सिंहस्थ 2028: यात्रा सुगम बनाने मोहन सरकार का मेगा प्लान

सिंहस्थ 2028
  • उज्जैन को हेलीपेड और एयरपोर्ट की सौगात

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश में साल 2028 में सिंहस्थ महाकुंभ होने जा रहा है। शासन ने उज्जैन में लगभग 2372 हेक्टेयर भूमि पर 5000 करोड़ में स्थाई कुंभ सिटी बनाने का निर्णय लिया है। लगभग 30 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान शासन ने लगाया है। 30 करोड़ श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने का मेगा प्लान भी मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशन में तैयार करना शुरू कर दिया है। सिंहस्थ 2028 में उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं को मध्यप्रदेश सरकार कम समय में सुविधा देने के लिए प्रयासरत है। एक और रेलवे स्पेशल ट्रेनों को चलाने की योजना पर काम कर रहा है तो वहीं उज्जैन को राष्ट्रीय राजमार्गों, सडक़ों के चौड़ीकरण, एलिवेटेड ब्रिज, मेट्रो, हेलीपेड और एयरपोर्ट की भी सौगात देने पर काम जारी है। हालांकि एयरपोर्ट को लेकर सिंहस्थ से पहले काम पूरा होने की संभावना पर संशय बना हुआ है। कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट के लिए एआई की टीम देवास रोड स्थित गांव दताना-मताना में हवाई पट्टी क्षेत्र का दौरा करके गई है। भूमि अधिग्रहण करने में कितने भूस्वामी और किसान आना है इसके लिए प्रशासन अपने स्तर पर सर्वे कर रहा है। केंद्रीय विमानन मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने भूअर्जन की तैयारी शुरू की है। कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने बताया कि उज्जैन एयरपोर्ट का रन-वे 1800 मीटर लंबा होगा। अभी यहां कोड-ए श्रेणी का 1077 मीटर लंबा और 23 मीटर चौड़ा रन-वे है, जो ट्रेनिंग विमानों के लिए उपयुक्त है। एयरपोर्ट बनाने के लिए लगभग 250 एकड़ जमीन और चाहिए होगी। अभी 95 एकड़ ही उपलब्ध है। एयरपोर्ट निर्माण के लिए एयर इंडिया एक्सप्रेस ने फ्लाई भारती के साथ 750 करोड़ रुपये के निवेश का एमओयू साइन किया है।
कनेक्टिविटी आसान होने से रोजगार
जानकारों के अनुसार बेहतर कनेक्टिविटी से आर्थिक और सामाजिक विकास तेजी से होता है। क्षेत्रीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिलना, वहीं उज्जैन लगभग सभी दिशाओं से राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ गया है। सभी पहुंच मार्ग फोरलेन में तब्दील हो गए हैं। ट्रांसपोर्टेशन में आसानी होने लगी है। जमीनों के दाम कई गुना बढ़ गए हैं। औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में ये एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इंदौर एयरपोर्ट पर बढ़ता एयर ट्रैफिक भी कंट्रोल होगा।
 2 नए रेलवे स्टेशन हो रहे तैयार
 सिंहस्थ 2028 को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। गत दिनों नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सिंहस्थ की तैयारियों की समीक्षा बैठक हुई। इस दौरान यहां सिंहस्थ से जुड़े विकास कार्यों को लेकर अहम फैसले लिए गए। बैठक में 11 सडक़ों के निर्माण और उन्हें सिंहस्थ मेला क्षेत्र से लेकर बायपास तक जोडऩे की अनुशंसा की गई। कलेक्टर रोशन कुमार सिंह के मुताबिक इस बैठक में छत्रीचौक स्थित रीगल टॉकीज पर पार्किंग, प्लाजा व दुकानों के निर्माण, मेला कार्यालय व जोन कार्यालय, उज्जैन रेलवे स्टेशन के दोनों ओर 12 मीटर चौड़ाई के फुट ओवर ब्रिज के निर्माण के प्रस्ताव भी रखे गए। इसके साथ ही नागदा व मक्सी स्टेशन के रेनोवेशन को लेकर भ जरूरी दिशा निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने बताया कि सिंहस्थ 2028 के लिए उज्जैन से पहले 2 स्टेशनों को तैयार किया जा रहा है। इन दोनों स्टेशनों पर स्पेशल ट्रेनों का हॉल्ट दिया जाएगा। सिंहस्थ में भीड़ को मैनेज करने के लिए ऐसे कई फैसले लिए जाएंगे। कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय शुक्ला की अध्यक्षता में सिंहस्थ 2028 के कार्यों के क्रियान्वयन के लिए वीसी हुई थी। बैठक में उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा बनाई जाने वाली 11 सडक़ों के निर्माण की अनुशंसा की गई।
बनाए जा रहे नए हेलीपेड
उज्जैन में देवास रोड स्थित दताना मताना गांव में हवाई पट्टी है। जिसे एयरपोर्ट के लिए चुना गया है। देवास रोड पर ही पुलिस लाइन में हेलीपेड बने हुए है जहां 3 हेलीकॉप्टर उतारे जा सकते हैं। एक नया हेलीपेड श्री महाकालेश्वर मंदिर के पास सदावल गांव में लोक निर्माण विभाग के माध्यम से बनने जा रहा है। जहां 4 हेलीकॉप्टर को उतारने की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा उज्जैन के अलग अलग तहसील क्षेत्रों में भी इमरजेंसी हेलीपेड की सुविधा की जा रही है। उज्जैन से गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र आने जाने के लिए करोड़ों की लागत से सडक़ों का निर्माण किया गया है। 2 खास राष्ट्रीय राजमार्ग इसमें शामिल हैं। एक उज्जैन-बदनावर, दूसरा आगरा-मुंबई। आस पास के जिलों की कनेक्टिविटी के लिए जिसमें मुख्य रूप से इंदौर, रतलाम को 4 एवं 6 लेन और इंदौर से उज्जैन मेट्रो ट्रेन को लाने पर काम जारी है।

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