श्रीमंत बनेंगे केंद्रीय मंत्री, टीम वीडी में उनके समर्थकों को मिलेगी पूरी तवज्जो

भाजपा

-सिंधिया के तीन दिवसीय  दौरे पर आने  से पहले प्रदेश भाजपा में कई तरह के नए समीकरण बनने  लगे हैं

भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में भाजपा संगठन और सरकार के विस्तार को लेकर जारी कवायद के बीच श्रीमंत समर्थकों के लिए एक साथ दो अच्छी खबरें आई हैं। पहली यह कि श्रीमंत का जल्द ही केन्द्रीय मंत्री बनना तय हो गया है और दूसरी खबर यह है कि उनके समर्थकों को संगठन में रिक्त पदों पर तवज्जो दिए जाने का तय होना।
यह दोनों खुशखबरी उनके समर्थकों को ऐसे समय मिली हैं जब तीन दिवसीय दौरे पर श्रीमंत दो दिन बाद आने वाले हैं। इसकी वजह से प्रदेश भाजपा में कई तरह के नए समीकरण बनने के कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि अगले हफ्ते केन्द्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता  है। इस विस्तार में श्रीमंत को मंत्री बनाकर एचआरडी मंत्रालय का जिम्मा दिया जा सकता है।  इसके साथ ही मप्र के कोटे से बने किसी एक केन्द्रीय मंत्री को बाहर किया जाना भी तय माना जा रहा है। दरअसल इन दिनों पार्टी के प्रदेश में मौजूद सभी बड़े नेता प्रदेश कार्यकारिणी में अपने-अपने समर्थकों को जगह दिलाने के प्रयास में लगे हुए हैं। इस बीच की जा रही कवायद में वे अब तक पूरे परिदृश्य से भले ही गायब दिखे हों, लेकिन केन्द्रीय संगठन से उन्हें महत्व देने के संकेत दिए जा चुके हैं। इस बीच संगठन में शामिल नामों को तय करने के लिए श्रीमंत नौ जून से प्रदेश के प्रवास पर आ रहे हैं। कोरोना महामारी के बाद यह उनका पहला प्रदेश का दौरा है। इस दौरान वे भोपाल में दो दिन रहने वाले हैं। इस दौरान उनकी मुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के अलावा कई अन्य प्रमुख नेताओं से मुलाकात पहले से तय है।
माना जा रहा है कि इस दौरान संगठन में किन लोगों को लेना है और किस पद पर लेना है यह तय हो जाएगा। इसके लिए श्रीमंत के दौरे से पहले संगठन व सत्ता के बीच कई दौर में मंथन किया जा चुका है। हालांकि इस मामले में कहा जा रहा है कि एक राय नहीं बन सकी है , लेकिन अब माना जा रहा है कि श्रीमंत समर्थकों को मंत्रिमंडल की ही तरह कार्यकारिणी में भी पूरी तवज्जो दी जाएगी। इसके लिए श्रीमंत से तय किए गए नामों पर मुहर लगानी है। माना जा रहा है कि  श्रीमंत की नौ जून को संगठन नेताओं और सीएम के साथ होने वाली बैठक में नामों को अंतिम रुप दे दिया जाएगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक श्रीमंत समर्थक करीब डेढ़  दर्जन नेताओं को संगठन में शामिल किया जाएगा, जिसमें प्रवक्ता से लेकर मीडिया पेनालिस्ट में तो श्रीमंत समर्थकों को जगह दी ही जाएगी साथ ही करीब एक दर्जन से अधिक नेताओं को प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य बनाए जाने की संभावना है। दरअसल श्रीमंत समर्थकों के अलावा भाजपा के कई बड़े नेता भी अपने समर्थकों को अधिक से अधिक समायोजित कराना चाहते हैं।
यही वजह है कि अब तक यह मामला  लगातार मंथन और बैठकों के बाद भी सुलझने के बजाए उलझता ही गया है। खास बात यह  है कि संगठन के सभी प्रमुख नेता इस संबंध में संघ के क्षेत्रीय प्रमुख दीपक विस्पुते से लेकर मुख्यमंत्री तक से कई दौर की चर्चा कर चुके हैं। गौरतलब है कि प्रदेश भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्यों की सूची लंबे समय से घोषित नहीं हो पा रही है। इसके अलावा संगठन द्वारा प्रदेश प्रवक्ताओं और पेनालिस्टों की सूची भी इसी वजह से जारी नहीं की जा पा रही है। इसकी जो वजह सामने आ रही है, उसके मुताबिक संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर समर्थकों को एडजस्ट नहीं किए जाने की वजह से अब श्रीमंत अपने समर्थकों के लिए शेष रहे पदों में समायोजित करने की मांग रही है।
दो दिन बाद यह मामला सुलझने के बाद कभी भी इन रिक्त चल रहे पदों को भरने की घोषणा कर दी जाएगी। दरअसल कार्यकारिणी का पूरी तरह से गठन न हो पाने की वजह से उसकी बैठकें भी लंबे समय से नहीं हो पा रही है, जबकि पार्टी संविधान के अनुसार हर तीन माह में बैठक होनी चाहिए। इन बैठकों में बीते तीन माह के कामकाज की समीक्षा के साथ ही अगले तीन माह के कार्यक्रमों की योजना तैयार करने का काम किया जाता है। इसकी वजह से पार्टी की मैदानी स्तर पर लगातार सक्रियता में भी कमी होती जा रही है।
यह नेता भी चाहते हैं अपने समर्थकों के लिए पद
बताया जाता है कि संगठन में रिक्त पदों पर केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित कई अन्य नेता भी अपने समर्थकों को अधिकाधिक समायोजित कराना चाहते हैं। यही वजह है कि मेल-मुलाकातों के समय इस मामले में सभी नेताओं ने अपनी इच्छा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को बता दी है। इन नामों को लेकर वीडी शर्मा संगठन महामंत्री सुहास भगत एवं सह संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संघ कार्यालय जाकर विचार-विमर्श कर चुके हैं।

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