करीब 1000 करोड़ रुपए की जरूरत होती है। उस तरह योजना के लिए हर साल सरकार को 19 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की जरूरत होगी। वित्तीय संकट से जूझ रही सरकार हर महीने लोन लेकर काम चला रही है। ऐसे में लाड़ली बहना योजना के लिए इतनी बड़ी रकम जुटाने में सरकार को मुश्किल होती है। हालांकि गुरूवार को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 30265 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक अनुमान प्रस्तुत किया, तो उसमें महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 के लिए 1648 करोड़ का प्रावधान किया है।

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