मंत्री गोविंद राजपूत की बेनामी संपत्ति की हो जांच: सिंघार

  • कांग्रेस ने लोकायुक्त को सौंपे परिवहन के घोटाले से जुड़े दस्तावेज

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मप्र विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस परिवहन विभाग के भ्रष्टाचार को लेकर हमलावर है। इसी सिलसिले में कांग्रेस विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में लोकायुक्त से भेंट की और मंत्री गोविंद राजपूत सहित परिवहन घोटाले की जांच की मांग की। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने लोकायुक्त को मंत्री गोविंद राजपूत की हजारों करोड़ की बेनामी संपत्ति के दस्तावेज भी सौंपे। नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायकों ने लोकायुक्त को एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें कहा गया है कि गोविन्द सिंह राजपूत मंत्री मप्र शासन के द्वारा लोक सेवक के पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार कर अपने स्वयं एवं पत्नी तथा पुत्रों, रिश्तेदारों एवं अन्य लोगों के नाम से सैकड़ों एकड़ जमीन अवैध लेनदेन कर खरीदने एवं बेनामी अवैध संव्यवहार की जांच किए जाने एवं सम्पत्ति अटैच करने की मांग की गई। उन्होंने कहा कि पिछले 3 महीने से इस मामले में सरकार की ओर से लीपापोती की जा रही है। इसकी जांच की गति धीमी की जा रही है। करोड़ों रुपए का घोटाला है। प्रदेश की जनता का पैसा है।सोने की ईंटें निकल रही हैं लेकिन जनता को पता नहीं है कि यह किसकी हैं। यह जनता की गाढ़ी कमाई से खरीदी गई ईंटें हैं।
बजट 200 करोड़ का घोटाला 5 हजार करोड़
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि परिवहन का बजट 150- 200 करोड़ रुपए का है और घोटाला 5 हजार करोड़ का होता है। उन्होंने कहा कि सोने की ईंट मिल रही है, यह किसकी है जांच एजेंसी बता नहीं पा रही हैं। उमंग सिंघार ने ये भी कहा कि इसमें करोड़ों की प्रॉपर्टी खरीदी गई, जिसके प्रमाण हमने लोकायुक्त को दिए हैं और लोकायुक्त ने जांच करने का आश्वासन दिया है। सरकार बताए कि इस मामले में बड़े मगरमच्छों पर कार्रवाई कब होगी। कांग्रेस विधायकों ने लोकायुक्त से भेंट कर जांच की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि परिवहन घोटाले में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार की खबरें सामने आयी हैं। यह एक गंभीर मुद्दा है जो प्रदेश की जनता की कमाई का दुरुपयोग और प्रशासनिक पारदर्शिता की कमी को दर्शाता है।
जांच हुई तो बड़े मगरमच्छ पकड़े जाएंगे
उमंग सिंघार ने यह भी आरोप लगाए कि डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति चुनावी घोषणा पत्र में छुपाई गई है। प्रमाण के साथ हमने कागज दिए हैं। लोकायुक्त ने जांच करने का आश्वासन दिया है। कांग्रेस ने यही मांग की है कि इसकी जांच पूरी हो। इतनी सारी जांच एजेंसी होने के बावजूद भी सरकार इसे छुपा रही है। अगर जांच होगी तो बड़े मगरमच्छ भी इसमें पकड़े जाएंगे। उमंग सिंघार ने बताया कि किस तरह जनता के पैसों से यह लोग सोना-चांदी खरीद रहे थे। इस पूरे प्रकरण में तीन-तीन जांच एजेंसियों ने जांच करी, लेकिन अभी तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आए हैं। इसको लेकर भी हमने लोकायुक्त से बात की है कि इस पूरे मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए।
जांच कर संपत्ति अटैच करने की मांग
उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि परिवहन घोटाले में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। मगर जांच के नाम पर सिर्फ लापरवाही हो रही है। भाजपा के बड़े नेताओं ने कई बड़े पदों पर रहते हुए भ्रष्टाचार कर अपने स्वयं एवं पत्नी तथा पुत्रों, रिश्तेदारों और अन्य लोगों के नाम से सैकड़ों एकड़ जमीनों की अवैध लेनदेन कर खरीदी की है। इस बेनामी अवैध संव्यवहार की जांच किये जाने और संपत्ति अटैच करने की मांग को लेकर लोकायुक्त से मुलाकात कर उनसे जांच की मांग की ताकि प्रदेश की आम जनता की मेहनत की कमाई के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोका जा सके।

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