भोपाल सहित अन्य शहरों में लगाए जाएंगे स्मार्ट मीटर

  • मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने कर ली तैयारी

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र सरकार आरडीएसएस यानी रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत अब बिजली उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने जा रही है। केंद्र सरकार की इस योजना में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यक्षेत्र में अब स्मार्ट मीटर लगने जा रही है। कंपनी द्वारा 41 लाख 35 हजार 791 स्मार्ट मीटर स्थापना के कार्य स्वीकृत हुए हैं। इसके तहत कंपनी क्षेत्र में समस्त वितरण-ट्रांसफार्मरों (कृषि श्रेणी को छोडक़र) एवं कृषि श्रेणी के अलावा समस्त उपभोक्ताओं के मीटर, स्मार्ट मीटरों से बदले जाने हैं। दरअसल, बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने और बिजली चोरी रोकने के लिए देशभर में स्मार्ट मीटर लगाने का काम चल रहा है। बिजली उपभोक्ताओं को बिजली इस्तेमाल करने से पहले मोबाइल की तरह ही स्मार्ट मीटर को रिचार्ज करना होगा और उपभोक्ता बैलेंस के आधार पर ही बिजली का इस्तेमाल कर सकेंगे। पैसे खत्म होने पर बिजली अपने आप कट जाएगी। जानकारों का कहना है कि यह व्यवस्था उपभोक्ताओं के लिए काफी फायदेमंद है।
    प्रोजेक्ट की शुरुआत भोपाल
    मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यक्षेत्र में अब स्मार्ट मीटर लगने जा रही है। स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट के पार्ट-1 में कुल नौ लाख 77 हजार 48 विद्युत-उपभोक्ताओं (जिसमें समस्त उच्च दाब उपभोक्ता, औद्योगिक उपभोक्ता एवं ब्लाक-स्तर व ऊपर के शासकीय कार्यालय सम्मिलित हैं), नौ हजार 477 विद्युत उप केंद्र, फीडरों एवं एक लाख 55 हजार 515 वितरण ट्रांसफार्मरों पर स्मार्ट मीटर स्थापित किए जाने हैं। विद्युत उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर स्थापना का यह कार्य प्रमुख रूप से भोपाल, सीहोर, विदिशा, नर्मदापुरम, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, गुना एवं शिवपुरी जिलों में किया जाना है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत भोपाल (शहर) वृत्त से की जा रही है, जहां पर दो लाख आठ हजार 128 स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। एएमआईपीएस द्वारा 13 अक्टूबर 2024 तक कम से कम 57 हजार 102 स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। इसके बाद हर माह कम से कम 54 हजार 247 स्मार्ट मीटर लगाकर 13 जून 2026 तक 11 लाख 42 हजार 40 स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट के तहत सर्वप्रथम 11 केव्ही फीडर वार कंज्यूमर-इंडेक्सिंग कार्य किया जाएगा, जिसके तहत सर्वेक्षकों द्वारा प्रत्येक वितरण-ट्रांसफार्मर एवं उससे जुड़े विद्युत कनेक्शनों का समस्त विवरण मोबाइल-एप पर एकत्र किया जाएगा। सर्वेक्षण के दौरान विद्युत-कनेक्शनों के जीपीएस लोकेशन के साथ-साथ मीटर और सर्विस लाइन की वस्तुस्थिति भी मौके पर जांची जाएगी। उपभोक्ता प्रतिष्ठानों में मीटर स्थापना के लिए आवश्यक होने पर सर्विस लाइन बदलने एवं मीटर शिफ्टिंग का कार्य भी किया जाएगा।
    स्मार्ट मीटर के फायदे…
    सुरक्षा निधि से छूट एवं पहले से जमा सुरक्षा-राशि से पहला रिचार्ज। मौजूदा टैरिफ के अनुसार घरेलू एवं गैर घरेलू (व्यावसायिक) बिल में 25 पैसे प्रति यूनिट की छूट तथा ऊर्जा-प्रभार से जुड़े अन्य प्रभारों (यथा विद्युत-शुल्क, टी.ओ.डी. सरचार्ज, पॉवर फैक्टर सरचाज) की घटी विद्युत दर से गणना। प्रत्येक भुगतान पर बिल राशि के 0-5 प्रतिशत (न्यूनतम 5 रुपये) की छूट। घरेलू श्रेणी में छूट की कोई अधिकतम सीमा नहीं जबकि अन्य श्रेणियों में छूट की अधिकतम सीमा 20 रुपये। – मीटर में बैलेंस खत्म होने के बाद भी अगले तीन दिन तक बगैर विद्युत विच्छेदन के रिचार्ज की सुविधा। भार की हर 15 मिनट में अद्यतन जानकारी मोबाइल में उपलब्ध, जिससे विद्युत के किफायती उपयोग से बिजली बिल में कटौती की जा सकेगी। विद्युत खपत, विद्युत प्रभार एवं बैलेंस राशि की प्रतिदिन की जानकारी मोबाइल एप एवं पोर्टल में उपलब्ध। भविष्य में सोलर रुफ टाप कनेक्शन लेने पर पए मीटर-माडेम खरीदने की आवश्यकता नहीं। मध्य प्रदेश में इंदौर, जबलपुर सहित 20 से अधिक जिलों में अब तक लगभग 10 लाख स्मार्ट मीटर सफलतापूर्वक लगाए जा चुके हैं।

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