शिवराज की योजनाएं मोहन ‘राज’ पर भारी

  • कर्ज में डूबा योजनाओं का मध्यप्रदेश
  • विनोद उपाध्याय
शिवराज की योजनाएं

मध्य प्रदेश में चल रही योजनाओं से पूरा प्रदेश कर्ज में डूब रहा है। इन सबके बीच मध्य प्रदेश में रहने वाले प्रति व्यक्ति पर लगातार कर्ज बढ़ता जा रहा है। दरअसल, पूर्ववर्ती शिवराज सरकार द्वारा कर्ज लेकर शुरू की गई योजनाएं  और वित्तीय कुशासन मौजूदा मोहन यादव सरकार के लिए सिरदर्द बन चुकी हैं। हालत यह है कि राज्य सरकार के पास लाडली बहना योजना जारी रखने के लिए भी फंड नहीं है। योजना की किश्त देने व अन्य योजनाओं के संचालन हेतु अब मोहन यादव सरकार को ताबड़तोड़ कर्ज लेना पड़ रहा है।  हैरत की बात यह है कि दिग्विजय सिंह सरकार पर जितना कर्ज था, उससे अधिक वर्तमान सरकार केवल ब्याज भर रही है। आलम यह है कि सरकार को हर माह कर्ज लेना पड़ रहा है। मोहन सरकार नए साल में दो माह के अंतराल में तीसरी बार कर्ज लेने की तैयारी में है। इस बार 20 फरवरी को तीन अलग-अलग रूपों में पांच हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिए जाने की तैयारी है। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश में कई ऐसी योजनाएं चल रही हैं, जो सरकार के खजाने को खाली कर रही हैं। इनमें लाड़ली बहना योजना सबसे भारी पड़ रही है। दरअसल, सरकार लोकसभा चुनाव तक पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के कार्यकाल की सभी योजनाओं को चालू रखना चाहती है और किसी तरह के विवाद की स्थिति नहीं बनने देना चाहती। इसलिए कर्ज की व्यवस्था पहले से की जा रही है। आरबीआई की गाइड लाइन के आधार पर वित्त वर्ष की समाप्ति पर अप्रैल में कर्ज लेने की स्थिति साफ  होगी। इसलिए सरकार अप्रैल के खर्च को ध्यान में रखते हुए मार्च में और कर्ज लेने की तैयारी कर रही है।  वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि वित्त वर्ष समाप्ति के पहले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर सरकार यह कर्ज ले रही है ताकि, सरकार का वित्तीय ढांचा न चरमराने पाए।  
अबकी बार पांच हजार करोड़ रुपए का कर्ज
प्रदेश सरकार इस बार 20 फरवरी को तीन अलग-अलग रूपों में पांच हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिए जाने की तैयारी है। इसके पहले वर्ष 2024 में राज्य सरकार 23 जनवरी को 2500 और 6 फरवरी को अलग-अलग 1500- 1500 करोड़ रुपए के कर्ज ले चुकी है। मोहन यादव सरकार वित्त वर्ष समाप्ति के पहले 20 फरवरी को बिडिंग के जरिये कुल 5000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने की प्रक्रिया पूरी करने जा रही है और 21 फरवरी को कर्ज सरकार को मिल जाएगा। इसके लिए तीन प्रोसेस पूरी की जाएंगी। पहली और दूसरी प्रोसेस में सरकार 16 और 20 साल के लिए 1500-1500 करोड़ के कर्ज लेगी, जिसकी अदायगी 21 फरवरी 2040 तक और 21 फरवरी 2044 तक करना होगी। इसके साथ ही एक अन्य कर्ज 2000 करोड़ रुपए का लिया जाएगा। इसकी अदायगी 21 फरवरी 2045 तक करना होगा। वित्त विभाग के अफसरों के अनुसार 31 मार्च के पहले राज्य सरकार पांच हजार करोड़ रुपए तक का कर्ज और ले सकती है। इसके पूर्व सरकार ने 23 जनवरी को 2500 करोड़ का कर्ज लिया था, जिसकी अदायगी 24 जनवरी 2040 तक करना है। इसके 15 दिन के भीतर ही फिर 6 फरवरी को लिया गया 3 हजार करोड़ का नया कर्ज लिया गया। यह तीन हजार रुपए का कर्ज 1500-1500 करोड़ के रूप में 16 और 17 वर्षों की अवधि के लिए लिया गया है। शिवराज सरकार ने भी बड़ी संख्या में कर्ज लिया। 2023 में शिवराज सरकार में लिए गए कर्ज की बात करें तो 25 जनवरी 2023 को सरकार ने 2000 हजार रुपए का कर्ज लिया। जिसके बाद 2 फरवरी को 3000 करोड़, जिसके बाद 2023 के फरवरी महीने की 9 तारीख को फिर 3000 हजार करोड़ का कर्ज लिया। साथ ही साथ इस महीने 16 और 23 फरवरी को 3-3 हजार करोड़ का कर्ज शिवराज सरकार ने लिया। 2 मार्च 2023 को दोबारा सरकार ने 3000 करोड़ का कर्ज लिया। फिर 9 मार्च 2000 करोड़, 17 मार्च को 4000 हजार करोड़, 24 मार्च को फिर 1000 करोड़ का कर्ज, इसके बाद 29 मई 2023 को 2000 करोड़, 14 जून को फिर 4000 करोड़ का कर्ज, 12 सितंबर को 1000 करोड़, 27 दिसंबर को 2000 करोड़ का कर्ज शिवराज सरकार में लिया गया था। दरअसल शिव सरकार वित्तीय अनुशासन बनाने में पूरी तरह से विफल रही है।
मोहन सरकार भी लगातार ले रही कर्ज
2023 विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद फिर बीजेपी सत्ता में आई और मोहन सरकार को मुख्यमंत्री बनाया गया, जिसके 1 महीने के अंदर में ही सरकार ने 23 जनवरी 2024 को 2500 करोड़ का फिर आरबीआई से कर्ज लिया। इसके 15 दिन बाद मोहन सरकार ने फिर 7 फरवरी 2024 को 3000 करोड़ रुपए का कर्ज ले लिया। इस तरह देखा जाए तो नई सरकार गठित होने के बाद सरकार ने अभी 5500 करोड़ का कर्ज लिया है। अब तक के सरकार के कुल कर्ज की बात करें तो करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज में सरकार डूबी हुई है और हर महीने लाडली बहना योजना के तहत सरकार 1200 से 1300 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। इसी कड़ी में अब प्रदेश सरकार 20 फरवरी को तीन अलग-अलग रूपों में पांच हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिए जाने की तैयारी है। अब देखना होगा कि सरकार और कितने कर्ज में डूबती है, क्योंकि कर्ज का भार सरकार पर जिनता रहेगा। उतना ही पैसा सरकार जनता से किसी ना किसी माध्यम से वसूलेगी। उदाहरण के लिए पेट्रोल-डीजल पर वेट -सेस और टोल टैक्स में बढ़ोतरी कर सरकार जनता से ही पैसों को वसूलती है।
सरकार ने कब-कब लिया कर्ज
25 जनवरी 2023- 2000 करोड़
02 फरवरी 2023- 3000 करोड़
09 फरवरी 2023- 3000 करोड़
16 फरवरी 2023-3000 करोड़
23 फरवरी 2023- 3000 करोड़
02 मार्च 2023- 3000 करोड़
09 मार्च 2023- 2000 करोड़
17 मार्च 2023- 4000 करोड़
24 मार्च 2023- 1000 करोड़
29 मई 2023- 2000 करोड़
14 जून 2023- 4000 करोड़
12 सितंबर 2023-1000 करोड़
27 दिसंबर 2023 -2000 करोड़
23 जनवरी 2024- 2500 करोड़
7 फरवरी 2024 – 3000 करोड़

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